रांचीः झारखंड हाई कोर्ट के रुख के बावजूद पाकुड़ पुलिस के द्वारा किए गए कुर्की जब्ती के मामले पर हाईकोर्ट में बुधवार 7 दिसंबर को सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में कड़ी नाराजगी व्यक्त की. पूछा कि किस परिस्थिति में हाईकोर्ट के आदेश की अनदेखी की गई. सकारात्मक जवाब नहीं दिए जाने पर अदालत ने कहा की यह तो अदालत की अवमानना है. झारखंड के पाकुड़ जिले के पुलिस अधीक्षक, पाकुड़िया थानेदार और केस के अनुसंधान पदाधिकारी को 5 जनवरी को 10 बजे अदालत में सशरीर हाजिर होने का आदेश(court summoned SP) दिया है.
झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद पाकुड़ पुलिस ने अलग ही कारनामा कर दिया है. कोर्ट के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए कुर्की जब्ती कर ली गई है. अदालत ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कड़ नाराजगी भी जाहिर की. मामले से संबंधित सभी पुलिस पदाधिकारी को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है.
बता दें कि पाकुड़ जिले के पाकुड़िया थाना का कांड संख्या 60/2022 है. पूर्व में निचली अदालत से कांड के आरोपी शिवशंकर भगत पर पाकुड़ पुलिस ने कुर्की जब्ती का आदेश ले लिया था. कुर्की आदेश के खिलाफ शिवशंकर भगत ने अपने अधिवक्ता नवीन कुमार सिंह के माध्यम से कुर्की आदेश को निरस्त करने हेतु सीआरएमपी 4161/2022 दायर की थी. उस मामले पर सुनवाई के उपरांत अदालत ने 28 नवंबर को पाकुड़ पुलिस को कुर्की के आदेश को स्थगित करने को कहा था. जिसकी सूचना पाकुड़ पुलिस को सरकारी अधिवक्ता के माध्यम से देने को कहा था. सरकारी अधिवक्ता के सूचित करने के बाद भी पाकुड़ पुलिस ने शिवशंकर भगत के घर कुर्की जब्ती कर ली. दरवाजे पर ताला लगाकर चाभी अपने साथ ले गई. इसी बात को लेकर अधिवक्ता नवीन कुमार सिंह ने पाकुड़ पुलिस के खिलाफ आइए पिटीशन दायर किया. जिसकी सुनवाई बुधवार को हुई. अदालत ने इसे न्यायालय की अवमानना मानते हुए पाकुड़ पुलिस को कुर्की में जब्त सामान को लौटाते हुए पाकुड़ एसपी, पाकुड़िया थानेदार और केस के अनुसंधानकर्ता को पांच जनवरी को सशरीर हाजिर होने का आदेश दिया.