रांची: झारखंड में पंचायत चुनाव 2021 के जून से पहले संभव नहीं हो पाएगा. झारखंड राज्य सरकार पंचायती राज व्यवस्था को वैकल्पिक तौर पर संचालित करने की तैयारी में जुट गई है. ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने स्पष्ट तौर पर कहा कि जब तक पंचायतों के चुनाव नहीं होते, तब तक पंचायती राज व्यवस्था के लिए प्रत्येक पंचायत में समूह समिति के गठन पर विचार किया जा रहा है. पंचायती राज व्यवस्था के तहत कार्य कर चुके प्रतिनिधियों को भी इस समूह में शामिल किया जाएगा.
झारखंड में ग्राम पंचायतों का कार्यकाल
आलमगीर आलम ने कहा कि राज्य सरकार पंचायतों के चुनाव कराए जाने तक संवैधानिक तौर पर वैकल्पिक व्यवस्था कायम कर लेगी. इसके विभिन्न पहलुओं पर विचार विमर्श किया जा रहा है. राज्य सरकार किसी भी हाल में पंचायतों में विकास योजना में गति धीमी नहीं होने देगी. झारखंड में ग्राम पंचायतों का कार्यकाल 4 जनवरी को समाप्त होने जा रहा है. वैश्विक महामारी कोरोना के कारण हुई परिस्थितियों के कारण इस साल पंचायतों का त्रिस्तरीय चुनाव करना संभव नहीं हो पाया. हालांकि, राज्य के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग ने इस साल 31 दिसंबर तक ग्राम पंचायतों का विघटन और पूर्ण गठन की प्रक्रिया पूर्ण करने का लक्ष्य तय किया था, लेकिन यह भी प्रक्रिया फिलहाल अटक गई है.
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झारखंड में 2015 में हुआ था दूसरी बार पंचायत चुनाव
झारखंड में दूसरी बार पंचायत चुनाव 2015 में हुआ था. 24 जिले में 263 प्रखंडों में 4402 ग्राम पंचायतों में मुखिया के लिए चुनाव संपन्न हुए थे. पंचायत समिति के क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्र की संख्या 5,423 और जिला परिषद क्षेत्र निर्वाचित की संख्या 545 थी. लगभग 10 हजार पंचायत प्रतिनिधि निर्वाचित होकर पहुंचे थे. इन्हीं के तीसरे चरण का चुनाव होना था. इसके अलावा छह नगर निकाय चुनाव की अवधि मई में ही समाप्त हो चुकी है. यह भी महामारी के कारण अटकी पड़ी हुई है.