सिमडेगा: जिले के बहुचर्चित पारा शिक्षक मनोज कुमार हत्याकांड के आरोपी पीएलएफआई उग्रवादी कौलेश्वर महतो को एडीजे नीरज कुमार की अदालत ने दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और 98 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है.
आजीवन कारावास की सजा
कौलेश्वर महतो के विरुद्ध कोलेबिरा थाना में कांड संख्या 58/14 के तहत मामला दर्ज किया गया था. इसी पारा शिक्षक मनोज कुमार के हत्या के मामले में पूर्व विधायक एनोस एक्का जेल की सजा काट रहे हैं. वहीं, धनेश्वर बड़ाईक को एडीजे कोर्ट आजीवन कारावास की सजा सुना चुकी है.
ये भी पढ़ें-PLFI का एरिया कमांडर मुकेश गिरफ्तार, बड़ी घटना को अंजाम देने की कर रहा था साजिश
पारा शिक्षक मनोज कुमार का अपहरण
सिमडेगा के कोलेबिरा प्रखंड के लसिया गांव निवासी पारा शिक्षक मनोज कुमार का अपहरण 26 नवंबर 2014 को सिमडेगा के जटाटांड़ स्कूल से हुआ था. उसके अगले ही दिन 27 नवंबर को जंगल से उसका शव बरामद हुआ था. इसके बाद मनोज के परिजन ने विधायक समेत अन्य लोगों पर मामला दर्ज कराया था.
पारा शिक्षक हत्याकांड के बाद का विवरण
26 नवंबर 2014
लसिया गांव निवासी पारा शिक्षक मनोज कुमार का अपहरण जटाटांड़ स्कूल से हुआ. जिसके बाद उसके भाई संजय कुमार की शिकायत पर एनोस एक्का को गिरफ्तार किया गया.
27 नवंबर, 2014
पारा शिक्षक मनोज कुमार की लाश जटाटांड़ जंगल से बरामद की गई.
10 जुलाई, 2015
प्रतिबंधित संगठन पीएलएफआई कमांडर बारूद गोप गिरफ्तार हुआ.
07 जनवरी, 2016
बारूद गोप ने सरकारी गवाह बनने के लिए उपायुक्त को आवेदन सौंपा.
मई, 2016
एनोस एक्का के पक्षकार ने बारूद गोप को सरकारी गवाह बनाने के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी.
जनवरी, 2018
हाईकोर्ट ने बारूद गोप को सरकारी गवाह बनने की इजाजत दी.
5 जून 2018
बारूद गोप की गवाही हुई, जिसमें उसे होस्टाइल घोषित किया गया.
29 जून, 2018
जिला न्यायालय से एनोस एक्का और धनेश बड़ाईक को दोषी करार दिया गया.