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रांची: चुनाव के दौरान प्रशासन की दिखी बदइंतजामी, घनकचरा गांव के लोग नहीं कर पा रहे मतदान - झारखंड तीसरे चरम का मतदान\

रांची के कांके विधानसभा क्षेत्र में पड़ने वाले घनकचरा गांव में लोकतंत्र के महापर्व के लिए कोई उत्साह नहीं है. यहां से एक भी व्यक्ति ने इस बार वोट नहीं दिया है. वजह मतदान केंद्र से इस गांव की दूरी, जो न केवल इन्हें अब तक विकास से कोसों दूर रखे है बल्कि सरकार के दावों की सच्चाई से दूरी को भी बयां कर रही है.

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घनकचरा गांव के लोग
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Published : Dec 12, 2019, 1:53 PM IST

रांचीः चुनाव आयोग वोट प्रतिशत बढ़ाने के लिए लाख दावे करती है, लेकिन हकीकत कुछ और बयां कर रही है. राजधानी रांची से महज 25 किलोमीटर दूर कांके विधानसभा क्षेत्र के घनकचरा गांव के लोग अब तक वोट देने नहीं निकले हैं. इस गांव के लोगों को लंबी घाटी पार करने के बाद मतदान केंद्र सेमल बेड़ा जाना पड़ता है, लोगों का गांव से बूथ तक पहुंचने के लिए भी कोई साधन नहीं है.

देखें पूरी खबर

यहां के ग्रामीणों का कहना है कि वोट हमेशा देते हैं, लेकिन सरकार की योजना इस गांव में नहीं पहुंच पाती है. यहां तक कि लोग पीने के के लिए नदी का पानी इस्तेमाल करते हैं. सरकार भले ही दावे करती है कि हर गांव हर कस्बे तक लोगों के सुविधा के लिए सड़क बना दी गई है, लेकिन इस गांव के लोगों को न तो गैस चूल्हा मिला है और न ही प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ.

ये भी पढ़ें- दिल्ली से वोट देने रांची पहुंचे बीजेपी प्रवक्ता, कहा- 65 पार के लक्ष्य को पूरा करेगी पार्टी

ग्रामीण कहते हैं कि आखिर किसे वोट दे, जो सरकार रहती है वह गरीबों की नहीं सुनती. घनकचरा गांव से बूथ तक पहुंचने के लिए लगभग 4 से 5 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है. ऐसे में न तो चुनाव आयोग ने कोई साधन मुहैया कराया है और न ही राजनीतिक पार्टियों के ने ही कोई व्यवस्था की है.

रांचीः चुनाव आयोग वोट प्रतिशत बढ़ाने के लिए लाख दावे करती है, लेकिन हकीकत कुछ और बयां कर रही है. राजधानी रांची से महज 25 किलोमीटर दूर कांके विधानसभा क्षेत्र के घनकचरा गांव के लोग अब तक वोट देने नहीं निकले हैं. इस गांव के लोगों को लंबी घाटी पार करने के बाद मतदान केंद्र सेमल बेड़ा जाना पड़ता है, लोगों का गांव से बूथ तक पहुंचने के लिए भी कोई साधन नहीं है.

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यहां के ग्रामीणों का कहना है कि वोट हमेशा देते हैं, लेकिन सरकार की योजना इस गांव में नहीं पहुंच पाती है. यहां तक कि लोग पीने के के लिए नदी का पानी इस्तेमाल करते हैं. सरकार भले ही दावे करती है कि हर गांव हर कस्बे तक लोगों के सुविधा के लिए सड़क बना दी गई है, लेकिन इस गांव के लोगों को न तो गैस चूल्हा मिला है और न ही प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ.

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ग्रामीण कहते हैं कि आखिर किसे वोट दे, जो सरकार रहती है वह गरीबों की नहीं सुनती. घनकचरा गांव से बूथ तक पहुंचने के लिए लगभग 4 से 5 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है. ऐसे में न तो चुनाव आयोग ने कोई साधन मुहैया कराया है और न ही राजनीतिक पार्टियों के ने ही कोई व्यवस्था की है.

Intro:रांची
वक थ्रू....विजय कुमार गोप

राजधानी रांची से महेश 25 किलोमीटर दूर कांके विधानसभा क्षेत्र के राडहा पंचायत के घनकचरा गांव के लोग अब तक वोट देने के लिए गांव से नहीं निकले हैं चुनाव आयोग वोट प्रतिशत को बढ़ाने के लिए लाख दावे करती है लेकिन इस गांव में हकीकत पता चला कि इस गांव के लोगों को लंबी घाटी पार करने के बाद मतदान केंद्र सेमल बेड़ा जाना पड़ता है ऐसे में लोगों को गांव से बूथ तक पहुंचने के लिए कोई भी साधन नहीं है जिसके कारण यहां के लोगों का वोट अब तक नहीं गया है।


Body:यहां के लोगों ने कहा कि वोट हमेशा देते हैं लेकिन सरकार की योजना इस गांव में नहीं पहुंच पाती है यहां तक कि लोग पीने के के लिए नदी का पानी इस्तेमाल करते हैं सरकार भले ही दावे करती है कि हर गांव हर कस्बे तक लोगों की सुविधा के लिए सड़क बना दी गई है लेकिन इस गांव में जमीनी हकीकत पता चलता है ना तो इस गांव के लोगों को गैस चूल्हा मिला है और ना ही प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ, लोगों का कहना है कि आखिर किसे वोट दे जो सरकार रहती है वह हम गरीबों को नहीं सुनती। घनकचरा गांव से बूथ तक पहुंचने के लिए लगभग 4 से 5 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है ऐसे में ना तो चुनाव आयोग के द्वारा कोई साधन मुहैया कराया गया है और न ही राजनैतिक पार्टियों के द्वारा यही कारण है कि अब तक इस गांव से एक भी वोट नहीं पड़ा है


Conclusion:
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