नई दिल्लीः नीति आयोग (NITI AYOG) की नई दिल्ली में बैठक हुई. इसमें नीति आयोग और झारखंड के अफसरों ने प्रदेश के विकास से जुड़े मामलों पर विस्तार से चर्चा की. इस दौरान झारखंड में विकास, DVC बकाया और कोयला रॉयल्टी जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई.
ये भी पढ़ें-चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 10 प्रतिशत या इससे अधिक रहेगी : नीति आयोग उपाध्यक्ष
झारखंड के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह की अगुवाई में बैठक में शामिल झारखंड के विभिन्न विभागों के सचिवों ने नीति आयोग के CEO अमिताभ कांत के सामने झारखंड के विकास से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदुओं को रखा. बैठक के दौरान डीवीडी का बकाया, कोल रॉयल्टी, सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग, ग्रामीण विकास, खनिज, जनजातीय मामले, प्रधानमंत्री आवास योजना, जल संसाधन, रेलवे राजस्व, नक्सल प्रभावित जिलों से जुड़े विषयों पर चर्चा हुई.
मुख्यमंत्री ने अफसरों को दिए थे निर्देश
इससे पहले बीते दिन झारखंड की राजधानी रांची में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में बैठक हुई थी. जिसमें तमाम बड़े अधिकारियों ने नीति आयोग के साथ होने वाली बैठक में किस तरह झारखंड अपना पक्ष रखा जाय उस पर मंथन किया था. इस दौरान CM हेमंत सोरेन ने अधिकारियों को अहम निर्देश दिए थे. इससे पहले सितंबर महीने में नीति आयोग की टीम ने झारखंड का दौरा किया था. उस दौरान भी कई अहम विषयों पर चर्चा की गई थी. उसी कड़ी में आज दिल्ली में बैठक हुई, और पिछली बैठक से जुड़े बिंदुओं पर झारखंड सरकार ने अपना पक्ष रखा.
इन मुद्दों पर हुई चर्चा
अफसरों ने बताया कि डीवीसी द्वारा झारखंड के 2800 करोड़ रुपये बकाये के रूप में काट लिए हैं. 2200 करोड़ और काटे जाने का मसला है. इसके अलावा सीसीएल की तरफ से झारखंड सरकार को रॉयल्टी नहीं दी जा रही है, हजारों करोड़ रुपये कोल इंडिया की तरफ से झारखंड सरकार को अबतक नहीं दिया गया है. इन सभी विषयों को झारखंड के अफसरों ने नीति आयोग के सामने रखा.
ये रहे मौजूद
बैठक में झारखंड के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह के साथ झारखंड के योजना विकास, उर्जा, खान, जल संसाधन समेत अन्य विभागों के सचिव मौजूद थे. बैठक में नीति आयोग के CEO अमिताभ कांत भी थे.