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झारखंड में अफसर धान खरीद लक्ष्य से फिर पिछड़े, सरकार को बढ़ाना पड़ा समय - झारखंड राज्य खाद्य एवं असैनिक आपूर्ति निगम

झारखंड में नौकरशाही की सुस्ती सरकार के लक्ष्यों और जनता पर भारी पड़ रही है. धान खरीद लक्ष्य उसी सिलसिले की एक कड़ी हैं. एक बार फिर अफसरों की कारस्तानी से सरकार अपने लक्ष्य से पिछड़ गई. झारखंड में 31 मार्च तक एमएसपी पर 80 लाख क्विंटल धान खरीद का लक्ष्य तय किया गया था. लेकिन अफसरों के पिछड़ने के कारण सरकार को इसकी अवधि बढ़ानी पड़ी. अब 15 अप्रैल तक किसानों से धान खरीद की जाएगी.

paddy procurement target
धान खरीद लक्ष्य
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Published : Apr 1, 2022, 9:10 PM IST

Updated : Apr 1, 2022, 9:17 PM IST

रांची: झारखंड सरकार अन्नदाताओं से धान नहीं खरीद पा रही है. यही वजह है कि इस वर्ष 31 मार्च तक एमएसपी दर पर 80 लाख क्विंटल धान खरीदने के लक्ष्य को पार करने में सरकार सफल नहीं हो पाई. मजबूरी में सरकार ने धान खरीद की तारीख 15 दिनों के लिए बढ़ा दिया है. अब 15 अप्रैल तक धान क्रय करने का लक्ष्य तय किया है. इससे झारखंड राज्य खाद्य एवं असैनिक आपूर्ति निगम के प्रबंध निदेशक यतीन्द्र प्रसाद ने इस संबंध में चिठ्ठी जारी कर सभी जिलों के पदाधिकारियों को टारगेट पूरा करने का निर्देश दिया है.

ये भी पढ़ें-झारखंड में धान खरीद की रफ्तार धीमी, लक्ष्य से 30 लाख क्विंटल है पीछे


आखिर क्यों नहीं हो पाया टारगेट पूराः झारखंड में इस वर्ष लक्ष्य 80 लाख क्विंटल धान खरीद का लक्ष्य तय किया गया था. जिसकी शुरुआत 15 दिसंबर से कर दी गई थी और 31 मार्च तक धान खरीद लक्ष्य पूरा करना था, लेकिन तकनीकी अड़चन और सरकार की जटिल प्रक्रिया के कारण यह लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया. लक्ष्य पूरा नहीं होने में सबसे बड़ी परेशानी किसानों के रजिस्ट्रेशन, मोबाइल नंबर में बदलाव, अधिकारियों की लापरवाही रही. किसानों का कहना है कि नए रजिस्ट्रेशन में हो रही अनावश्यक देरी और नियमों में समय समय पर बदलाव से दिक्कत आ रही है.

देखें स्पेशल खबर

विभाग के टेक्निकल एक्सपर्ट विशाल की मानें तो अधिकांश किसानों के मोबाइल नंबर बदल गए हैं. इससे विभाग द्वारा भेजे जा रहे मैसेज उन्हें नहीं मिल पा रहे हैं. वहीं कई विभागीय अधिकारियों का कहना है कि इस बार नियम में हुए बदलाव के कारण किसान धान नहीं बेच रहे हैं. नामकुम लैम्पस के मैनेजर नीरज कुमार और ब्लॉक सहकारिता प्रसार पदाधिकारी ललिता सोलंकी लक्ष्य के अनुरूप धान खरीद नहीं हो पाने की मुख्य वजह किसानों के नये निबंधन में हो रही देरी और पुराने निबंधित किसानों के मोबाइल नंबर बदलना बताते हैं.

इधर, धान खरीद लक्ष्य से दूर रहने के कारण राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार से निर्धारित समय सीमा बढ़ाने का आग्रह किया था, जिससे शेष 13 लाख क्विंटल धान की खरीद हो सके. इधर रातू के किसान विजय मुंडा का मानना है कि सरकार किसानों से धान खरीद लेती है मगर उसके भुगतान में बेवजह देरी करती है जिसके कारण किसान बिचौलियों के पास औने पौने दाम में धान बेचकर पूंजी वसूलना पसंद करते हैं.


सरकार की ये है घोषणाः राज्य सरकार ने साधारण धान का मूल्य 2050 और ग्रेड ए धान की कीमत 2070 रुपया निर्धारित किया है. इसके अलावे इस वर्ष सरकार ने धान प्राप्त करने के वक्त ही 50 प्रतिशत भुगतान करने और तत्पश्चात शेष राशि तीन महीने के अंदर भुगतान करने की घोषणा कर रखी है.

Officers in Jharkhand not completed paddy procurement target
झारखंड में अफसर धान खरीद लक्ष्य से फिर पिछड़े
वर्ष दर वर्ष धान खरीद का लक्ष्य


2017-18 में 40 लाख क्विंटल
2018-19 में 40 लाख क्विंटल
2019-20 में 30 लाख क्विंटल
2020-21 में 60 लाख 85 हजार क्वि.
2021-22 में 80 लाख क्विंटल


पिछले वर्ष सामने आई थी गड़बड़ीः पिछले वर्ष फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद सरकार ने इससे सबक लिया था. इस खरीफ वर्ष में धान खरीद में किसानों से अधिकतम 200 क्विंटल ही खरीद करने का निर्देश दिया गया था. साथ ही संदेह के घेरे में आये किसानों की निगरानी करने की हिदायत दी है. इसके अलावा एक बार में एक किसान से अधिकतम 100 क्विंटल ही धान खरीद करने का आदेश दिया गया है.इससे ज्यादा यदि किसान धान बेचना चाहते हैं तो 15 दिन बाद ही धान बेचने की अनुमति वैसे किसान को मिलेगी. वहीं बीपीएल श्रेणी के किसानों को अधिकतम 80 क्विंटल धान बेचने की इजाजत है.

क्या कहते हैं अफसरः झारखंड राज्य खाद्य एवं आपूर्ति निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक यतींद्र प्रसाद ने कहा कि राज्य सरकार ने भारत सरकार से 30 अप्रैल तक धान खरीद की तारीख बढ़ाने का आग्रह किया था लेकिन केन्द्र सरकार ने 15 अप्रैल तक ही इसे बढ़ाया. हालांकि राज्य सरकार यह लक्ष्य प्राप्त कर लेगी. धान खरीद की धीमी रफ्तार पर यतीन्द्र प्रसाद ने कहा कि पिछले वर्ष इस अवधि से तुलना की जाए तो अभी तक काफी ज्यादा खरीद हुई है. शुरुआत में तकनीकी खामियों के चलते परेशानी आ रही थी मगर उसे ठीक कर लिया गया है.

Officers in Jharkhand not completed paddy procurement target
झारखंड में अफसर धान खरीद लक्ष्य से फिर पिछड़े

अब तक 84.38% धान की हुई खरीद,धान खरीद में रांची सबसे पीछे
31 मार्च तक राज्य भर में 84.38% धान खरीद हुई है जो लक्ष्य से करीब 13.5 लाख क्विंटल कम है. राज्य सरकार ने इस खरीफ वर्ष में 80 लाख क्विंटल धान खरीद का लक्ष्य रखा था. जिलों की बात करें तो रांची में सर्वाधिक कम 51.10% धान खरीद हुई है. रांची में विभाग द्वारा 4 लाख 80 हजार क्विंटल धान खरीदने का लक्ष्य दिया गया था. सर्वाधिक धान खरीद सिमडेगा में हुआ है जो लक्ष्य की तुलना में 114.98% है. बात यदि अन्य जिलों की करें तो साहिबगंज 104.78%,गोड्डा 87.17% पाकुड़ 107.4 7%, दुमका 102.85% ,देवघर 78.02%, जामताड़ा 100.45 प्रतिशत, गिरिडीह 89.14%, हजारीबाग 82.70%, रामगढ़ 91.16%, चतरा 90.12%, कोडरमा 102.10%, धनबाद 92.95%, बोकारो 85.84%, रांची 51.10%, खूंटी 95.89% ,गुमला 99.99%, सिमडेगा 114.98%, लोहरदगा 95.84%, पूर्वी सिंहभूम 82.06%, पश्चिम सिंहभूम 75.67% ,सरायकेला खरसावां 79.00, गढ़वा 106.21%, लातेहार 68.17%,पलामू 67.04%.

रांची: झारखंड सरकार अन्नदाताओं से धान नहीं खरीद पा रही है. यही वजह है कि इस वर्ष 31 मार्च तक एमएसपी दर पर 80 लाख क्विंटल धान खरीदने के लक्ष्य को पार करने में सरकार सफल नहीं हो पाई. मजबूरी में सरकार ने धान खरीद की तारीख 15 दिनों के लिए बढ़ा दिया है. अब 15 अप्रैल तक धान क्रय करने का लक्ष्य तय किया है. इससे झारखंड राज्य खाद्य एवं असैनिक आपूर्ति निगम के प्रबंध निदेशक यतीन्द्र प्रसाद ने इस संबंध में चिठ्ठी जारी कर सभी जिलों के पदाधिकारियों को टारगेट पूरा करने का निर्देश दिया है.

ये भी पढ़ें-झारखंड में धान खरीद की रफ्तार धीमी, लक्ष्य से 30 लाख क्विंटल है पीछे


आखिर क्यों नहीं हो पाया टारगेट पूराः झारखंड में इस वर्ष लक्ष्य 80 लाख क्विंटल धान खरीद का लक्ष्य तय किया गया था. जिसकी शुरुआत 15 दिसंबर से कर दी गई थी और 31 मार्च तक धान खरीद लक्ष्य पूरा करना था, लेकिन तकनीकी अड़चन और सरकार की जटिल प्रक्रिया के कारण यह लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया. लक्ष्य पूरा नहीं होने में सबसे बड़ी परेशानी किसानों के रजिस्ट्रेशन, मोबाइल नंबर में बदलाव, अधिकारियों की लापरवाही रही. किसानों का कहना है कि नए रजिस्ट्रेशन में हो रही अनावश्यक देरी और नियमों में समय समय पर बदलाव से दिक्कत आ रही है.

देखें स्पेशल खबर

विभाग के टेक्निकल एक्सपर्ट विशाल की मानें तो अधिकांश किसानों के मोबाइल नंबर बदल गए हैं. इससे विभाग द्वारा भेजे जा रहे मैसेज उन्हें नहीं मिल पा रहे हैं. वहीं कई विभागीय अधिकारियों का कहना है कि इस बार नियम में हुए बदलाव के कारण किसान धान नहीं बेच रहे हैं. नामकुम लैम्पस के मैनेजर नीरज कुमार और ब्लॉक सहकारिता प्रसार पदाधिकारी ललिता सोलंकी लक्ष्य के अनुरूप धान खरीद नहीं हो पाने की मुख्य वजह किसानों के नये निबंधन में हो रही देरी और पुराने निबंधित किसानों के मोबाइल नंबर बदलना बताते हैं.

इधर, धान खरीद लक्ष्य से दूर रहने के कारण राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार से निर्धारित समय सीमा बढ़ाने का आग्रह किया था, जिससे शेष 13 लाख क्विंटल धान की खरीद हो सके. इधर रातू के किसान विजय मुंडा का मानना है कि सरकार किसानों से धान खरीद लेती है मगर उसके भुगतान में बेवजह देरी करती है जिसके कारण किसान बिचौलियों के पास औने पौने दाम में धान बेचकर पूंजी वसूलना पसंद करते हैं.


सरकार की ये है घोषणाः राज्य सरकार ने साधारण धान का मूल्य 2050 और ग्रेड ए धान की कीमत 2070 रुपया निर्धारित किया है. इसके अलावे इस वर्ष सरकार ने धान प्राप्त करने के वक्त ही 50 प्रतिशत भुगतान करने और तत्पश्चात शेष राशि तीन महीने के अंदर भुगतान करने की घोषणा कर रखी है.

Officers in Jharkhand not completed paddy procurement target
झारखंड में अफसर धान खरीद लक्ष्य से फिर पिछड़े
वर्ष दर वर्ष धान खरीद का लक्ष्य


2017-18 में 40 लाख क्विंटल
2018-19 में 40 लाख क्विंटल
2019-20 में 30 लाख क्विंटल
2020-21 में 60 लाख 85 हजार क्वि.
2021-22 में 80 लाख क्विंटल


पिछले वर्ष सामने आई थी गड़बड़ीः पिछले वर्ष फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद सरकार ने इससे सबक लिया था. इस खरीफ वर्ष में धान खरीद में किसानों से अधिकतम 200 क्विंटल ही खरीद करने का निर्देश दिया गया था. साथ ही संदेह के घेरे में आये किसानों की निगरानी करने की हिदायत दी है. इसके अलावा एक बार में एक किसान से अधिकतम 100 क्विंटल ही धान खरीद करने का आदेश दिया गया है.इससे ज्यादा यदि किसान धान बेचना चाहते हैं तो 15 दिन बाद ही धान बेचने की अनुमति वैसे किसान को मिलेगी. वहीं बीपीएल श्रेणी के किसानों को अधिकतम 80 क्विंटल धान बेचने की इजाजत है.

क्या कहते हैं अफसरः झारखंड राज्य खाद्य एवं आपूर्ति निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक यतींद्र प्रसाद ने कहा कि राज्य सरकार ने भारत सरकार से 30 अप्रैल तक धान खरीद की तारीख बढ़ाने का आग्रह किया था लेकिन केन्द्र सरकार ने 15 अप्रैल तक ही इसे बढ़ाया. हालांकि राज्य सरकार यह लक्ष्य प्राप्त कर लेगी. धान खरीद की धीमी रफ्तार पर यतीन्द्र प्रसाद ने कहा कि पिछले वर्ष इस अवधि से तुलना की जाए तो अभी तक काफी ज्यादा खरीद हुई है. शुरुआत में तकनीकी खामियों के चलते परेशानी आ रही थी मगर उसे ठीक कर लिया गया है.

Officers in Jharkhand not completed paddy procurement target
झारखंड में अफसर धान खरीद लक्ष्य से फिर पिछड़े

अब तक 84.38% धान की हुई खरीद,धान खरीद में रांची सबसे पीछे
31 मार्च तक राज्य भर में 84.38% धान खरीद हुई है जो लक्ष्य से करीब 13.5 लाख क्विंटल कम है. राज्य सरकार ने इस खरीफ वर्ष में 80 लाख क्विंटल धान खरीद का लक्ष्य रखा था. जिलों की बात करें तो रांची में सर्वाधिक कम 51.10% धान खरीद हुई है. रांची में विभाग द्वारा 4 लाख 80 हजार क्विंटल धान खरीदने का लक्ष्य दिया गया था. सर्वाधिक धान खरीद सिमडेगा में हुआ है जो लक्ष्य की तुलना में 114.98% है. बात यदि अन्य जिलों की करें तो साहिबगंज 104.78%,गोड्डा 87.17% पाकुड़ 107.4 7%, दुमका 102.85% ,देवघर 78.02%, जामताड़ा 100.45 प्रतिशत, गिरिडीह 89.14%, हजारीबाग 82.70%, रामगढ़ 91.16%, चतरा 90.12%, कोडरमा 102.10%, धनबाद 92.95%, बोकारो 85.84%, रांची 51.10%, खूंटी 95.89% ,गुमला 99.99%, सिमडेगा 114.98%, लोहरदगा 95.84%, पूर्वी सिंहभूम 82.06%, पश्चिम सिंहभूम 75.67% ,सरायकेला खरसावां 79.00, गढ़वा 106.21%, लातेहार 68.17%,पलामू 67.04%.
Last Updated : Apr 1, 2022, 9:17 PM IST
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