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अंतरराष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस 2022ः जानिए, क्या कहते हैं क्षेत्रीय भाषा बोलने वाले लोग - opinion of common people

रांची में मातृभाषा दिवस पर आमलोगों ने कहा कि अपनी संस्कृति को बचाये रखने के लिए मातृभाषा जरूरी है. लेकिन मातृभाषा घरों में ही सिमट गया है. आज के बच्चे अपनी मातृभाषा से दूर हो रहे हैं, जो चिंता की बात है.

Mother Language Day in Ranchi
अंतरराष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस 2022ः
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Published : Feb 21, 2022, 4:47 PM IST

रांचीः 21 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस देश दुनिया में मनाई जाती है. मातृभाषा दिवस पर विभिन्न तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. इस कार्यक्रमों के जरिए अपनी भाषा और संस्कृति के प्रति लोगों को जागरूक करते हैं, ताकि लोग अपनी मातृभाषा भूले नहीं. लेकिन आज हम अपनी मातृभाषा को भूल रहे हैं. रांची के विभिन्न क्षेत्रीय भाषा बोलने वाले लोगों से बातचीत की, आइए जानते हैं उनकी राय.

यह भी पढ़ेंःअंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर अमरा बंगाली पार्टी ने निकाली रैली, बांग्ला को राज्य भाषा का दर्जा देने की मांग

अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की शुरुआत यूनेस्को ने 17 नवंबर 1999 को किया. इसके बाद से प्रत्येक साल 21 फरवरी को इस दिवस विशेष को मनाया जाता है. वहीं, 21 फरवरी 1952 को ढाका यूनिवर्सिटी के विद्यार्थी और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने तत्कालीन पाकिस्तान सरकार की भाषाई नीति का कड़ा विरोध जताते हुए अपनी मातृभाषा का अस्तित्व बनाए रखने के लिए विरोध प्रदर्शन किया था. पाकिस्तान की पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां बरसाई. लेकिन लगातार विरोध के बाद सरकार को बांग्ला भाषा को आधिकारिक दर्जा देना पड़ा था.

देखें पूरी खबर

भाषाई आंदोलन में शहीद हुए युवाओं की स्मृति में यूनेस्को ने पहली बार 1999 में मातृभाषा दिवस घोषित किया और तब से मातृभाषा दिवस मनाया जा रहा है. लेकिन भारत विभिन्न संस्कृति और भाषा का देश है. यहां हर कदम पर भाषा और संस्कृति बदलती है. इसके बावजूद हम अपनी संस्कृति और भाषा को शायद भूल रहे हैं. रांची में विभिन्न क्षेत्रीय भाषा बोलने वाले लोगों से बातचीत की है. इस दौरान लोगों ने कहा कि हम अपनी भाषा के प्रति सजग हैं. इसके बावजूद मातृभाषा भूल रहे हैं और आज के बच्चे अपनी मातृभाषा से दूर हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि मातृभाषा बचाने का वक्त है.

रांचीः 21 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस देश दुनिया में मनाई जाती है. मातृभाषा दिवस पर विभिन्न तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. इस कार्यक्रमों के जरिए अपनी भाषा और संस्कृति के प्रति लोगों को जागरूक करते हैं, ताकि लोग अपनी मातृभाषा भूले नहीं. लेकिन आज हम अपनी मातृभाषा को भूल रहे हैं. रांची के विभिन्न क्षेत्रीय भाषा बोलने वाले लोगों से बातचीत की, आइए जानते हैं उनकी राय.

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