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एडीजी अनुराग गुप्ता को बड़ी राहत, दो साल बाद विभागीय कार्रवाई खत्म, आरोपों से किए गये मुक्त - राज्यसभा चुनाव

आईपीएस अनुराग गुप्ता को बड़ी राहत मिली है. उनके खिलाफ चल रही विभागीय कार्रवाई खत्म कर दी गई है. इस बाबत गृह विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है.

BIG RELIEF TO IPS ANURAG GUPTA
BIG RELIEF TO IPS ANURAG GUPTA
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Published : Jun 8, 2022, 4:24 PM IST

रांची: झारखंड कैडर के सीनियर आईपीएस अनुराग गुप्ता पर चल रही विभागीय कार्रवाई खत्म कर दी गई है. उन्हें आरोपमुक्त कर दिया गया है. इस बाबत गृह विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है. दरअसल, 2016 के राज्यसभा चुनाव के दौरान अनुराग गुप्ता पर भाजपा प्रत्याशी के पक्ष मे वोट देने के लिए बड़कागांव की तत्कालीन विधायक निर्मला देवी और उनके पति पर दबाव डालने का आरोप लगा था. इसे अखिल भारतीय सेवा के प्रतिकूल प्रथम दृष्टया सही पाया गया था. इसी आधार पर अनुराग गुप्ता के खिलाफ जांच चल रही थी. गृह विभाग के नोटिफिकेशन में इस बात का जिक्र है कि जांच प्रतिवेदन में अनुराग गुप्ता के खिलाफ लगाए गए आरोप प्रमाणित नहीं हो पाए. इसलिए उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई को खत्म करते हुए उन्हें आरोप मुक्त कर दिया गया है.

ये भी पढ़ें- एडीजी अनुराग गुप्ता का निलंबन खत्म, मुख्यालय में देंगे योगदान

2016 का राज्यसभा चुनाव खत्म होने पर बाबूलाल मरांडी ने एक ऑडियो टेप जारी किया था. इसमें अनुराग गुप्ता, तत्कालीन विधायक निर्मला देवी और उनके पति योगेंद्र साव के बीच बातचीत का अंश था. बाबूलाल मरांडी ने इसको लेकर चुनाव आयोग से शिकायत की थी. इसे गंभीर आरोप बताते हुए आयोग ने उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था. फरवरी 2020 में अनुराग गुप्ता के निलंबन के बाद राज्य सरकार ने विभागीय कार्रवाई शुरू की थी. हालाकि तत्कालीन डीजीपी एमवी राव ने उन्हें क्लीन चिट दे दी थी. अनुराग गुप्ता को उन्हें आरोपमुक्त होने के लिए दो साल तक इंतजार करना पड़ा.

रांची: झारखंड कैडर के सीनियर आईपीएस अनुराग गुप्ता पर चल रही विभागीय कार्रवाई खत्म कर दी गई है. उन्हें आरोपमुक्त कर दिया गया है. इस बाबत गृह विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है. दरअसल, 2016 के राज्यसभा चुनाव के दौरान अनुराग गुप्ता पर भाजपा प्रत्याशी के पक्ष मे वोट देने के लिए बड़कागांव की तत्कालीन विधायक निर्मला देवी और उनके पति पर दबाव डालने का आरोप लगा था. इसे अखिल भारतीय सेवा के प्रतिकूल प्रथम दृष्टया सही पाया गया था. इसी आधार पर अनुराग गुप्ता के खिलाफ जांच चल रही थी. गृह विभाग के नोटिफिकेशन में इस बात का जिक्र है कि जांच प्रतिवेदन में अनुराग गुप्ता के खिलाफ लगाए गए आरोप प्रमाणित नहीं हो पाए. इसलिए उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई को खत्म करते हुए उन्हें आरोप मुक्त कर दिया गया है.

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2016 का राज्यसभा चुनाव खत्म होने पर बाबूलाल मरांडी ने एक ऑडियो टेप जारी किया था. इसमें अनुराग गुप्ता, तत्कालीन विधायक निर्मला देवी और उनके पति योगेंद्र साव के बीच बातचीत का अंश था. बाबूलाल मरांडी ने इसको लेकर चुनाव आयोग से शिकायत की थी. इसे गंभीर आरोप बताते हुए आयोग ने उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था. फरवरी 2020 में अनुराग गुप्ता के निलंबन के बाद राज्य सरकार ने विभागीय कार्रवाई शुरू की थी. हालाकि तत्कालीन डीजीपी एमवी राव ने उन्हें क्लीन चिट दे दी थी. अनुराग गुप्ता को उन्हें आरोपमुक्त होने के लिए दो साल तक इंतजार करना पड़ा.

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