रांची: झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार का 1 साल उपलब्धियों, नाकामियों और चुनौतियों से भरा रहा है. इसकी सबसे बड़ी वजह यह रही है कि राज्य में हेमंत सरकार के गठन होने के ठीक बाद कोरोना संक्रमण काल शुरू हो गया. ऐसे में सरकार की कई उपलब्धियां रही तो कई नाकामियों को लेकर भी विपक्ष ने जमकर हमला बोला है. जबकि सत्ता पक्ष का दावा है कि कोरोना काल में भी बेहतर काम हुए हैं. कोरोना संक्रमण काल में अगर सरकार की उपलब्धियों पर नजर डालें तो सबसे बड़ी उपलब्धि रही कि झारखण्ड राज्य देश का पहला ऐसा राज्य बना जहां प्रवासी मजदूरों को हवाई जहाज से सरकार ने वापस लाने का काम किया.
8 लाख प्रवासी मजदूर लौटे वापस
कोरोना काल में लगभग 8 लाख प्रवासी मजदूरों की वापसी के अनुमान को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रोजगार सृजन के लिए बिरसा हरित ग्राम योजना, नीलाम्बर पीताम्बर जल समृद्धि योजना और पोटो हो खेल विकास योजना की शुरुआत की. जिसके तहत लगभग दो करोड़ लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने की उम्मीद जताई गई थी. इन योजनाओं से राज्य के ग्रामीण, किसान और खेल के प्रति समर्पित युवाओं को फायदा भी मिला. इन तीनों योजना से सबसे ज्यादा ग्रामीण क्षेत्र के प्रवासी मजदूरों को गांव में ही रोजगार मिलना संभव हो पाया. इसके साथ ही ग्रामीण इलाकों में मनरेगा के तहत इन तीनों योजनाओं में काम दिया गया, जो लगातार जारी है.
सरकार के दावे
- बिरसा हरित योजना
- नीलांबर पीताम्बर जल समृद्धि योजना
- पोटो खेल विकास योजना
- मुख्यमंत्री शहरी श्रमिक योजना
- फूलो झानो आशीर्वाद योजना
- गरीबों को धोती साड़ी और लूंगी देना
- खिलाड़ियों की सीधी नियुक्ति प्रक्रिया शुरू
रोजगार के लिए कई योजनाएं
मुख्यमंत्री शहरी श्रमिक योजना की शुरुआत की गई है. जिसमें शहर में रहने वाले अकुशल मजदूरों को भी 100 दिन की रोजगार की गारंटी दी गयी है. यह योजना मनरेगा योजना की तरह लोगों को 1 साल में 100 दिन का काम देगी. वहीं फूलो झानो आशीर्वाद योजना के तहत मादक पदार्थ हड़िया, दारु बेचने वाली महिला की बेहतरी के लिए शुरू की गई है. जिसके तहत महिलाओं को उनके मन मुताबिक वैकल्पिक आजीविका के साधन मुहैया कराए जाएंगे. ग्रामीण इलाकों में मादक पदार्थों के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए यह कदम उठाया गया है.
गरीबों के लिए धोती साड़ी और लुंगी
गरीबी रेखा से नीचे रह रहे परिवारों को 10 रुपए में धोती साड़ी और लुंगी दिए जाने की योजना भी शुरू की गई है. इसके लिए सरकार ने 200 करोड़ का प्रावधान किया है. वहीं सरकार ने खिलाड़ियों की सीधी नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की है. जिसमें खिलाड़ियों के रजिस्ट्रेशन के लिए पोर्टल तैयार किया गया है. जहां खिलाड़ी अपना रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं. जिसके बाद सीधी नियुक्ति का प्रावधान किया गया है. सत्ता में शामिल कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता शमशेर आलम ने कहा कि विपक्ष अंधी ही नहीं बल्कि बहरी हो गई है. उन्हें सरकार के 1 साल की उपलब्धियां ना ही दिखाई दे रही है, ना सुनाई दे रही है. जबकि हेमंत सरकार ने कोरोना काल में भी देश में अपना कीर्तिमान स्थापित किया है.
कोरोना का बहाना
राज्य की विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी का साफ तौर पर कहना है कि कोरोना काल का बहाना बनाकर सिर्फ सरकार रोना रोती रही है और विकास के कोई कार्य राज्य में नहीं हो पाए. सरकार सिर्फ खाली खजाने की बात कह कर अपना पल्ला झाड़ती रही है. जिसकी वजह से पिछले 1 वर्षों में राज्य में जो विकास कार्य होने थे. वह धरातल पर नहीं उतर पाए. साथ ही गठबंधन सरकार के दलों ने चुनाव के दौरान जो वादे और दावे घोषणा पत्र में किए, उनमें से कोई वादा पूरा नहीं किया. बल्कि इन एक वर्षों में भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिला है.
एक रुपये में जमीन रजिस्ट्री की योजना बंद
भाजपा का मानना है कि धान की खरीद पर सरकार ने रोक लगाकर किसानों को धोखा दिया है, साथ ही भाजपा सरकार में शुरू किए गए किसान आशीर्वाद योजना को भी बंद कर यह साबित कर दिया कि गठबंधन सरकार किसान की हितैषी नहीं है. वहीं राज्य में पंचायत से लेकर राजधानी तक नकारात्मक वातावरण बना हुआ है. सड़क, बिजली, पानी, चिकित्सा जैसी मूलभूत जरूरतों की स्थिति भी दयनीय बनी हुई है. उद्योग धंधे बंद हो रहे हैं, लेकिन ट्रांसफर पोस्टिंग का उद्योग फल फूल रहा है. जमीन की लूट में भी इस सरकार के 1 वर्ष में बढ़ावा मिला है. राज्य में महिलाएं असुरक्षित हैं. एक वर्ष में 1200 से ज्यादा दुष्कर्म के मामले सामने आए हैं, जो साबित कर रहा है कि राज्य में महिलाएं और बच्चियां सुरक्षित नहीं है. माओवादी एक बार फिर पैर पसारने लगे हैं और एक बार फिर से राज्य में पोस्टर बाजी समेत लेवी की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. वहीं महिला सशक्तिकरण को लेकर 1 रुपये में जमीन रजिस्ट्री की योजना को बंद कर हेमंत सरकार ने यह साबित कर दिया कि वह महिला सशक्तिकरण के खिलाफ है.
विपक्ष के आरोप
- घोषणा पत्र के वादे पूरे नहीं किए
- धान खरीद के नाम पर किसानों को धोखा
- किसान आशीर्वाद योजना बंद
- मूलभूत सुविधाओं की स्थिति खराब
- ट्रांसफर पोस्टिग का चल रहा उद्योग
- महिलाएं-बच्चियां सुरक्षित नहीं
- एक रुपए में रजिस्ट्री योजना बंद
- रांची में फ्लाई ओवर का काम ठप
कई पुरानी योजनाएं बंद
वहीं, इंफ्रास्ट्रक्चर की बात करें तो पिछली सरकार में शुरू हुई कई महत्वाकांक्षी योजनाओं पर भी गठबंधन सरकार ने विराम लगा दिया है. अगर राजधानी रांची के अंदर की ही योजना की बात करें तो बड़ा तालाब और हरमू नदी के सौंदर्यीकरण, कांटा टोली फ्लाईओवर, रातू रोड फ्लाईओवर, सीवरेज ड्रेनेज, मोरहाबादी स्थित टाइम स्क्वायर समेत तमाम छोटी-बड़ी योजनाओं के काम को आगे नहीं बढ़ाया गया है. इसे लेकर सरकार की ओर से कोई निर्णय नहीं लिए गए है. सभी योजनाओं पर करोड़ों रुपये खर्च हुए. लेकिन गठबंधन सरकार के आने के बाद 1 वर्ष के कार्यकाल में इन योजनाओं के पूरा करने की दिशा में कोई पहल नहीं की गई, बल्कि सभी काम ठप पड़े हुए हैं.
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने कहा कि हेमंत सरकार 1 वर्ष में पूरी तरह से राज्य के विकास को लेकर फेल साबित हुई है. उन्होंने कहा कि किसानों के ऋण माफी का मामला हो या फिर युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने का वादा हो, किसी भी वादे को सरकार ने पूरा नहीं किया. सरकार हमेशा संसाधनों का रोना रोती रही है. इसकी वजह से विकास कार्य बाधित हुआ है. कैबिनेट के अंदर भी अंतर्विरोध रहा है. ऐसे में भाजपा मानती है कि 1 वर्ष राज्य की जनता के लिए घोर निराशाजनक रही है.
बड़े वादे जो अब तक नहीं हुए पूरे
- किसानों के कर्ज माफ करने का वादा
- बेरोजगारी भत्ता देने का वादा
- सरकारी नौकरी देने का वादा
- पारा शिक्षकों के स्थायीकरण का वादा