रांचीः राजधानी में बीजेपी नेता और एक बिल्डर की हत्या की साजिश रचने के बाद अचानक गैंगस्टर सुजीत सिन्हा सुर्खियों में आ गया है. जमशेदपुर जेल में बंद सुजीत सिन्हा जेल से ही अपने गैंग को ऑपरेट कर रहा है. अब सुजीत सिन्हा के समर्थन में उसके गैंग के अपराधियों ने एक वीडियो जारी किया है. यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
वीडियो की हकीकत नहीं आई सामने
बता दें कि उम्र कैद की सजा काट रहे झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर सुजीत सिन्हा गैंग के अपराधी होने का दावा कर, दो नकाबपोशों ने एके-47 जैसे घातक हथियार के साथ सुजीत सिन्हा के पक्ष में एक वीडियो जारी किया है. इस वीडियो की हकीकत क्या है यह भी सामने नहीं आ पाया है. यह झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर सुजीत सिन्हा को लेकर जारी किया गया है. जिससे साफ है कि झारखंड से ही संबंधित है.
नकाबपोश ने सुजीत सिन्हा के साले के बारे में ये कहा
सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे इस वीडियो में एक शख्स खुद को सुजीत सिन्हा गैंग का सदस्य बता रहा है. वो कह रहा है कि हमारे बॉस सुजीत जमशेदपुर जेल में बंद हैं. सुजीत सिन्हा के नाम पर कुछ लोग रंगदारी मांगते हैं और पुलिस से फर्जी मुकदमा दर्ज कराते हैं. वहीं, उनके बॉस और उनकी पत्नी जेल में बंद है. चेहरा ढका हुआ शख्स यह भी बोलता है कि बॉस के साले को भी झूठे केस में फंसा कर जेल भेज दिया गया है.
क्या है मामला
गौरतलब है कि 2 दिन पहले ही रांची में एक बीजेपी नेता और बिल्डर की हत्या की साजिश रचने के आरोप में सुजीत सिन्हा के साले को जेल भेजा गया है. इससे यह प्रमाणित होता है कि वीडियो एक-दो दिनों के अंदर ही बनाया गया है. वीडियो में सुजीत सिन्हा के पक्ष में कहते हुए नकाबपोश कह रहा है कि वह जल्द ही बिल्डर और व्यवसायियों को उनकी औकात बताएगा. नकाबपोश के अनुसार झारखंड पुलिस एक तरफ कहती है कि सुजीत सिन्हा डॉन है. लेकिन पुलिस उसके परिवार के लोगों को गिरोह का सदस्य बताकर जेल भेजती है.
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नकाबपोश ने चेतावनी भरे लहजे में यह भी कहा है कि सुजीत के पास शूटरों की कोई कमी नहीं है, ऐसे में क्या वह अपनी पत्नी और साला से अपराध की वारदात करवाएंगे. फिलहाल यह वायरल वीडियो झारखंड पुलिस के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है. इस वीडियो में गैंगस्टर सुजीत सिन्हा के रिश्तेदार की गिरफ्तारी की बात प्रमुखता से कही गई है. इससे यह साफ हो जा रहा है कि यह वीडियो दो या तीन दिन पहले ही शूट किया गया है.
हालांकि इस मामले में झारखंड पुलिस के किसी भी अधिकारी की प्रतिक्रिया नहीं मिली है. जानकारी के अनुसार झारखंड के पलामू, रांची और जमशेदपुर पुलिस को यह वीडियो उपलब्ध करवाया गया है, जिससे इसकी जांच की जा सके.