रांचीः कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरा को देखते हुए सार्वजनिक होली पर पाबंदी लगी है. लेकिन, होली में शराब की बिक्री पर कोरोना का असर नहीं हैं. इस वर्ष होली में 30 से 40 प्रतिशत अधिक शराब बिकने की संभावना हैं.
शराब की दुकानों पर ड्राई डे से पूर्व ही खरीदारों की भीड़ दिखने लगती है. रांची जिला खुदरा शराब बिक्रेता संघ के महासचिव निशांत सिंह की मानें तो पिछले वर्ष होली के दिन 3 करोड़ रुपये की शराब की बिक्री सिर्फ रांची में हुई थी. वहीं, राज्य में शराब की बिक्री 25-30 करोड़ रुपए की हुई थी. प्रदेश सचिव वीरेंद्र गोप की मानें तो इस बार कोरोना के कारण शराब की बिक्री में थोड़ा कम होने की संभावना हैं. इसका कारण है कि शराब की कीमत बढ़ गई हैं.
राज्य में 1,595 हैं शराब की दुकानें
रांची में 170 सरकारी शराब की दुकानें हैं. वहीं, राज्यभर में सरकारी शराब दुकानों की संख्या 1,595 हैं. इन दुकानों से प्रतिदिन करीब 11 करोड़ की शराब बिक्री होती है. वित्तीय वर्ष 2020-21 की बात करें, तो कोरोना संक्रमण के बावजूद राज्य में देशी-विदेशी और कंपोजिट शराब की खपत कम नहीं हुई.
22 मार्च 2020 से 19 मई 2020 तक राज्य की सभी शराब दुकानें बंद थी. इसके बावजूद 2300 करोड़ रुपए के सालाना लक्ष्य का पीछा करते हुए उत्पाद विभाग ने फरवरी 2021 तक 1469.90 करोड़ रुपए राजस्व की प्राप्ति की. राज्य में सबसे ज्यादा रांची में शराब की बिक्री होती है, जबकि सबसे कम खपत वाला जिला लोहरदगा है.
होली में बिकी पांच करोड़ की शराब
होली के मौके पर करीब 5 करोड़ की शराब गटकने वाले झारखंड के मतवालों ने होली की तैयारी 48 घंटे पहले से ही शुरू कर दी है. इस वर्ष भी होली से पहले का नजारा कुछ ऐसा ही है. शराब की दुकानों पर शनिवार से ही खरीदारों की भीड़ दिखने लगी. खरीदार कोई झोले में तो कोई पेपर में शराब की बोतल लेकर मित्रों के साथ होली का जश्न मनाने की तैयारी करता दिखा.
ग्राहकों की भीड़ से उत्साहित शराब दुकानदार बेहद खुश दिख रहे हैं. दुकानदार बताते है कि कोरोना लॉकडाउन के दौरान घाटा जरूर हुआ हैं. रांची जिला खुदरा शराब विक्रेता दुकानदार संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र साहू की मानें तो 30 से 40 फीसदी अधिक शराब बिकी हैं.
सरकार को मिलता है शराब बिक्री से भारी भरकम राजस्व
राजधानी रांची में 170 सरकारी शराब की दुकानें हैं जबकि राज्यभर में सरकारी शराब दुकानों की संख्या 1,595 है. इन दुकानों से प्रतिदिन करीब 11 करोड़ की शराब बिक्री होती है. वित्तीय वर्ष 2020-21 की बात करें तो कोविड-19 के बावजूद राज्य में देशी-विदेशी और कम कंपोजिट शराब की खपत कम नहीं हुई. 22 मार्च 2020 से 19 मई 2020 तक राज्य की सभी शराब दुकानें बंद थी इसके बावजूद 2300 करोड़ रुपए के सालाना लक्ष्य का पीछा करते हुए उत्पाद विभाग ने फरवरी 2021 तक 1469.90 करोड़ रुपए के राजस्व की प्राप्ति की है.