रांचीः राजधानी में अब वारंट और समन की ऑनलाइन मॉनिटरिंग की जा सकेगी. इसके जरिए संबंधित थानों को वारंट और समन कब भेजे गए हैं, उनका तामिला कब हुआ, इसकी निगरानी सीनियर अफसर भी कर सकेंगे. ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम की वजह से वारंट और समन का तमिला जल्द होगा और समय पर लोग कोर्ट में उपस्थित हो सकेंगे.
सॉफ्टवेयर बनाया गया, कार्यालय भी खुलाः रांची सिटी एसपी शुभांसु जैन ने बताया कि वारंट और समन लोगों तक तय समय पर पहुंचे इसके लिए एक बड़ा प्रयास झारखंड पुलिस मुख्यालय के सहयोग से राजधानी में शुरू किया जा रहा है. कोर्ट में एक पुलिस कार्यालय खोल दिया गया है, कार्यालय में वैसे पुलिसकर्मियों को पदस्थापित किया जा रहा है जो कंप्यूटर में दक्ष हैं.
यह कोशिश की जा रही है कि इसी कार्यालय से सभी तरह के नोटिस, वारंट, समन राजधानी के सभी तक स्कैन कॉपी फार्मेट में भेज दिया जाए. थानों में कागजात रिसीव हुए कि नहीं यह सॉफ्टवेयर के जरिए तुरंत जानकारी मिल जाएगी. सॉफ्टवेयर को उसी तरह से डेवलप किया गया है. इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि जैसे ही कोर्ट से वारंट जारी होगा वैसे ही उसे संबंधित थाना को भेज दिया जाएगा. संबंधित थाना के कर्मियों के द्वारा उसका हार्ड कॉपी निकाल कर और उसका तमिला करवा कर वापस स्कैन कर कोर्ट रूम में स्थित पुलिस कार्यालय को भेज देंगे. जिसके बाद पुलिसकर्मी उसकी ओरिजिनल कॉपी के साथ मिलान करवाए गए वारंट की कॉपी को अदालत में सौंप देंगे.
पुलिसकर्मियों को किया गया ट्रेंडः रांची सीनियर एसपी किशोर कौशल ने बताया कि पूर्व से जमशेदपुर में यह कार्य सफलता के साथ किया जा रहा है. इसकी शुरुआत अब राजधानी रांची में भी चंद दिनों के भीतर होनी है. इसके लिए बकायदा पुलिस कर्मियों का चयन किया गया है और उन्हें इसकी ट्रेनिंग भी दी गई है. बता दें केवल राजधानी रांची में ही 10 हजार से ज्यादा वारंट पेंडिंग है. अब जो भी वारंट भेजे जाएंगे उसकी मॉनिटरिंग एसएसपी ऑफिस से होगी. ऐसे में थानों के द्वारा उसे ससमय तामिला करवाना बेहद आवश्यक हो जाएगा.
मैन पावर भी बचेगाः अब तक कोर्ट से वारंट जारी होने के बाद वह एसएसपी ऑफिस तक आता था, जिसके बाद या तो एसएसपी ऑफिस का पुलिसकर्मी उसे थानों तक पहुंचाता था या फिर संबंधित थाना का पुलिस कर्मी उसे आकर एसएसपी ऑफिस रिसीव करता और फिर उसका तामिला करवाता था. तामिला करवाने के बाद फिर एक बार एसएसपी ऑफिस में वारंट को जमा करना होता था. लेकिन ऑनलाइन सिस्टम के शुरू होने के बाद पुलिस के मैन पावर में भी बचत होगी.
आमलोगों को भी होगा फायदाः हम सब यह जानते हैं कि कोर्ट से वारंट जारी होने के बाद कोर्ट की बाकी औपचारिकता पूरी करने के बाद ही से संबंधित थानों को भेज आता है. थाने में वारंट और समन काफी दिनों तक लंबित भी रहता है, कई बार संबंधित व्यक्ति को समय पर समन ही नहीं मिलता है. जानकारी के अभाव में संबंधित व्यक्ति समय पर कोर्ट नहीं पहुंच पाता है और उसके खिलाफ वारंट जारी होता है.