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फेंसिंग प्रतियोगिता का बढ़ रहा क्रेज, ओलंपिक में मेडल जीतना है टारगेट

वर्ल्ड ओलंपिक डे पर राजधानी में फेंसिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. जिसमें तलवार बाजों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया. इस गेम को लेकर राजधानी में क्रेज काफी बढ़ रहा है. हालांकि भारत ने अबतक ओलंपिक में फेंसिंग में एक भी मेडल नहीं जीता है. जिस ओर प्रयास जारी है.

फेंसिंग प्रतियोगिता का आयोजन
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Published : Jun 23, 2019, 11:21 PM IST

रांची: विश्व ओलंपिक दिवस के अवसर पर राजधानी में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए. वहीं, इस मौके पर आयोजित फेंसिंग प्रतियोगिता कुछ खास रही. यह एक ऐसा गेम है जिसमें प्रतिद्वंदी को तलवार से छू लिया जाए और खुद को उसकी तलवार से बचाया जाए. इससे प्वाइंट में बढ़त मिलती है. इस गेम की लोकप्रियता राजधानी में खूब बढ़ी है. जिसका नजारा ओलंपिक डे पर देखने को मिला.

देखें पूरी खबर

बता दें कि विश्व ओलंपिक दिवस भारत के कई राज्यों में भी मनाया जाता है. राजधानी में भी इसे लेकर कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए गए. ओलंपिक खेलों में फेंसिंग की भी भूमिका अहम होती है. कई बड़े देश इस खेल को अपनाकर ओलंपिक में कई मेडल जीत चुके हैं. भारत से भी फेंसिंग के लिए प्रतिभागी अंतर्राष्ट्रीय पटल पर जलवा दिखा चुके हैं. हालांकि झारखंड के एक भी खिलाड़ी फेंसिंग गेम में ओलंपिक तक नहीं पहुंच पाए हैं. जिसे लेकर प्रयास लगातार जारी है. नेशनल खेलने वाले खिलाड़ियों का रुझान भी इस ओर बढ़ा है.

ये भी पढ़ें- सनकी ने पत्नी की गला काटकर की हत्या, 6 माह के मासूम को भी मौत के घाट उतारने की थी तैयारी

ओलंपिक डे के अवसर पर राजधानी में फेंसिंग प्रतियोगिता में उभरते फेंसिंग तलवारबाजों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया. दरअसल फेंसिंग तलवारबाजी से मिलता-जुलता एक गेम है. इस गेम के तहत अपने प्रतिद्वंदी को चोट पहुंचाना नहीं होता है. बल्कि अपने तलवार से छू भर देना पर्याप्त समझा जाता है. प्रतिद्वंदी को छू दिया जाए और खुद उसकी तलवार से बचा जाए फेंसिंग का खेल बस इतना ही है.

रांची: विश्व ओलंपिक दिवस के अवसर पर राजधानी में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए. वहीं, इस मौके पर आयोजित फेंसिंग प्रतियोगिता कुछ खास रही. यह एक ऐसा गेम है जिसमें प्रतिद्वंदी को तलवार से छू लिया जाए और खुद को उसकी तलवार से बचाया जाए. इससे प्वाइंट में बढ़त मिलती है. इस गेम की लोकप्रियता राजधानी में खूब बढ़ी है. जिसका नजारा ओलंपिक डे पर देखने को मिला.

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बता दें कि विश्व ओलंपिक दिवस भारत के कई राज्यों में भी मनाया जाता है. राजधानी में भी इसे लेकर कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए गए. ओलंपिक खेलों में फेंसिंग की भी भूमिका अहम होती है. कई बड़े देश इस खेल को अपनाकर ओलंपिक में कई मेडल जीत चुके हैं. भारत से भी फेंसिंग के लिए प्रतिभागी अंतर्राष्ट्रीय पटल पर जलवा दिखा चुके हैं. हालांकि झारखंड के एक भी खिलाड़ी फेंसिंग गेम में ओलंपिक तक नहीं पहुंच पाए हैं. जिसे लेकर प्रयास लगातार जारी है. नेशनल खेलने वाले खिलाड़ियों का रुझान भी इस ओर बढ़ा है.

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ओलंपिक डे के अवसर पर राजधानी में फेंसिंग प्रतियोगिता में उभरते फेंसिंग तलवारबाजों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया. दरअसल फेंसिंग तलवारबाजी से मिलता-जुलता एक गेम है. इस गेम के तहत अपने प्रतिद्वंदी को चोट पहुंचाना नहीं होता है. बल्कि अपने तलवार से छू भर देना पर्याप्त समझा जाता है. प्रतिद्वंदी को छू दिया जाए और खुद उसकी तलवार से बचा जाए फेंसिंग का खेल बस इतना ही है.

Intro:रांची:

विश्व ओलंपिक डे के अवसर पर वैसे तो राजधानी रांची में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए. लेकिन इस मौके पर आयोजित फेंसिंग प्रतियोगिता कुछ खास रहा. यह एक ऐसा गेम है जिसमें प्रतिद्वंदी को तलवार से छू लिया जाए और स्वयं उसकी तलवार से बचा जाए इससे पॉइंट में बढ़त मिलती है .इस गेम को लेकर राजधानी रांची में लोकप्रियता भी बढ़ी है और यह नजारा देखने को मिला ओलंपिक डे के अवसर पर.


Body:विश्व ओलंपिक डे इस दिन को पूरे विश्व के साथ साथ भारत के विभिन्न राज्यों में भी मनाया जा रहा है. राजधानी रांची में भी इसे लेकर कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं .ओलंपिक खेलों में फेंसिंग की भी भूमिका अहम होती है .कई बड़े देश इस खेल को अपनाकर ओलंपिक में कई मेडल जीत चुके हैं .भारत से भी फेंसिंग के लिए प्रतिभागी अंतरराष्ट्रीय पटल पर जलवा दिखा चुके हैं .हालांकि झारखंड के एक भी खिलाड़ी फेंसिंग गेम में ओलंपिक तक नहीं पहुंच पाए हैं .प्रयास लगातार जारी है. नेशनल खेलने वाले खिलाड़ियों के रुझान भी यहां बढ़ी है .ओलंपिक डे के अवसर पर राजधानी रांची में फेंसिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया .इस प्रतियोगिता के दौरान राज्य के उभरते फेंसिंग तलवार बाजो ने जबरदस्त प्रदर्शन दिखाया .दरअसल फेंसिंग तलवारबाजी से मिलता-जुलता एक गेम है .इस गेम के तहत अपने प्रतिद्वंदी को चोट पहुंचाना नहीं होता है .बल्कि अपने तलवार से छू भर देना प्रयाप्त समझा जाता है. प्रतिद्वंदी को छू दिए जाए और स्वयं उसकी तलवार से बचा जाए फेंसिंग का खेल बस इतना ही है .ओलंपिक खेलों में फेंसिंग प्रतियोगिता अवश्य होती है और इस गेम को लेकर झारखंड में भी अब रुझान बढ़ी है.

बाइट-रामासीस सिंह, राष्ट्रीय कोच, फेंसिंग.

बाइट-फैजान, खिलाड़ी ,फेंसिंग.


Conclusion:
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