रांची: स्थायीकरण और नियमावली की मांग को लेकर एक बार फिर राज्य के 65 हजार पारा शिक्षक आंदोलन के मूड में हैं. आंदोलन के लिए रूपरेखा तैयार कर ली गई है. पिछले कई सालों से मांग लंबित होने के कारण पारा शिक्षकों के सब्र का बांध टूट चुका है. अब वे अपनी मांगों को मनवाने के लिए अगस्त महीने में आंदोलन करेंगे.
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कई सालों से चल रहा है आंदोलन
अपनी मांगों को लेकर पारा शिक्षक कई बार उग्र आंदोलन कर चुके हैं. बीजेपी शासन में राज्यभर में जोरदार आंदोलन कर चुके पारा शिक्षकों को आश्वासन के सिवा कुछ भी नहीं मिला. सीएम हेमंत सोरेन ने नेता प्रतिपक्ष रहते हुए पारा शिक्षकों को आश्वासन दिया था कि अगर उनकी सरकार बनेगी तो राज्य के पारा शिक्षकों को स्थायी किया जाएगा और उनके हक में फैसले लिए जाएंगे. लेकिन इस सरकार में भी मांग पूरी नहीं होने से पारा शिक्षक नाराज हैं. शिक्षकों का कहना है कि बार-बार शिक्षा विभाग के साथ चर्चा की जाती है लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासन दिया जाता है. आगे कुछ भी नहीं होता है.
शिक्षा मंत्री से भी मिला था आश्वासन
राज्य के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा था कि उनके स्वस्थ होकर वापस लौटते ही पारा शिक्षकों के मुद्दे को सुलझाया जाएगा. लेकिन अब तक इस दिशा में ना तो मंत्री जगरनाथ महतो की ओर से कोई बयान ही दिया गया है और न ही अब मुख्यमंत्री इस मामले में खुलकर कुछ बोल रहे हैं. पारा शिक्षकों ने लगातार उन्हें बरगलाने का आरोप लगाया और कहा पिछली सरकार की तरह इस सरकार में भी उन्हें छला जा रहा है.
पारा शिक्षक करेंगे आंदोलन
अब एक बार फिर पारा शिक्षकों ने जोरदार आंदोलन करने की रणनीति बनाई है. एक अगस्त से पारा शिक्षकों के आंदोलन की शुरुआत हो रही है. पारा शिक्षक संघ की मानें तो अब चरणबद्ध तरीके से एक बार फिर हेमंत सरकार के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा. अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई तो इस आंदोलन को जोरदार तरीके से किया जाएगा.