रांचीः चुनाव आयोग वोट प्रतिशत बढ़ाने के लिए लाख दावे करती है, लेकिन हकीकत कुछ और बयां कर रही है. राजधानी रांची से महज 25 किलोमीटर दूर कांके विधानसभा क्षेत्र के घनकचरा गांव के लोग अब तक वोट देने नहीं निकले हैं. इस गांव के लोगों को लंबी घाटी पार करने के बाद मतदान केंद्र सेमल बेड़ा जाना पड़ता है, लोगों का गांव से बूथ तक पहुंचने के लिए भी कोई साधन नहीं है.
यहां के ग्रामीणों का कहना है कि वोट हमेशा देते हैं, लेकिन सरकार की योजना इस गांव में नहीं पहुंच पाती है. यहां तक कि लोग पीने के के लिए नदी का पानी इस्तेमाल करते हैं. सरकार भले ही दावे करती है कि हर गांव हर कस्बे तक लोगों के सुविधा के लिए सड़क बना दी गई है, लेकिन इस गांव के लोगों को न तो गैस चूल्हा मिला है और न ही प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ.
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ग्रामीण कहते हैं कि आखिर किसे वोट दे, जो सरकार रहती है वह गरीबों की नहीं सुनती. घनकचरा गांव से बूथ तक पहुंचने के लिए लगभग 4 से 5 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है. ऐसे में न तो चुनाव आयोग ने कोई साधन मुहैया कराया है और न ही राजनीतिक पार्टियों के ने ही कोई व्यवस्था की है.