रांची: दीपावली की रात राजधानीवासियों ने जमकर पटाखा फोड़ा. यही वजह है कि दीपावली के दूसरे दिन यानी मंगलवार को रांची और आसपास के क्षेत्रों में (pollution increased in Ranchi) वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ गया. मंगलवार की सुबह लोगों को सांस लेने में भी मुश्किल हो रही थी. झारखंड स्टेट पोलूशन कंट्रोल बोर्ड से मिली जानकारी के अनुसार अल्बर्ट एक्का चौक और कचहरी के इलाके में सबसे ज्यादा नॉइस पोलूशन मापी गई.
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झारखंड हाई कोर्ट के आसपास का इलाका साइलेंस एरिया में आता है. इन इलाकों में आवाज की क्षमता शाम से ही 75 डेसिबल से ऊपर दर्ज की गई. वहीं, दीपावली पर देर रात तक पटाखों की आवाज से शहर गूंजता रहा. जबकि सामान्य अवाज की क्षमता 68 से 69 डेसिबल की अनुमति दी गई थी.
अल्बर्ट एक्का चौक बाजार क्षेत्र में है, यहां आवाज की क्षमता 90 डेसीबल तक दर्ज की गई. इन इलाकों में 75 से 80 डेसीबल अवाज के पटाखे छोड़ने की अनुमति दी गई थी. वहीं, कचहरी चौक इलाके में भी ध्वनी प्रदूषण दर्ज की गई. इन इलाकों में 85 डेसीबल तक ध्वनी स्तर दर्ज किया गया. जबकि यहां 70 से 75 डेसीबल तक पटाखा छोड़ने की अनुमति दी गई थी. इतना ही नहीं, रिहायशी क्षेत्र में आने वाले अशोक नगर और आसपास के इलाके में दीपावली की शाम 6:00 बजे से रात्रि 12:00 बजे तक आवाज की क्षमता 65 से 70 डेसीबल तक देखी गई. जबकि यहां 50 से 60 डेसिबल तक पटाखे छोड़ने की अनुमति दी गई थी.
झारखंड स्टेट पोलूशन कंट्रोल बोर्ड ने अनुसार राजधानी के कई क्षेत्रों में पिछले वर्ष की तुलना ज्यादा स्मोक पॉलूशन और साउंड पॉलूशन देखा गया. वहीं कुछ क्षेत्रों में पिछले वर्ष की तुलना में साउंड और स्मोक पॉलूशन कम देखा गया. शहर में बढ़ते पॉलूशन को लेकर पर्यावरणविद नीतीश प्रियदर्शी कहते हैं कि जिस तरह से ऑटोमोबाइल से निकलने वाला धुआं, जंगलों में लग रही आग, निगम के वेस्टेज प्रतिदिन शहर को प्रदूषित कर रहे हैं. दीपावली की आतिशबाजी शहर के वातावरण को और भी दूषित करती है.