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PLFI का पाकिस्तान के दर्रा आदमखेल कनेक्शन की जांच में जुटी पुलिस, NIA टेकओवर कर सकती है केस - झारखंड खबर

झारखंड में सक्रिय नक्सली संगठन पीएलएफआई के पाकिस्तान कनेक्शन (Pakistan connection of Jharkhand Naxalite) की जांच एनआईए कर सकती है. पीएलएफआई को हथियार की सप्लाई करने वाले गिरोह के तार पाकिस्तान के दर्रा आदमखेल से जुड़े हैं.

Pakistan connection of Jharkhand Naxalite
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Published : Jan 13, 2022, 10:35 PM IST

रांची: झारखंड में सक्रिय नक्सली संगठन पीएलएफआई को हथियार की सप्लाई करने वाले गिरोह के तार पाकिस्तान के दर्रा आदमखेल (Pakistan connection of Jharkhand Naxalite) से जुड़े हैं. जानकारी के अनुसार पीएलएफआई पाकिस्तानी प्रांत खैबर पख्तूनख्वां के दर्रा आदमखेल से हथियारों की खरीद कर रहा था. पीएलएफआई के ब्लैक मनी को व्हाइट करने वाले नक्सली निवेश कुमार के जब्त मोबाइल से दर्रा आदमखेल के हथियार बाजार से जुड़े कई तरह के सबूत हाथ लगे हैं.

ये भी पढ़ें- बदनाम गलियों से निकल PLFI की राजदार बनी बांग्लादेश की फातिमा उर्फ अंजली, जानिए निवेश से कैसे हुई दोस्ती



वीडियो कॉल के जरिये सौदा: झारखंड पुलिस की तफ्तीश में यह बात सामने आयी है कि पीएलएफआई से जुड़े लोग वीडियो कॉल के जरिए हथियार पसंद करते थे. इसके बाद घातक हथियारों की खरीद की जाती थी. झारखंड पुलिस के आला अधिकारियों के मुताबिक, ऐसा पहली बार है जब पाकिस्तान के दर्रा आदमखेल से उग्रवादियों तक हथियार पहुंचने की बात सामने आ रही है.

हथियार खरीद बिक्री के लिए बदनाम है दर्रा आदमखेल: जानकारी के अनुसार दर्रा आदमखेल, पाकिस्तान के पेशावर शहर से पास स्थित है. कहा जाता है कि यह पाकिस्तान का अवैध हथियारों का सबसे बड़ा बाजार है. जानकारी के अनुसार यहां हथियारों का बाजार सजता हैं, जहां खुलेआम सड़क पर एके-47, एके-56 जैसे उम्दा हथियार से लेकर एक से एक अत्याधुनिक और ऑटोमैटिक बंदूके, हैंड ग्रेनड और रॉकेट लॉंचर आदि सब बिकता है. नक्सली निवेश कुमार के मोबाइल में वैसे सभी हथियार और गोला बारूद की तसवीरें भी मिली है.

क्या है संभावित रास्ता: पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, हथियारों को चीन या नेपाल के रास्ते नॉर्थ ईस्ट तक पहुंचाया जाता है. इसके बाद हथियार तस्करों का रैकेट इसे उग्रवादियों को बेचता है. गौरतलब है कि पहले भी झारखंड पुलिस को कई ऐसी सूचनाएं मिली थी की नॉर्थ ईस्ट के प्रतिबंधित समूहों के जरिए हथियार की सप्लाई की जाती है. हालांकि वैसे तमाम मामलों की जांच एनआईए कर रही है. एनआईए ने नागालैंड लिबरेशन फ्रंट के एक नेता ए सांगथाम को हथियार तस्करी के मास्टरमाइंड के तौर पर चिन्हित किया था.

ये भी पढ़ें- PLFI का पाकिस्तान कनेक्शन, गिरफ्तार नक्सली निवेश के मोबाइल में मिले अहम सुराग

एनआईए कर सकती है मामले की जांच: नक्सली संगठन पीएलएफआई के लेवी के पैसों का निवेश और हथियार की तस्करी करने वाले नक्सली निवेश कुमार की गिरफ्तारी के बाद हथियार तस्करी की इंटरनेशनल लिंक सामने आ रही है. ऐसे में पुलिस के आला अधिकारियों के मुताबिक, केस एनआईए को ट्रांसफर हो सकता है. एनआईए के द्वारा पहले से दिनेश गोप के पैसों के विभिन्न कारोबार में निवेश के मामले की जांच हो रही है. इस मामले में दिनेश गोप की दोनों पत्नियां, बिजनेस साझेदार समेत अन्य लोग फिलहाल जेल में हैं. ऐसे में एनआईए की रांची शाखा धुर्वा थाने में दर्ज केस को भी टेकओवर कर सकती है.

रांची: झारखंड में सक्रिय नक्सली संगठन पीएलएफआई को हथियार की सप्लाई करने वाले गिरोह के तार पाकिस्तान के दर्रा आदमखेल (Pakistan connection of Jharkhand Naxalite) से जुड़े हैं. जानकारी के अनुसार पीएलएफआई पाकिस्तानी प्रांत खैबर पख्तूनख्वां के दर्रा आदमखेल से हथियारों की खरीद कर रहा था. पीएलएफआई के ब्लैक मनी को व्हाइट करने वाले नक्सली निवेश कुमार के जब्त मोबाइल से दर्रा आदमखेल के हथियार बाजार से जुड़े कई तरह के सबूत हाथ लगे हैं.

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वीडियो कॉल के जरिये सौदा: झारखंड पुलिस की तफ्तीश में यह बात सामने आयी है कि पीएलएफआई से जुड़े लोग वीडियो कॉल के जरिए हथियार पसंद करते थे. इसके बाद घातक हथियारों की खरीद की जाती थी. झारखंड पुलिस के आला अधिकारियों के मुताबिक, ऐसा पहली बार है जब पाकिस्तान के दर्रा आदमखेल से उग्रवादियों तक हथियार पहुंचने की बात सामने आ रही है.

हथियार खरीद बिक्री के लिए बदनाम है दर्रा आदमखेल: जानकारी के अनुसार दर्रा आदमखेल, पाकिस्तान के पेशावर शहर से पास स्थित है. कहा जाता है कि यह पाकिस्तान का अवैध हथियारों का सबसे बड़ा बाजार है. जानकारी के अनुसार यहां हथियारों का बाजार सजता हैं, जहां खुलेआम सड़क पर एके-47, एके-56 जैसे उम्दा हथियार से लेकर एक से एक अत्याधुनिक और ऑटोमैटिक बंदूके, हैंड ग्रेनड और रॉकेट लॉंचर आदि सब बिकता है. नक्सली निवेश कुमार के मोबाइल में वैसे सभी हथियार और गोला बारूद की तसवीरें भी मिली है.

क्या है संभावित रास्ता: पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, हथियारों को चीन या नेपाल के रास्ते नॉर्थ ईस्ट तक पहुंचाया जाता है. इसके बाद हथियार तस्करों का रैकेट इसे उग्रवादियों को बेचता है. गौरतलब है कि पहले भी झारखंड पुलिस को कई ऐसी सूचनाएं मिली थी की नॉर्थ ईस्ट के प्रतिबंधित समूहों के जरिए हथियार की सप्लाई की जाती है. हालांकि वैसे तमाम मामलों की जांच एनआईए कर रही है. एनआईए ने नागालैंड लिबरेशन फ्रंट के एक नेता ए सांगथाम को हथियार तस्करी के मास्टरमाइंड के तौर पर चिन्हित किया था.

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एनआईए कर सकती है मामले की जांच: नक्सली संगठन पीएलएफआई के लेवी के पैसों का निवेश और हथियार की तस्करी करने वाले नक्सली निवेश कुमार की गिरफ्तारी के बाद हथियार तस्करी की इंटरनेशनल लिंक सामने आ रही है. ऐसे में पुलिस के आला अधिकारियों के मुताबिक, केस एनआईए को ट्रांसफर हो सकता है. एनआईए के द्वारा पहले से दिनेश गोप के पैसों के विभिन्न कारोबार में निवेश के मामले की जांच हो रही है. इस मामले में दिनेश गोप की दोनों पत्नियां, बिजनेस साझेदार समेत अन्य लोग फिलहाल जेल में हैं. ऐसे में एनआईए की रांची शाखा धुर्वा थाने में दर्ज केस को भी टेकओवर कर सकती है.

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