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रांची: धान क्रय केंद्र में नहीं है धान रखने की जगह, किसानों से नहीं ली जा रही है धान

रांची के धान क्रय केंद्र में धान रखने की जगह नहीं बची है, क्योंकि गोदाम फुल हो चुका है. इसकी वजह से किसानों से धान नहीं खरीदी जा रही है. इससे किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

paddy purchasing center is full in ranchi
धान क्रय केंद्र
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Published : Jan 20, 2021, 9:59 AM IST

रांची: कांके प्रखंड के धान क्रय केंद्र में किसानों से अब धान नहीं खरीदी जा रही है. कारण बताया जा रहा है कि धान क्रय केंद्र का गोदाम पूरी तरह से भर चुका है. जब तक गोदाम से धान का उठाव राइस मिल की तरफ से नहीं कराया जाएगा, तब तक किसानों से धान नहीं खरीदी जाएगी. कांके प्रखंड में दो धान क्रय केंद्र खोले गए हैं एक कांके में तो दूसरा उरुगुटु में, लेकिन मौजूदा समय में दोनों धान क्रय केंद्र की हालत लगभग समान है. दोनों धान क्रय केंद्र में किसानों से धान नहीं खरीदी जा रही है. किसान मजबूर और बेबसी में अपनी उपज की धान को बिचौलियों के हाथ बेच रहे हैं. जहां सरकार 2050 रुपये प्रति क्विंटल के दर से धान खरीद रही है, तो वहीं, बिचौलिया 1100 से 1200 प्रति क्विंटल देकर किसानों की मजबूरी का जमकर फायदा उठा रहे हैं.

देखें पूरी खबर
किसानों को पैसे की आवश्यकतासरकार की तरफ संचालित धान क्रय केंद्र में किसानों से धान नहीं खरीदने के कारण किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. किसान की मानें तो पैसे की आवश्यकता है और ऐसे में धान लेकर धान क्रय केंद्र बेचने के लिए पहुंचे. तो यहां बताया गया कि गोदाम भर गया है, जिसके कारण अभी धान नहीं ली जा सकती है. जब गोदाम खाली होगा तो मैसेज कर आपको बुला लिया जाएगा, लेकिन इनका कहना है कि अभी पैसे की सख्त आवश्यकता थी. ऐसे में मजबूरी के कारण बिचौलियों के हाथ धान को बेचनी पड़ेगी.इसे भी पढ़ें-गिरिडीहः सुई लगने से बच्चे की मौत, स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही का आरोप


किसानों के खाते में पैसा भेजने की कवायद
वहीं, कांके प्रखंड के सहकारिता प्रचार प्रसार पदाधिकारी मिथिलेश कुमार झा ने बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना काल के मद्देनजर सरकार की ओर से किसानों को इस वर्ष पूरी व्यवस्था दी गई थी. बोरा खरीदने से लेकर किसानों के खाते में आधा पैसा भेजने की पूरी कवायद की गई है. लेकिन राइस मिल से धान उठाव नहीं होने के कारण किसानों से धान नहीं खरीदी जा रही है. इनकी मानें तो जब तक राइस मिल से गोदान का धान नहीं लिया जाता है तब तक किसानों से धान नहीं खरीदी जाएगी. उन्होंने बताया कि कहा कि प्रखंड में दो सरकारी धान क्रय केंद्र है और दोनों धान क्रय केंद्र से बालाजी राइस मिल को धान उठाना है, लेकिन उसकी उदासीन रवैया के कारण गोदान भरा पड़ा है. मजबूरी में किसानों से धान नहीं खरीदा जी रही है, जिसके कारण किसान थोड़े मायूस हैं.

रांची: कांके प्रखंड के धान क्रय केंद्र में किसानों से अब धान नहीं खरीदी जा रही है. कारण बताया जा रहा है कि धान क्रय केंद्र का गोदाम पूरी तरह से भर चुका है. जब तक गोदाम से धान का उठाव राइस मिल की तरफ से नहीं कराया जाएगा, तब तक किसानों से धान नहीं खरीदी जाएगी. कांके प्रखंड में दो धान क्रय केंद्र खोले गए हैं एक कांके में तो दूसरा उरुगुटु में, लेकिन मौजूदा समय में दोनों धान क्रय केंद्र की हालत लगभग समान है. दोनों धान क्रय केंद्र में किसानों से धान नहीं खरीदी जा रही है. किसान मजबूर और बेबसी में अपनी उपज की धान को बिचौलियों के हाथ बेच रहे हैं. जहां सरकार 2050 रुपये प्रति क्विंटल के दर से धान खरीद रही है, तो वहीं, बिचौलिया 1100 से 1200 प्रति क्विंटल देकर किसानों की मजबूरी का जमकर फायदा उठा रहे हैं.

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किसानों को पैसे की आवश्यकतासरकार की तरफ संचालित धान क्रय केंद्र में किसानों से धान नहीं खरीदने के कारण किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. किसान की मानें तो पैसे की आवश्यकता है और ऐसे में धान लेकर धान क्रय केंद्र बेचने के लिए पहुंचे. तो यहां बताया गया कि गोदाम भर गया है, जिसके कारण अभी धान नहीं ली जा सकती है. जब गोदाम खाली होगा तो मैसेज कर आपको बुला लिया जाएगा, लेकिन इनका कहना है कि अभी पैसे की सख्त आवश्यकता थी. ऐसे में मजबूरी के कारण बिचौलियों के हाथ धान को बेचनी पड़ेगी.इसे भी पढ़ें-गिरिडीहः सुई लगने से बच्चे की मौत, स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही का आरोप


किसानों के खाते में पैसा भेजने की कवायद
वहीं, कांके प्रखंड के सहकारिता प्रचार प्रसार पदाधिकारी मिथिलेश कुमार झा ने बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना काल के मद्देनजर सरकार की ओर से किसानों को इस वर्ष पूरी व्यवस्था दी गई थी. बोरा खरीदने से लेकर किसानों के खाते में आधा पैसा भेजने की पूरी कवायद की गई है. लेकिन राइस मिल से धान उठाव नहीं होने के कारण किसानों से धान नहीं खरीदी जा रही है. इनकी मानें तो जब तक राइस मिल से गोदान का धान नहीं लिया जाता है तब तक किसानों से धान नहीं खरीदी जाएगी. उन्होंने बताया कि कहा कि प्रखंड में दो सरकारी धान क्रय केंद्र है और दोनों धान क्रय केंद्र से बालाजी राइस मिल को धान उठाना है, लेकिन उसकी उदासीन रवैया के कारण गोदान भरा पड़ा है. मजबूरी में किसानों से धान नहीं खरीदा जी रही है, जिसके कारण किसान थोड़े मायूस हैं.

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