रांचीः झारखंड में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. अब संक्रमण का खतरा बच्चों के दामन तक आ पहुंचा है. झारखंड में बच्चे भी कोरोना संक्रमित होने लगे हैं. राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स में चार कोरोना संक्रमित बच्चे भर्ती हैं. वहीं राज्य के अन्य जिलों के अस्पताल, निजी अस्पताल के साथ-साथ होम आइसोलेशन में कोरोना संक्रमित कई बच्चे हैं.
इसे भी पढ़ें- धनबाद में कोरोना विस्फोट, सैनिक स्कूल परीक्षा देने आए 21 बच्चे कोरोना पॉजिटिव
रिम्स कोरोना टास्क फोर्स के डॉक्टर अजीत डुंगडुंग कहते हैं कि इस बार बच्चे भी संक्रमित हो रहे हैं. यह किस वजह से हो रहा है, इस पर पक्के तौर पर तो अभी नहीं कहा जा सकता है. लेकिन जिस तरह का संक्रमण का ट्रेंड है उससे इसकी वजह कोरोना वेरिएंट ओमीक्रोन लग रहा है. डॉ. अजित डुंगडुंग कहते हैं कि ओमीक्रोन में यह देखा गया है कि यह वेरिएंट इम्युनिटी को भी स्किप कर जाता है और इंसान संक्रमित हो जाते हैं. इसलिए जब बच्चों को अभी वैक्सीन नहीं लगा है, ऐसे में उनमें संक्रमण का खतरा ज्यादा है.
बच्चों में कोरोना का संक्रमण की वजह के सवाल पर रिम्स के डॉ. ब्रजेश मिश्रा कहते हैं कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान अभिभावकों ने ज्यादा सावधानी बरती थी. उन्होंने खुद को और अपने नौनिहालों को संक्रमण से बचाकर रखा था. लेकिन इस बार लापरवाही ज्यादा दिख रही है, बच्चे के साथ माता-पिता बिना कोरोना गाइडलाइन का पालन किए बाजार, चौक-चौराहों पर दिख जाते हैं जबकि इस बार कोरोना संक्रमण की रफ्तार काफी तेज है.
मौसम का असरः रांची सदर अस्पताल कोरोना टास्क फोर्स के डॉ. एसएस मंडल कहते हैं कि पहले से ही इस तरह का मौसम सर्दी, खांसी और वायरल बीमारियों के लिए अनुकूल होता है. ऐसे में कोरोना का संक्रमण अलग से है. जिसकी वजह से बच्चे भी कोविड संक्रमित हो रहे हैं, पर अच्छी बात यह है कि संक्रमण माइल्ड किस्म का ही हो रहा है. बच्चों में कोरोना संक्रमण का खतरा कम करने के सवाल पर रिम्स के डॉ. अजीत डुंगडुंग कहते हैं कि बच्चों को पोषण युक्त गर्म खाना, गुनगुना पानी, फल सब्जी ज्यादा से ज्यादा खिलाएं. जिससे उनमें पोषक तत्वों की कमी ना हो. इसके साथ ही साथ बाजार का खाना, बासी खाना का परहेज करें. उन्होंने लोगों से यह भी अपील की है कि घर से बाहर काम के लिए निकलने वाले पेरेंट्स घर लौटने पर विशेष सावधानी बरतें.