रांचीः बिहार में जातिगत जनगणना की रिपोर्ट जारी कर दी गई है. रिपोर्ट आने के बाद सियासी गलियारे में तरह-तरह की चर्चा हो रही है. बिहार सरकार ने कहा कि अब इस रिपोर्ट के आधार पर सभी जातियों के विकास के लिए काम किया जाएगा. वहीं झारखंड के नेताओं की भी इस जनगणना को लेकर अपनी-अपनी राय है.
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आजसू पार्टी के सुप्रीमो सुदेश महतो ने बिहार की तरह झारखंड में भी जातिगत जनगणना कराए जाने की मांग की है. उन्होंने राज्य की हेमंत सोरेन सरकार से सवाल पूछा है कि अभी तक जातिगत जनगणना की प्रक्रिया शुरू क्यों नहीं हो पाई है. उन्होंने कहा है कि झारखंड में भी जातगित जनगणना की जरुरत है.
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जातीय जनगणना की आवश्यकता झारखंड में भी है। आजसू पार्टी झारखंड सरकार से यह जानना चाहती है की इसकी प्रक्रिया अब तक शुरू क्यों नहीं हो पायी है? #CasteCensus#KendriyaMahadhiveshan pic.twitter.com/bNrCVQKJTM
— Sudesh Mahto (@SudeshMahtoAJSU) October 2, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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वहीं गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने इस जनगणना को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि बिहार सरकार ने जातिगत जनगणना करा कर पिछड़े वर्ग के साथ अन्याय किया है. उन्होंने कहा है कि रिपोर्ट के अनुसार 18 फीसदी आबादी मुस्लिम की है. मुस्लिम धर्म जाति को नहीं मानत है. एसटी और एससी की आबादी 22 फीसदी और 16 फीसदी जनसंख्या सवर्ण जाति की है. रिपोर्ट के मुताबिक केवल 45 फीसदी आबादी पिछड़े वर्ग की है. उन्होंने कहा कि मुसलमानों को पिछड़े वर्ग में शामिल कर मुस्लिम धर्म के सिद्धांतों को बलि दी जा रही है.
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नीतीश कुमार जी ने बिहार में जातिगत जनगणना करा कर पिछड़े समाज के साथ अन्याय किया ।आँकड़ों के अनुसार 18 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है,मुस्लिम धर्म जाति को नहीं मानता,22 प्रतिशत अनुसूचित जाति व जनजाति की आबादी है,तक़रीबन 16 प्रतिशत सवर्ण जातियों की आबादी है,इस हिसाब से केवल 45 प्रतिशत…
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) October 2, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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गौरतलब है कि झारखंड में भी लगातार जातिगत जनगणना की मांग उठती रही है. तमाम दलों के नेता जातिगत जनणना की मांग कर चुके हैं. राज्य सरकार भी इसे लेकर सकारात्मक बात करती रही है. अब देखने वाली बात है कि सरकार इस दिशा में कब तक पहल करती है.