ETV Bharat / state

ऑपरेशन डबल बुल में मिले थे भारी मात्रा में विदेशी हथियार, अब एनआईए करेगी जांच

नक्सलियों के खिलाफ अभियान के दौरान मिले विदेशी हथियारों की जांच एनआईए करेगी. झारखंड पुलिस मुख्यालय के अनुरोध पर एनआईए ने पूरे मामले को टेकओवर कर लिया है.

operation-double-bull
ऑपरेशन डबल बुल
author img

By

Published : Jun 18, 2022, 9:21 AM IST

रांची: झारखंड पुलिस के द्वारा नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के खिलाफ चलाए गए सबसे बड़े अभियान के दौरान मिले विदेशी हथियार कि जांच अब एनआईए करेगी. झारखंड के लोहरदगा जिले में माओवादियों के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन डबल बुल में पुलिस को जबर्दस्त सफलता हासिल हुई थी. झारखंड के लातेहार और लोहरदगा जिले से छापेमारी के दौरान पुलिस को विदेशी हथियार भी मिले थे.

ये भी पढे़ं:- नक्सलियों के अर्थतंत्र पर बड़े वार की तैयारी, राडार पर कई सफेदपोश मददगार

विदेशी हथियार मिलने का माना गया गंभीर: ऑपरेशन डबल बुल के दौरान 17 दिन में बुलबुल जंगल से नक्सलियों का सफाया हो गया था. इस अभियान में नक्सलियों को बहुत ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा था. अभियान के दौरान 11 बड़े नक्सली पकड़े गए थे. पुलिस ने 28 से ज्यादा अत्याधुनिक हथियार, 2000 से ज्यादा कारतूस और अन्य सामान जब्त किए थे. गिरफ्तार माओवादियों की निशानदेही पर एक अमेरिकन ऑटोमैटिक राइफल, तीन इंसास, एक एलएमजी, तीन सेमीऑटोमैटिक राइफल, आठ एसएलआर राइफल, 315 बोर की तीन रायफल, एक कारबाइन, एक पिस्टल, 2020 गोलियां, एसएलआर की 13 गोलियां आदि बरामद किए गए थे. इंसास की 4, एलएमजी की दो रेगुलर मैगजीन, एक हैंडग्रेनेड, चार वायरलेस सेट, 21 एमुनेशन पाउच, 26 कार्टिज फिलर, 30 मीटर कोडेक्श वायर, 100 मीटर फ्लैक्शिबल वायर, 16 आईईडी, लेवी की 3 लाख 27 हजार 150 रुपये, नक्सली साहित्य, केंद्रीय कमेटी की किताब आदि बरामद की गई थी. विदेशी हथियार की बरामदगी को राज्य पुलिस मुख्यालय ने काफी गंभीर माना था. यहीं वजह थी कि पूरे मामले में एनआईए से अनुसंधान का अनुरोध राज्य पुलिस मुख्यालय ने किया था. बाद में गृह मंत्रालय ने केस की जांच एनआईए से कराने पर सहमति दी, जिसके बाद केस की जांच एनआईए के डीएसपी स्तर के अधिकारी करेंगे.

लोहरदगा और लातेहार में अभियान: झारखंड के लोहरदगा के बुलबुल जंगल और लातेहार में इस वर्ष झारखंड पुलिस ने माओवादियों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया था. इस अभियान में लगातार 18 दिन तक पुलिस और माओवादियों के बीच मुठभेड़ हुई थी. मुठभेड़ के बाद लोहरदगा, लातेहार जिले से विदेशी हथियार और भारी मात्रा में कारतूस मिले थे, वहीं माओवादियों की गिरफ्तारी भी हुई थी. अब रांची एनआईए ब्रांच ने पूरे मामले में अनुसंधान टेकओवर कर लिया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर शुरू की गई जांच में पंद्रह लाख के ईनामी रीजनल कमांडर रवींद्र गंझू, पांच लाख के ईनामी छोटू खेरवार के अलावे बलराम उरांव, शैलेश्वर उरांव उर्फ कसाई, दशरथ सिंह खेरवार, नीरज सिंह, शलेंद्र नागेशिया, मार्कुष नागेशिया, मुकेश नागेशिया, मुकेश कोरवा, बीरेन कोरवा, शीला खेरवार, संजय नागेशिया, मुनेश्वर गंझू, लाजिम अंसारी, रंथु उरांव, अगंहू गंझू एवं काजेश गंझू को आरोपी बनाया है.

ये भी पढे़ं:- लाल जमीन बचाने के लिए संघर्ष कर रहे नक्सली, आईईडी को बनाया अचूक हथियार

किस किस की हुई थी गिरफ्तारी: झारखंड पुलिस ने भाकपा माओवादियों के रीजनल कमांडर रवींद्र गंझू के खिलाफ चलाए गए डबल बुल ऑपरेशन में झारखंड पुलिस ने सबजोनल कमांडर सुदर्शन भुइयां उर्फ नंदकिशोर भगत, बालक गंझू, 10 लाख का इनामी जोनल कमांडर बलराम उरांव, दशरथ सिंह खेरवार, एरिया कमांडर मारकुश नागेशिया, सेल सदस्य शैलेश्वर उरांव, मुकेश कोरवा, विरेन कोरवा, शैलेंद्र नागेशिया, संजय नागेशिया, शीला खेरवार को दबोचा था। मुकेश व विरेन कोरवा छत्तीसगढ़ के बलरामपुर के निवासी हैं। पुलिस ने गिरफ्तारी के वक्त दावा किया था कि छतीसगढ़ पुलिस से लूटे गए हथियार भी ऑपरेशन डबल बुल के दौरान बरामद हुए थे।

रांची: झारखंड पुलिस के द्वारा नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के खिलाफ चलाए गए सबसे बड़े अभियान के दौरान मिले विदेशी हथियार कि जांच अब एनआईए करेगी. झारखंड के लोहरदगा जिले में माओवादियों के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन डबल बुल में पुलिस को जबर्दस्त सफलता हासिल हुई थी. झारखंड के लातेहार और लोहरदगा जिले से छापेमारी के दौरान पुलिस को विदेशी हथियार भी मिले थे.

ये भी पढे़ं:- नक्सलियों के अर्थतंत्र पर बड़े वार की तैयारी, राडार पर कई सफेदपोश मददगार

विदेशी हथियार मिलने का माना गया गंभीर: ऑपरेशन डबल बुल के दौरान 17 दिन में बुलबुल जंगल से नक्सलियों का सफाया हो गया था. इस अभियान में नक्सलियों को बहुत ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा था. अभियान के दौरान 11 बड़े नक्सली पकड़े गए थे. पुलिस ने 28 से ज्यादा अत्याधुनिक हथियार, 2000 से ज्यादा कारतूस और अन्य सामान जब्त किए थे. गिरफ्तार माओवादियों की निशानदेही पर एक अमेरिकन ऑटोमैटिक राइफल, तीन इंसास, एक एलएमजी, तीन सेमीऑटोमैटिक राइफल, आठ एसएलआर राइफल, 315 बोर की तीन रायफल, एक कारबाइन, एक पिस्टल, 2020 गोलियां, एसएलआर की 13 गोलियां आदि बरामद किए गए थे. इंसास की 4, एलएमजी की दो रेगुलर मैगजीन, एक हैंडग्रेनेड, चार वायरलेस सेट, 21 एमुनेशन पाउच, 26 कार्टिज फिलर, 30 मीटर कोडेक्श वायर, 100 मीटर फ्लैक्शिबल वायर, 16 आईईडी, लेवी की 3 लाख 27 हजार 150 रुपये, नक्सली साहित्य, केंद्रीय कमेटी की किताब आदि बरामद की गई थी. विदेशी हथियार की बरामदगी को राज्य पुलिस मुख्यालय ने काफी गंभीर माना था. यहीं वजह थी कि पूरे मामले में एनआईए से अनुसंधान का अनुरोध राज्य पुलिस मुख्यालय ने किया था. बाद में गृह मंत्रालय ने केस की जांच एनआईए से कराने पर सहमति दी, जिसके बाद केस की जांच एनआईए के डीएसपी स्तर के अधिकारी करेंगे.

लोहरदगा और लातेहार में अभियान: झारखंड के लोहरदगा के बुलबुल जंगल और लातेहार में इस वर्ष झारखंड पुलिस ने माओवादियों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया था. इस अभियान में लगातार 18 दिन तक पुलिस और माओवादियों के बीच मुठभेड़ हुई थी. मुठभेड़ के बाद लोहरदगा, लातेहार जिले से विदेशी हथियार और भारी मात्रा में कारतूस मिले थे, वहीं माओवादियों की गिरफ्तारी भी हुई थी. अब रांची एनआईए ब्रांच ने पूरे मामले में अनुसंधान टेकओवर कर लिया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर शुरू की गई जांच में पंद्रह लाख के ईनामी रीजनल कमांडर रवींद्र गंझू, पांच लाख के ईनामी छोटू खेरवार के अलावे बलराम उरांव, शैलेश्वर उरांव उर्फ कसाई, दशरथ सिंह खेरवार, नीरज सिंह, शलेंद्र नागेशिया, मार्कुष नागेशिया, मुकेश नागेशिया, मुकेश कोरवा, बीरेन कोरवा, शीला खेरवार, संजय नागेशिया, मुनेश्वर गंझू, लाजिम अंसारी, रंथु उरांव, अगंहू गंझू एवं काजेश गंझू को आरोपी बनाया है.

ये भी पढे़ं:- लाल जमीन बचाने के लिए संघर्ष कर रहे नक्सली, आईईडी को बनाया अचूक हथियार

किस किस की हुई थी गिरफ्तारी: झारखंड पुलिस ने भाकपा माओवादियों के रीजनल कमांडर रवींद्र गंझू के खिलाफ चलाए गए डबल बुल ऑपरेशन में झारखंड पुलिस ने सबजोनल कमांडर सुदर्शन भुइयां उर्फ नंदकिशोर भगत, बालक गंझू, 10 लाख का इनामी जोनल कमांडर बलराम उरांव, दशरथ सिंह खेरवार, एरिया कमांडर मारकुश नागेशिया, सेल सदस्य शैलेश्वर उरांव, मुकेश कोरवा, विरेन कोरवा, शैलेंद्र नागेशिया, संजय नागेशिया, शीला खेरवार को दबोचा था। मुकेश व विरेन कोरवा छत्तीसगढ़ के बलरामपुर के निवासी हैं। पुलिस ने गिरफ्तारी के वक्त दावा किया था कि छतीसगढ़ पुलिस से लूटे गए हथियार भी ऑपरेशन डबल बुल के दौरान बरामद हुए थे।

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.