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रांचीः नक्सली कमांडर के साथ NIA का सर्च अभियान, कुख्यात बोयदा ने खोले बड़े नक्सलियों के राज

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Published : Feb 24, 2021, 10:04 PM IST

राजधानी रांची में आत्मसमर्पण कर चुके नक्सली पुलिस के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रहे हैं. पुलिस सरेंडर कर चुके माओवादी कमांडर बोयदा पाहन को लेकर बड़े पैमाने पर एनआईए सर्च अभियान चला रहा है. इस दौरान उससे पांच पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले अहम जानकारी मिली है.

सर्च अभियान
सर्च अभियान

रांचीः आत्मसमर्पण कर चुके नक्सली अब पुलिस और एनआईए के बेहद काम आ रहे हैं. 14 जून 2019 को सरायकेला के तीरूलडीह के कुकरूहाट बाजार में पांच पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में एनआईए ने झारखंड पुलिस के समक्ष सरेंडर कर चुके माओवादी कमांडर बोयदा पाहन को रिमांड पर लिया है. बोयदा ने रिमांड पर लिए जाने के बाद पुलिसकर्मियों पर हमले से जुड़े मामले में राज उगला है.

यह भी पढ़ेंः पलामू में पुलिस और JJMP सदस्यों में मुठभेड़ जारी, एक नक्सली मारा गया

एनआईए को मिली कई जानकारियां

बोयदा ने बड़े नक्सलियों की भूमिका पूरे मामले में कई महत्वपूर्ण सूचना एनआईए को दी है. बोयदा ने रांची के नामकुम के जंगल में बड़े पैमाने पर विस्फोटक छिपाए रखने की जानकारी भी दी है, जिसके बाद एनआईए की टीम ने बोयदा पाहन को साथ लेकर नामकुम के गरुड़पीढ़ी, हेसोपीढ़ी, जोगी टोली, नीम टोली, कूदागाढ़ा, फतेहपुर, लाली पंचायत में सर्च अभियान चलाया.

हालांकि एनआईए को सर्च अभियान के दौरान कोई सफलता नहीं मिली. एनआईए सूत्रों के मुताबिक, सरायकेला हमले के बाद 5 दिसंबर 2019 को नामकुम इलाके में नक्सल साहित्य व विस्फोटक छिपा कर रखा गया था.

बिरसा मुंडा की निशानदेही पर मिले थे विस्फोटक

पांच पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में एनआईए ने कुचाई के बिरसा मुंडा उर्फ बिरसा बिरहोर को गिरफ्तार किया था. रिमांड पर बिरसा की निशानदेही पर एनआईए ने 10 फरवरी को खूंटी के जिलिंगकेल के कोरंगबुरू पहाड़ी में सर्च अभियान चलाया था.

तब मौके से 100 मीटर कोडेक्स वायर, 126 जिलेटिन स्टिक की बरामदगी एनआईए ने की थी. बिरसा ने खुलासा किया था कि सरायकेला वारदात के बाद झारखंड में कई जगहों पर पुलिस को टारगेट करने की योजना माओवादियों ने बनायी थी.

बड़े माओवादी साजिश में शामिल

पुलिसकर्मियों पर हमले की योजना बनाने में केंद्रीय कमेटी मेंबर पतिराम मांझी, महाराज प्रमाणिक, अमित मुंडा जैसे इनामी उग्रवादी शामिल थे. बोयदा समेत अन्य गिरफ्तार आरोपियों ने इस संबंध में खुलासे किए हैं. वहीं राज्य में दर्ज अलग अलग मामले में भाकपा माओवादी के कई बड़े नेता एनआईए की रडार पर हैं.

क्या था मामला

एनआईए ने इस मामले में अपने केस में झारखंड पुलिस के समक्ष सरेंडर कर चुके उग्रवादी कमांडर बोयदा पाहन समेत 14 उग्रवादियों को नामजद आरोपी बनाया था. 14 जून 2019 को तीरूलडीह के कुकुरूहाट बाजार में भाकपा माओवादियों ने पेट्रोलिंग करने निकली पुलिस टीम पर हमला कर पांच पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतार दिया था.

वहीं हत्या के बाद दो पिस्टल, 70 जिंदा कारतूस, तीन इंसास राइफल व उसकी 550 राउंड कारतूस, 10 मैगजीन, मोबाइल फोन, पुलिसकर्मियों के बैलेट माओवादियों ने लूट लिए थे.

घटना को अंजाम देने के बाद भागने के क्रम में पुलिस वाहन को भी आग के हवाले कर दिया गया था. वायरलेस के जरिए थाने को सूचना न दी जा सके. इसके लिए वायरलेस भी माओवादियों ने लूट लिया था.

किस-किस को एनआईए ने बनाया है आरोपी

एनआईए ने इस मामले में सरायकेला- खरसांवा पुलिस द्वारा गिरफ्तार व चार्जशीटेड माओवादियों, माओवादी समर्थकों को नामजद आरोपी बनाया है. एनआईए ने चौका के सुनील टुडू, श्रीराम मांझी, नरेश उर्फ रामू लोहरा, इचागढ़ के बुधराम मार्डी, आलमगीर अंसारी, तबारक अंसारी, कुचाई के मंगल टोपनो, तमाड़ के जोसेफ पूर्ति, एनम हेस्सा पूर्ति, खरसांवा के लखन सरदार, सोयना सिंह सरदार, राकेश मुंडा उर्फ सुखराम मुंडा, नैना उर्फ बिरसा बिरहोर और पुलिस के समक्ष सरेंडर कर चुके मुरहू के बोयदा पाहन को आरोपी बनाया है.

रांचीः आत्मसमर्पण कर चुके नक्सली अब पुलिस और एनआईए के बेहद काम आ रहे हैं. 14 जून 2019 को सरायकेला के तीरूलडीह के कुकरूहाट बाजार में पांच पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में एनआईए ने झारखंड पुलिस के समक्ष सरेंडर कर चुके माओवादी कमांडर बोयदा पाहन को रिमांड पर लिया है. बोयदा ने रिमांड पर लिए जाने के बाद पुलिसकर्मियों पर हमले से जुड़े मामले में राज उगला है.

यह भी पढ़ेंः पलामू में पुलिस और JJMP सदस्यों में मुठभेड़ जारी, एक नक्सली मारा गया

एनआईए को मिली कई जानकारियां

बोयदा ने बड़े नक्सलियों की भूमिका पूरे मामले में कई महत्वपूर्ण सूचना एनआईए को दी है. बोयदा ने रांची के नामकुम के जंगल में बड़े पैमाने पर विस्फोटक छिपाए रखने की जानकारी भी दी है, जिसके बाद एनआईए की टीम ने बोयदा पाहन को साथ लेकर नामकुम के गरुड़पीढ़ी, हेसोपीढ़ी, जोगी टोली, नीम टोली, कूदागाढ़ा, फतेहपुर, लाली पंचायत में सर्च अभियान चलाया.

हालांकि एनआईए को सर्च अभियान के दौरान कोई सफलता नहीं मिली. एनआईए सूत्रों के मुताबिक, सरायकेला हमले के बाद 5 दिसंबर 2019 को नामकुम इलाके में नक्सल साहित्य व विस्फोटक छिपा कर रखा गया था.

बिरसा मुंडा की निशानदेही पर मिले थे विस्फोटक

पांच पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में एनआईए ने कुचाई के बिरसा मुंडा उर्फ बिरसा बिरहोर को गिरफ्तार किया था. रिमांड पर बिरसा की निशानदेही पर एनआईए ने 10 फरवरी को खूंटी के जिलिंगकेल के कोरंगबुरू पहाड़ी में सर्च अभियान चलाया था.

तब मौके से 100 मीटर कोडेक्स वायर, 126 जिलेटिन स्टिक की बरामदगी एनआईए ने की थी. बिरसा ने खुलासा किया था कि सरायकेला वारदात के बाद झारखंड में कई जगहों पर पुलिस को टारगेट करने की योजना माओवादियों ने बनायी थी.

बड़े माओवादी साजिश में शामिल

पुलिसकर्मियों पर हमले की योजना बनाने में केंद्रीय कमेटी मेंबर पतिराम मांझी, महाराज प्रमाणिक, अमित मुंडा जैसे इनामी उग्रवादी शामिल थे. बोयदा समेत अन्य गिरफ्तार आरोपियों ने इस संबंध में खुलासे किए हैं. वहीं राज्य में दर्ज अलग अलग मामले में भाकपा माओवादी के कई बड़े नेता एनआईए की रडार पर हैं.

क्या था मामला

एनआईए ने इस मामले में अपने केस में झारखंड पुलिस के समक्ष सरेंडर कर चुके उग्रवादी कमांडर बोयदा पाहन समेत 14 उग्रवादियों को नामजद आरोपी बनाया था. 14 जून 2019 को तीरूलडीह के कुकुरूहाट बाजार में भाकपा माओवादियों ने पेट्रोलिंग करने निकली पुलिस टीम पर हमला कर पांच पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतार दिया था.

वहीं हत्या के बाद दो पिस्टल, 70 जिंदा कारतूस, तीन इंसास राइफल व उसकी 550 राउंड कारतूस, 10 मैगजीन, मोबाइल फोन, पुलिसकर्मियों के बैलेट माओवादियों ने लूट लिए थे.

घटना को अंजाम देने के बाद भागने के क्रम में पुलिस वाहन को भी आग के हवाले कर दिया गया था. वायरलेस के जरिए थाने को सूचना न दी जा सके. इसके लिए वायरलेस भी माओवादियों ने लूट लिया था.

किस-किस को एनआईए ने बनाया है आरोपी

एनआईए ने इस मामले में सरायकेला- खरसांवा पुलिस द्वारा गिरफ्तार व चार्जशीटेड माओवादियों, माओवादी समर्थकों को नामजद आरोपी बनाया है. एनआईए ने चौका के सुनील टुडू, श्रीराम मांझी, नरेश उर्फ रामू लोहरा, इचागढ़ के बुधराम मार्डी, आलमगीर अंसारी, तबारक अंसारी, कुचाई के मंगल टोपनो, तमाड़ के जोसेफ पूर्ति, एनम हेस्सा पूर्ति, खरसांवा के लखन सरदार, सोयना सिंह सरदार, राकेश मुंडा उर्फ सुखराम मुंडा, नैना उर्फ बिरसा बिरहोर और पुलिस के समक्ष सरेंडर कर चुके मुरहू के बोयदा पाहन को आरोपी बनाया है.

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