रांची: लातेहार के चंदवा में चार पुलिसकर्मियों की हत्या की साजिश एक करोड़ इनामी पतिराम मांझी उर्फ अनल दा ने रची थी. एनआईए जांच में खुलासा हुआ है कि भाकपा माओवादी के केंद्रीय समिति सदस्य और बिहार-झारखंड माओवादी के विशेष क्षेत्र समिति के सचिव पतिराम मांझी ने अन्य वरिष्ठ माओवादी नेताओं की मिलीभगत से पुलिस की पेट्रोलिंग टीम पर हमले की साजिश रची थी. इस मामले में एनआईए ने पतिराम मांझी समेत 34 नक्सलियों और सहयोगियों पर सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की है.
तीन टीमों ने दिया था घटना को अंजाम
लातेहार जिला के चंदवा थाना क्षेत्र स्थित लुकईया मोड़ के पास पुलिस पेट्रोलिंग टीम पर हमला करने के लिए एक सप्ताह पूर्व योजना भालुजंघा जंगल मे बनाई गई थी. एनआईए जांच में खुलासा हुआ है कि 15 लाख के इनामी नक्सली रवींद्र गंझू के नेतृत्व में योजना को अंजाम दिया गया था. रवींद्र गंझू ने इस हमले को अंजाम देने के लिए भाकपा माओवादी के कैडर और स्थानीय समर्थकों की मदद ली थी. हमले के पीछे बड़ी वजह पुलिस के हथियारों और गोला-बारूद को लूटने की थी. एनआईए ने लातेहार और रांची के जिलों में नक्सली रवींद्र गंझू की 50 लाख रुपये की अचल संपत्तियों का पता लगाया है. यूएए(पी) अधिनियम की धारा 25 के तहत इसे संलग्न किया गया. एनआईए ने ठेकेदार मृत्युंजय कुमार सिंह ने भाकपा माओवादी के बीच सांठगांठ का खुलासा किया है.
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किस-किस पर चार्जशीट
एनआईए ने इस मामले में पतिराम मांझी समेत 34 नक्सलियों और सहयोगियों पर सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर किया है. जिनमें बैजनाथ गंझू, सुनील गंझू, राजेश गंझू, संजय गंझू, नरेश गंझू, फगुना गंझू, रामजीत नागेशिया, मृत्युंजय कुमार सिंह, राधेश्याम यादव, नवीन यादव, रवींद्र गंझू, बुद्धेश्वर उरांव, छोटू खेरवार, नीरज सिंह खेरवार, मृत्युंजय भुइयां, काजेश गंझू, सूरजनाथ खेरवार, मनीष यादव, संतू भुइयां, नागेंद्र उरांव, रणथु उरांव, राजेश उरांव, बिशन दयाल नागेशिया, अनिल, लाजिम अंसारी, शीतल मोची, कुंदन खेरवार, जितेंद्र नागेशिया, प्रदीप सिंह खेरवार और राष्ट्रीय भोक्ता उर्फ संजीव शामिल है.
एनआईए ने किया था मामले को टेकओवर
लातेहार के चंदवा में माओवादी हमले में चार पुलिसकर्मियों के मारे जाने के मामले में एनआईए ने दो जुलाई 2020 को केस टेकओवर कर लिया था. झारखंड विधानसभा चुनाव के ठीक पहले नवंबर 2019 में माओवादी हमले में लातेहार जिला बल के चंदवा थाना में तैनात एसआई शुकरा उरांव, चालक यमुना प्रसाद, शंभू प्रसाद और सिकंदर सिंह शहीद हो गये थे. झारखंड पुलिस ने इस मामले की जांच एनआईए से कराने का प्रस्ताव केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा था. केंद्रीय गृह मंत्रालय से इस मामले में एनआईए को एफआईआर दर्ज करने की इजाजत 22 जून 2020 को मिल गई थी. जिसके बाद एनआईए ने इस संबंध में नये सिरे से केस संख्या आरसी 25/2020 दर्ज कर मामले की जांच शुरू की थी.
हमले में चार पुलिसकर्मी शहीद हुए थे
बता दें कि 23 नवंबर 2019 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा झारखंड में चुनाव प्रचार के लिए आये थे. लातेहार में उस दिन भाजपा की बड़ी सभा थी. ऐसे में लातेहार से रांची के रास्ते में पुलिस ने वीआईपी मूवमेंट के मद्देनजर सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया था. 22 नवंबर 2019 की शाम तकरीबन सात बजे चंदवा के लुकईया मोड़ के पास पुलिस गश्ती की टीम खड़ी थी. इसी दौरान भाकपा माओवादियों के मोटरसाइकिल दस्ते ने वाहन पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. हमले में चार पुलिसकर्मी शहीद हुए थे.