रांची: धान खरीद की धीमी रफ्तार ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है. स्थिति यह है कि पिछले 12 दिनों में ही राज्य भर में 76017.09 क्विंटल धान की आवक हुई है. सरकार ने हर जिले के ब्लॉकों में धान खरीद केंद्र खोलने की घोषणा की थी, जिसके तहत लगभग 500 एमएसपी केंद्र खोले जाने थे, लेकिन 8 जनवरी तक के सरकारी आंकड़ों के अनुसार, राज्य भर में केवल 143 केंद्र खोले गए हैं. इन एमएसपी केन्द्रों के माध्यम से पंजीकृत 231022 किसानों में से मात्र 1342 किसानों ने ही धान बेचा है. गौरतलब है कि काफी जद्दोजहद के बाद राज्य में 28 दिसंबर से धान खरीदी शुरू हुई है.
सिर्फ 1342 किसानों ने बेचा धान: खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, इस दौरान 16699 किसानों को मैसेज भेजे गए, जिनमें 1342 किसानों ने एमएसपी केंद्र पर आकर धान बेचा. रांची की बात करें तो अब तक सिर्फ 15 जगहों पर धान अधिप्राप्ति केंद्र खोले गये हैं, जहां से 18 हजार क्विंटल धान की आवक हुई है. जिला आपूर्ति पदाधिकारी प्रदीप भगत के अनुसार जल्द ही पांच अन्य केंद्रों पर भी इसकी शुरुआत की जायेगी.
किसान नहीं दिखा रहे रुचि: किसान सरकारी दर पर धान बेचने से कतरा रहे हैं. इसके पीछे मुख्य कारण सरकारी पैसा मिलने में देरी है. आमतौर पर हर साल धान की खरीदारी 15 दिसंबर से शुरू हो जाती है, लेकिन इस साल धान की खरीदारी देर से शुरू हुई है. जिसके कारण कई किसानों ने पैक्स के माध्यम से बेचने के बजाय खुले बाजार में बेचना शुरू कर दिया है. तीसरा सबसे बड़ा कारण यह है कि यह दूसरा साल होगा जब कम बारिश के कारण धान का उत्पादन कम हुआ है. उत्पादन कम होने के कारण धान खरीद में दिक्कत आ रही है. ऐसे में सरकार द्वारा निर्धारित 60 लाख क्विंटल का लक्ष्य हासिल करना काफी चुनौतीपूर्ण है. यह लगातार दूसरा साल होगा, जब सरकार लक्ष्य के अनुरूप धान खरीदने में विफल रहेगी. गौरतलब है कि पिछले साल सरकार ने शुरुआत में 80 लाख क्विंटल धान खरीद का लक्ष्य रखा था, जिसे बाद में घटाकर 36,30,000 क्विंटल कर दिया गया, लेकिन प्राप्ति सिर्फ 1716078.88 क्विंटल ही हो पाई.
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