रांचीः झारखंड की हेमंत कैबिनेट ने पिछले दिनों संशोधित शिक्षक नियुक्ति नियमावली (Jharkhand Teacher Recruitment Rules) प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. इसके बाद शिक्षा विभाग ने संशोधित शिक्षक नियुक्ति नियमावली की अधिसूचना जारी कर दी है. हालांकि, संशोधित नियमावली से राज्य के शिक्षक अभ्यर्थी खुश नहीं हैं.
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शिक्षक अभ्यर्थियों की मानें तो सब्सिडरी विषय को हटा देने से लाखों अभ्यर्थी शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल नहीं हो सकेंगे. यह संशोधन के जरिए शिक्षक अभ्यर्थियों को ठगा गया है. इससे यह नियमावली कहीं से भी राज्य के शिक्षक अभ्यर्थियों के लिए ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि सब्सिडरी विषय पर अब शिक्षक नहीं बन सकते हैं. किसी एक ही विषय पर अभ्यर्थी शिक्षक बनने के लिए नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल हो सकते हैं. उन्होंने राज्य सरकार से मांग करते हुए कहा कि नियमावली में फिर संशोधित करते हुए सब्सिडरी विषय को जोड़ना सुनिश्चित करें.
इस संशोधित नियमावली के जरिए कई प्रावधानों में बदलाव किया गया है. हाई स्कूल में अब सब्सिडरी विषय के आधार पर शिक्षक नहीं बन सकता है. शिक्षक नियुक्ति की योग्यता के प्रावधान में भी बदलाव किया गया है. नये नियमावली के तहत नियुक्ति से संबंधित विषय के अभ्यर्थियों के लिए स्नातक के सभी 3 वर्ष की पढ़ाई अनिवार्य कर दिया गया है. वर्ष 2009 के पहले B.Ed सफल अभ्यर्थियों के लिए ग्रेजुएशन में 45 फीसदी और पोस्ट ग्रेजुएट में संबंधित विषय में 45 फीसदी अंक अनिवार्य किया गया है. अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति और दिव्यांग अभ्यर्थियों को अंक में 50 फीसदी की छूट दी गई है. वहीं वर्ष 2009 के बाद B.Ed सफल अभ्यर्थियों के लिए ग्रेजुएशन में 50 प्रतिशत अंक होना अनिवार्य है. रिजर्वेशन में 50 अंक होने की स्थिति में नियुक्ति वाले विषय में पोस्ट ग्रेजुएट में 50 प्रतिशत अंक होने पर भी अभ्यर्थी आवेदन जमा कर सकेंगे. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और दिव्यांग वर्ग के अभ्यर्थियों को अंक में पांच फीसदी की छूट दी गई है. इसके साथ ही संशोधित नियमावली के अनुसार अभ्यर्थियों को झारखंड से मैट्रिक और इंटर की परीक्षा पास करना अनिवार्य किया गया है. हालांकि, आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को इस प्रावधान से छूट दी गई है. दिये जाएंगे.