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पंचायत चुनाव 2022: छिटपुट घटना को छोड़कर शांतिपूर्ण मतदान कराने में सफल रहा निर्वाचन आयोग, जून में बनेगी गांव की सरकार

चौथे और अंतिम चरण के पंचायत चुनाव संपन्न होते ही जून में त्रिस्तरीय पंचायती राज के गठन का रास्ता साफ हो गया है. यह तीसरा मौका है जब राज्य में त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के माध्यम से विकास की रुपरेखा तैयार होगी. राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी चारों चरण के मतदान शांतिपूर्ण संपन्न होने पर खुशी जताते हुए इसका श्रेय राज्य की जनता और स्थानीय जिला प्रशासन और मीडिया को दिया है.

Panchayat elections held peacefully in Jharkhand
Panchayat elections held peacefully in Jharkhand
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Published : May 27, 2022, 5:42 PM IST

Updated : May 27, 2022, 7:17 PM IST

रांची: झारखंड में एक बार फिर गांव की सरकार गठित होने जा रही है. चौथे और अंतिम चरण के पंचायत चुनाव संपन्न होते ही जून में त्रिस्तरीय पंचायती राज के गठन का रास्ता साफ हो गया है. राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी चारों चरण के मतदान शांतिपूर्ण संपन्न होने पर खुशी जताते हुए इसका श्रेय राज्य की जनता और स्थानीय जिला प्रशासन और मीडिया को दिया है. चौथे और अंतिम चरण के मतदान संपन्न होने के बाद निर्वाचन आयोग के सचिव राधेश्याम प्रसाद ने कहा कि छिटपुट घटना को छोड़कर मतदान शांतिपूर्ण संपन्न हो गया है.

ये भी पढ़ें- Panchayat Election: चौथे चरण का मतदान शांतिपूर्ण संपन्न, 70 प्रतिशत वोटिंग

उन्होंने कहा कि चौथे और अंतिम चरण में एक दो मतदान केन्द्रों पर पुर्नमतदान कराये जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि मतदान प्रतिशत भी चारों चरण में औसतन 70 फीसदी के करीब रहा. आयोग ने मतदाता जागरूकता के लिए हरसंभव प्रयास किये थे. जून महीने में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तहत जिला परिषद अध्यक्ष सहित विभिन्न पदों के लिए अप्रत्यक्ष निर्वाचन होगा. निर्वाचन आयोग द्वारा दूसरे और तीसरे चरण का मतगणना 31 मई को कराये जायेंगे इसके लिए व्यापक तैयारियां की गई हैं.

राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राधेश्याम प्रसाद

2015 की तूलना में मतदान प्रतिशत रहा कम: 2015 के पंचायत चुनाव की तूलना में इस बार मतदान प्रतिशत कम रहा. राज्य निर्वाचन आयोग भी मतदान प्रतिशत में आई गिरावट पर चिंतित है मगर आयोग के लिए संतोष की बात यह कि शांतिपूर्ण मतदान कराने में 2015 की अपेक्षा वह काफी सफल रहा. निर्वाचन आयोग के सचिव राधेश्याम प्रसाद के अनुसार मतदान प्रतिशत में आई गिरावट की वजह गर्मी और कोरोना को मानते हैं.

उन्होंने कहा कि मतदाताओं में जागरूकता फैलाने की कोशिश जिला स्तर से लेकर राज्यस्तर तक में की गई थी इसके बाबजूद मतदान प्रतिशत में गिरावट देखी गई है. पहले और दूसरे फेज में एक समान मतदान 68.15% हुआ था जबकि तीसरे चरण में मतदान का प्रतिशत 70.54% रहा और अंतिम चरण में भी 70 फीसदी से उपर होने की संभावना जताई जा रही है. यदि इसकी तुलना 2015 के पंचायत चुनाव से करें तो ठीक इसी प्रकार चार चरण में राज्य में चुनाव हुए थे जिसमें औसत मतदान 73.29% हुआ था जबकि पहले चरण में 74.49%, दूसरे चरण में 74.04%, तीसरे चरण में 73.46% और चौथे चरण में 73.18% मतदान हुए थे.

रांची: झारखंड में एक बार फिर गांव की सरकार गठित होने जा रही है. चौथे और अंतिम चरण के पंचायत चुनाव संपन्न होते ही जून में त्रिस्तरीय पंचायती राज के गठन का रास्ता साफ हो गया है. राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी चारों चरण के मतदान शांतिपूर्ण संपन्न होने पर खुशी जताते हुए इसका श्रेय राज्य की जनता और स्थानीय जिला प्रशासन और मीडिया को दिया है. चौथे और अंतिम चरण के मतदान संपन्न होने के बाद निर्वाचन आयोग के सचिव राधेश्याम प्रसाद ने कहा कि छिटपुट घटना को छोड़कर मतदान शांतिपूर्ण संपन्न हो गया है.

ये भी पढ़ें- Panchayat Election: चौथे चरण का मतदान शांतिपूर्ण संपन्न, 70 प्रतिशत वोटिंग

उन्होंने कहा कि चौथे और अंतिम चरण में एक दो मतदान केन्द्रों पर पुर्नमतदान कराये जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि मतदान प्रतिशत भी चारों चरण में औसतन 70 फीसदी के करीब रहा. आयोग ने मतदाता जागरूकता के लिए हरसंभव प्रयास किये थे. जून महीने में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तहत जिला परिषद अध्यक्ष सहित विभिन्न पदों के लिए अप्रत्यक्ष निर्वाचन होगा. निर्वाचन आयोग द्वारा दूसरे और तीसरे चरण का मतगणना 31 मई को कराये जायेंगे इसके लिए व्यापक तैयारियां की गई हैं.

राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राधेश्याम प्रसाद

2015 की तूलना में मतदान प्रतिशत रहा कम: 2015 के पंचायत चुनाव की तूलना में इस बार मतदान प्रतिशत कम रहा. राज्य निर्वाचन आयोग भी मतदान प्रतिशत में आई गिरावट पर चिंतित है मगर आयोग के लिए संतोष की बात यह कि शांतिपूर्ण मतदान कराने में 2015 की अपेक्षा वह काफी सफल रहा. निर्वाचन आयोग के सचिव राधेश्याम प्रसाद के अनुसार मतदान प्रतिशत में आई गिरावट की वजह गर्मी और कोरोना को मानते हैं.

उन्होंने कहा कि मतदाताओं में जागरूकता फैलाने की कोशिश जिला स्तर से लेकर राज्यस्तर तक में की गई थी इसके बाबजूद मतदान प्रतिशत में गिरावट देखी गई है. पहले और दूसरे फेज में एक समान मतदान 68.15% हुआ था जबकि तीसरे चरण में मतदान का प्रतिशत 70.54% रहा और अंतिम चरण में भी 70 फीसदी से उपर होने की संभावना जताई जा रही है. यदि इसकी तुलना 2015 के पंचायत चुनाव से करें तो ठीक इसी प्रकार चार चरण में राज्य में चुनाव हुए थे जिसमें औसत मतदान 73.29% हुआ था जबकि पहले चरण में 74.49%, दूसरे चरण में 74.04%, तीसरे चरण में 73.46% और चौथे चरण में 73.18% मतदान हुए थे.

Last Updated : May 27, 2022, 7:17 PM IST
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