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UGC के निर्देश पर विश्वविद्यालयों ने इंटर की पढ़ाई स्थगित करने की कही थी बात, राज्यपाल के निर्देश के बाद शुरू हुआ नामांकन

शिक्षा व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए केंद्र सरकार ही नहीं बल्कि राज्य सरकार भी तमाम कोशिशें कर रही है. यूजीसी के निर्देश पर झारखंड के प्रमुख विश्वविद्यालयों ने इंटरमीडिएट की पढ़ाई बंद करने को लेकर फरमान सुनाया था, लेकिन राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के निर्देश के बाद इंटरमीडिएट में नामांकन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

nomination process started for intermediate
इंटर में नामांकन प्रक्रिया
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Published : Aug 24, 2020, 1:09 PM IST

रांचीः कोरोना काल में शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए विद्यार्थियों के हित में कई फैसले लिए जा रहे हैं. न सिर्फ केंद्र सरकार ही बल्कि राज्य सरकार ने भी अपनी ओर से छात्रों को कई तरह से राहत देने की घोषणा की है. हाल ही में कुलाधिपति डॉ. द्रौपदी मुर्मू ने सभी विश्वविद्यालयों को आदेश जारी कर कहा है कि ऐसे कॉलेज जहां पर डिग्री की पढ़ाई होती है और यदि वहां इंटर की पढ़ाई हो रही है तो उसे जारी रखा जाए. इससे छात्रों को सीधे फायदा होगा. गौरतलब है कि यूजीसी के निर्देश पर राज्य के प्रमुख विश्वविद्यालयों ने इंटरमीडिएट की पढ़ाई बंद करने को लेकर फरमान सुनाया था, लेकिन राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के निर्देश के बाद अब उन विश्वविद्यालयों में इंटरमीडिएट में नामांकन लिया जा रहा है.

देखें पूरी खबर
विश्वविद्यालयों में इंटर की पढ़ाई जारीयूजीसी के निर्देश के बाद कुछ विश्वविद्यालयों ने अपने अंतर्गत आने वाले अंगीभूत कॉलेजों में इंटर की पढ़ाई न कराने को लेकर एक निर्देश जारी किया था. इसमें राज्य के प्रसिद्ध विश्वविद्यालय जो कि हजारीबाग में स्थित विनोबाभावे का नाम सबसे आगे हैं. हालांकि, मामले को लेकर राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू द्वारा हस्तक्षेप किया गया. उसके बाद विशेष दिशा-निर्देश के तहत इस कोरोना काल में इस वर्ष तमाम विश्वविद्यालयों में इंटर की पढ़ाई जारी रखने का निर्देश जारी किया गया.12 कॉलेजों ने सुनाया था फरमानजानकारी के मुताबिक, राज्य के ऐसे 12 कॉलेजों ने इंटर की पढ़ाई बंद करने को लेकर फरमान सुना दिया था, लेकिन स्थानीय विद्यार्थियों के साथ-साथ शिक्षकों और अभिभावकों के विरोध के बाद फिलहाल इस निर्णय को स्थगित किया गया है. इस वर्ष तमाम विश्वविद्यालयों के कॉलेजों द्वारा इंटरमीडिएट में नामांकन भी लिए जा रहे हैं. गौरतलब है कि नई शिक्षा नीति के तहत विश्वविद्यालयों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई नहीं कराने और यूजीसी के गाइडलाइन के तहत इंटरमीडिएट की पढ़ाई कराने वाले अंगीभूत कॉलेजों का अपना इंफ्रास्ट्रक्चर और फैकल्टी भी होना जरूरी बताया गया है. इसी के तहत यह निर्णय लिया गया था.

इसे भी पढ़ें- कोविड सेंटर में इलाज करा रहे थानेदार, साइबर अपराधियों ने फेसबुक अकाउंट हैक कर कर मित्रों से मांगे रुपए

राज्यपाल सह कुलाधिपति का निर्देश
इस कोरोना काल में इस व्यवस्था को व्यवस्थित करने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता. इसी के मद्देनजर फिलहाल इंटरमीडिएट की पढ़ाई यथावत ही रहेगी. इसमें कोई बदलाव नहीं करने का निर्देश जारी किया गया है. अब न सिर्फ केंद्र सरकार बल्कि राज्य सरकार ने भी अपनी ओर से छात्रों को कई तरह से राहत देने की घोषणा की है. कुलाधिपति सह राज्यपाल डॉक्टर द्रौपदी मुर्मू ने सभी विश्वविद्यालयों को आदेश जारी कर कहा है कि ऐसे कॉलेज जहां पर डिग्री की पढ़ाई होती है यदि वहां इंटर की पढ़ाई हो रही है तो उसे फिलहाल जारी रखा जाए.

राजभवन की राय जरूरी
इस दिशा में किसी भी तरह का निर्णय लेने से पहले राजभवन से राय जरूर ली जाए. इस पूरे मामले को लेकर ईटीवी भारत के संवाददाता ने डीएसपीएमयू के रजिस्ट्रार अजय कुमार चौधरी से विशेष बातचीत की. रजिस्ट्रार ने कहा कि फिलहाल विद्यार्थियों को राहत देने के लिए निर्णय में बदलाव किए गए हैं. कुलाधिपति का जैसा निर्देश होगा. उसी निर्देश के तहत विश्वविद्यालय प्रशासन भी निर्णय लेंगे.

रांचीः कोरोना काल में शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए विद्यार्थियों के हित में कई फैसले लिए जा रहे हैं. न सिर्फ केंद्र सरकार ही बल्कि राज्य सरकार ने भी अपनी ओर से छात्रों को कई तरह से राहत देने की घोषणा की है. हाल ही में कुलाधिपति डॉ. द्रौपदी मुर्मू ने सभी विश्वविद्यालयों को आदेश जारी कर कहा है कि ऐसे कॉलेज जहां पर डिग्री की पढ़ाई होती है और यदि वहां इंटर की पढ़ाई हो रही है तो उसे जारी रखा जाए. इससे छात्रों को सीधे फायदा होगा. गौरतलब है कि यूजीसी के निर्देश पर राज्य के प्रमुख विश्वविद्यालयों ने इंटरमीडिएट की पढ़ाई बंद करने को लेकर फरमान सुनाया था, लेकिन राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के निर्देश के बाद अब उन विश्वविद्यालयों में इंटरमीडिएट में नामांकन लिया जा रहा है.

देखें पूरी खबर
विश्वविद्यालयों में इंटर की पढ़ाई जारीयूजीसी के निर्देश के बाद कुछ विश्वविद्यालयों ने अपने अंतर्गत आने वाले अंगीभूत कॉलेजों में इंटर की पढ़ाई न कराने को लेकर एक निर्देश जारी किया था. इसमें राज्य के प्रसिद्ध विश्वविद्यालय जो कि हजारीबाग में स्थित विनोबाभावे का नाम सबसे आगे हैं. हालांकि, मामले को लेकर राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू द्वारा हस्तक्षेप किया गया. उसके बाद विशेष दिशा-निर्देश के तहत इस कोरोना काल में इस वर्ष तमाम विश्वविद्यालयों में इंटर की पढ़ाई जारी रखने का निर्देश जारी किया गया.12 कॉलेजों ने सुनाया था फरमानजानकारी के मुताबिक, राज्य के ऐसे 12 कॉलेजों ने इंटर की पढ़ाई बंद करने को लेकर फरमान सुना दिया था, लेकिन स्थानीय विद्यार्थियों के साथ-साथ शिक्षकों और अभिभावकों के विरोध के बाद फिलहाल इस निर्णय को स्थगित किया गया है. इस वर्ष तमाम विश्वविद्यालयों के कॉलेजों द्वारा इंटरमीडिएट में नामांकन भी लिए जा रहे हैं. गौरतलब है कि नई शिक्षा नीति के तहत विश्वविद्यालयों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई नहीं कराने और यूजीसी के गाइडलाइन के तहत इंटरमीडिएट की पढ़ाई कराने वाले अंगीभूत कॉलेजों का अपना इंफ्रास्ट्रक्चर और फैकल्टी भी होना जरूरी बताया गया है. इसी के तहत यह निर्णय लिया गया था.

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राज्यपाल सह कुलाधिपति का निर्देश
इस कोरोना काल में इस व्यवस्था को व्यवस्थित करने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता. इसी के मद्देनजर फिलहाल इंटरमीडिएट की पढ़ाई यथावत ही रहेगी. इसमें कोई बदलाव नहीं करने का निर्देश जारी किया गया है. अब न सिर्फ केंद्र सरकार बल्कि राज्य सरकार ने भी अपनी ओर से छात्रों को कई तरह से राहत देने की घोषणा की है. कुलाधिपति सह राज्यपाल डॉक्टर द्रौपदी मुर्मू ने सभी विश्वविद्यालयों को आदेश जारी कर कहा है कि ऐसे कॉलेज जहां पर डिग्री की पढ़ाई होती है यदि वहां इंटर की पढ़ाई हो रही है तो उसे फिलहाल जारी रखा जाए.

राजभवन की राय जरूरी
इस दिशा में किसी भी तरह का निर्णय लेने से पहले राजभवन से राय जरूर ली जाए. इस पूरे मामले को लेकर ईटीवी भारत के संवाददाता ने डीएसपीएमयू के रजिस्ट्रार अजय कुमार चौधरी से विशेष बातचीत की. रजिस्ट्रार ने कहा कि फिलहाल विद्यार्थियों को राहत देने के लिए निर्णय में बदलाव किए गए हैं. कुलाधिपति का जैसा निर्देश होगा. उसी निर्देश के तहत विश्वविद्यालय प्रशासन भी निर्णय लेंगे.

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