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झारखंड बीजेपी ने राहुल गांधी के ओबीसी प्रेम को बताया दिखावा! पूछा- बोर्ड निगम और आयोग में कितने पिछड़ों को अध्यक्ष बनाया? - Jharkhand news

बिहार में जातीय जनगणना के बाद से ही ओबीसी और पिछड़ों की हिस्सेदारी को लेकर राजनीति तेज हो गई है. एक तरफ जहां कांग्रेस ये कह रही है कि बीजेपी ने पिछड़ों की हकमारी की है. वहीं बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस को पहले अपनी सरकार में देखना चाहिए कि उन्होंने अपने बोर्ड और आयोग में उन्हें कितनी हिस्सेदारी दी है. OBC politics intensifies in Jharkhand

OBC politics intensifies in Jharkhand
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 12, 2023, 4:53 PM IST

Updated : Oct 12, 2023, 5:03 PM IST

झारखंड बीजेपी ने राहुल गांधी के ओबीसी प्रेम को बताया दिखावा

रांची: अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी इन दिनों जातीय जनगणना और भाजपा की सरकार में ओबीसी की हकमारी का सवाल जोरशोर से उठा रहे हैं. ऐसे में झारखंड भारतीय जनता पार्टी के नेता कमाल खान ने राहुल गांधी के सवाल को ही झारखंड कांग्रेस के पाले में डाल दिया है.

ये भी पढ़ें: बिहार के बाद झारखंड में भी जातीय गणना की मांग हुई तेज, जानिए जातीय गणना पर झारखंड के नेताओं का मत

प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता कमाल खान ने राहुल गांधी और कांग्रेस के ओबीसी प्रेम को छलावा और वोट की राजनीति करार देते हुए पूछा कि कांग्रेस के नेता बताएं कि झारखंड में अब तक गठित कृषि विपणन पर्षद, झारखंड राज्य गो सेवा आयोग, झारखंड राज्य हिन्दू धार्मिक न्यास बोर्ड, झारखंड राज्य युवा आयोग और झारखंड राज्य आवास बोर्ड में से कितने बोर्ड या आयोग में ओबीसी को जगह दी? भाजपा नेता ने कांग्रेस से पूछा है कि राज्य में अबतक गठित बोर्ड और आयोग में से कितने का अध्यक्ष ओबीसी को बनाया है. इसका जवाब कांग्रेस को देना चाहिए.

झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी में भी संख्या के हिसाब से कितने पदाधिकारी ओबीसी समाज से बनाये गए हैं. यह भी सार्वजनिक करना चाहिए. राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ भाजपा नेता कमाल खान ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने तो ओबीसी समाज के व्यक्ति को देश का प्रधानमंत्री बनाया है. यह बात कांग्रेस के नेता को नहीं भूलना चाहिए.

वहीं, इस मामले में प्रदेश कांग्रेस के महासचिव सह प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि आवास बोर्ड में सदस्य ओबीसी का बनाया गया है. जबकि अध्यक्ष अनुसूचित जाति से हैं. उन्होंने कहा कि दरअसल राहुल गांधी द्वारा जातीय गणना की मांग से भाजपा घबरा गई है. इसलिए उसके नेता अनाप शनाप बयानबाजी कर रहे हैं.

भाजपा और कांग्रेस के बीच ओबीसी का मुद्दा भले ही राजनीति से प्रेरित हो, लेकिन जिस मुद्दे को भाजपा ने झारखंड में उठा दिया है उसके बाद प्रदेश कांग्रेस के लिए यह बताना आसान नहीं होगा कि अब तक गठित आयोग, बोर्ड और पर्षद में एक भी अध्यक्ष ओबीसी से क्यों नहीं बनाया गया है.

झारखंड बीजेपी ने राहुल गांधी के ओबीसी प्रेम को बताया दिखावा

रांची: अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी इन दिनों जातीय जनगणना और भाजपा की सरकार में ओबीसी की हकमारी का सवाल जोरशोर से उठा रहे हैं. ऐसे में झारखंड भारतीय जनता पार्टी के नेता कमाल खान ने राहुल गांधी के सवाल को ही झारखंड कांग्रेस के पाले में डाल दिया है.

ये भी पढ़ें: बिहार के बाद झारखंड में भी जातीय गणना की मांग हुई तेज, जानिए जातीय गणना पर झारखंड के नेताओं का मत

प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता कमाल खान ने राहुल गांधी और कांग्रेस के ओबीसी प्रेम को छलावा और वोट की राजनीति करार देते हुए पूछा कि कांग्रेस के नेता बताएं कि झारखंड में अब तक गठित कृषि विपणन पर्षद, झारखंड राज्य गो सेवा आयोग, झारखंड राज्य हिन्दू धार्मिक न्यास बोर्ड, झारखंड राज्य युवा आयोग और झारखंड राज्य आवास बोर्ड में से कितने बोर्ड या आयोग में ओबीसी को जगह दी? भाजपा नेता ने कांग्रेस से पूछा है कि राज्य में अबतक गठित बोर्ड और आयोग में से कितने का अध्यक्ष ओबीसी को बनाया है. इसका जवाब कांग्रेस को देना चाहिए.

झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी में भी संख्या के हिसाब से कितने पदाधिकारी ओबीसी समाज से बनाये गए हैं. यह भी सार्वजनिक करना चाहिए. राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ भाजपा नेता कमाल खान ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने तो ओबीसी समाज के व्यक्ति को देश का प्रधानमंत्री बनाया है. यह बात कांग्रेस के नेता को नहीं भूलना चाहिए.

वहीं, इस मामले में प्रदेश कांग्रेस के महासचिव सह प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि आवास बोर्ड में सदस्य ओबीसी का बनाया गया है. जबकि अध्यक्ष अनुसूचित जाति से हैं. उन्होंने कहा कि दरअसल राहुल गांधी द्वारा जातीय गणना की मांग से भाजपा घबरा गई है. इसलिए उसके नेता अनाप शनाप बयानबाजी कर रहे हैं.

भाजपा और कांग्रेस के बीच ओबीसी का मुद्दा भले ही राजनीति से प्रेरित हो, लेकिन जिस मुद्दे को भाजपा ने झारखंड में उठा दिया है उसके बाद प्रदेश कांग्रेस के लिए यह बताना आसान नहीं होगा कि अब तक गठित आयोग, बोर्ड और पर्षद में एक भी अध्यक्ष ओबीसी से क्यों नहीं बनाया गया है.

Last Updated : Oct 12, 2023, 5:03 PM IST
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