रांचीः प्रकृति के महापर्व सरहुल कोरोना वायरस के खौफ से फीका पड़ता नजर आ रहा है. केंद्रीय सरना समिति के तत्वधान में हातमा स्थित सरहुल स्थल में मुख्य पाहन जगलाल की अध्यक्षता में विभिन्न आदिवासी संगठनों, सरना समिति और गांव टोला के समितियों के साथ बैठक की गई. बैठक में सभी संगठनों के विचार विमर्श हो के बाद निर्णय लिया गया कि सरहुल शोभायात्रा इस बार कोरोना महामारी को देखते हुए नहीं निकाली जाएगी, लेकिन सरहुल की पूजा सरना स्थल पर ही की जाएगी.
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नहीं निकलेगी शोभा यात्रा
केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष बबलू मुंडा ने कहा कि रांची उपायुक्त के साथ मंगलवार को विभिन्न सरना समिति और आदिवासियों संगठनों के साथ बैठक की गई थी. उपायुक्त ने सरोज शोभा यात्रा को लेकर संगठनों पर विचार विमर्श कर सरहुल शोभायात्रा निकालने पर निर्णय लेने को कहा है. बुधवार को इसी के मद्देनजर तमाम आदिवासी संगठनों के साथ बैठक की गई है और निर्णय लिया गया है कि मेन रोड में जिस तरीके से सरहुल शोभायात्रा निकाली जाती है. वह इस बार कोरोना वायरस को देखते हुए नहीं निकाली जाएगी. लेकिन जिस तरीके से झंडे बैनर पोस्टर शहर के विभिन्न चौक चौराहों पर लगाई जाती थी वह लगाई जाएगी. इस बारे में मुख्य पाहन जगलाल ने कहा कि प्रकृति के महापर्व सरहुल हर वर्ष धूमधाम के साथ मनाई जाती है और शोभायात्रा भी निकाली जाती है. इस वर्ष भी सरहुल मनाई जाएगी लेकिन जिस तरीके से पूरे विश्व में करोना महामारी फैल चुका है इसके मद्देनजर निर्णय लिया गया है कि पारंपरिक और रीति-रिवाज के साथ ही जिस तरीके से सरहुल पूजा की जाती है वह सरना स्थल पर की जाएगी.