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NIA ने तेलंगाना में सरेंडर कर चुके सुधाकरण सहित 11 माओवादियों के खिलाफ दर्ज की प्राथमिकी

एनआईए की रांची ब्रांच ने भाकपा माओवादी संगठन के टॉप कमांडरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. इस प्राथमिकी में सुधाकरण और उसकी पत्नी नीलिमा सहित 11 माओवादियों को नामजद अभियुक्त बनाया है.

NIA lodges FIR against 11 Maoists including Sudhakaran
FIR lodged against Maoists
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Published : Apr 25, 2021, 8:43 PM IST

रांचीः एनआईए ने भाकपा माओवादी संगठन और उसके टॉप कमांडरों के खिलाफ एक और प्राथमिकी दर्ज की है. इस केस में फरवरी 2019 में तेलंगाना पुलिस के समक्ष सरेंडर कर चुके भाकपा माओवादी सेंट्रल कमिटी सदस्य सुधाकरण और उसकी पत्नी नीलिमा को भी आरोपी बनाया है. झारखंड पुलिस ने सरेंडर के पहले सुधाकरण पर एक करोड़ और नीलिमा पर 25 लाख का इनाम रखा था.

यह भी पढ़ेंःसुधाकरण के सरेंडर से नक्सलियों में 'खलबली', बड़े नेता धीरे-धीरे कर रहे सरेंडर

एनआईए ने लातेहार के गारू थाना में दर्ज केस संख्या 32/2017 और एनआईए केस संख्या आरसी 14/2017 के अनुसंधान के दौरान मिले तथ्यों के आधार पर एनआईए रांची ब्रांच में केस संख्या आरसी 03/2021 दर्ज कर मामले की जांच शुरु कर दी है. एनआईए ने तेलंगाना में जाकर सरेंडर करने वाले एक करोड़ इनामी सुधाकरण और उसकी पत्नी नीलिमा समेत 11 नामजद और 110 अज्ञात माओवादियों को आरोपी बनाया है.

एनआईए ने आईपीसी की धारा 120-B, आर्म्स एक्ट 25(1-A), 26(2), 35, सीएलए की धारा 17 और यूएपीए की धारा 16, 20, 23 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है. मामले की जांच की जिम्मेदारी एनआईए के डीएसपी रैंक के अधिकारी अमरनाथ अग्रे को दी गई है.

कौन-कौन हैं आरोपी
एनआईए ने इस मामले में सुधाकरण और उसकी पत्नी नीलिमा के साथ-साथ प्रभु साव, बलराम उरांव, छोटू खेरवार, प्रदीप चेरो, नीरज जी, रवींद्र गंझू, मृत्युंजय जी, विश्राम उरांव और मनोज सिंह को नामजद आरोपी बनाया है. इसके अलावा एनआईए ने 110 अज्ञात नक्सलियों को भी शामिल किया है.

क्या है पूरा मामला
वर्ष 2017 में भाकपा माओवादी के सेंट्रल कमिटी के सदस्य सुधाकरण के भाई बी. नारायण रेड्डी और दोस्त सत्यनारायण रेड्डी को रांची पुलिस ने 30 अगस्त 2017 को 25 लाख रुपया नकद और आधा किलोग्राम सोना के साथ पटेल चौक से गिरफ्तार किया था. इस मामले में रांची के चुटिया थाना में केस संख्या 180/2017 दर्ज की गई थी. इस केस को एनआईए ने 31 अक्टूबर 2017 को टेकओवर करते हुए केस संख्या आरसी 14/2017 दर्ज की थी.

मामले की जांच के दौरान एनआईए ने गुमला जिला के बिशनपुर के रहने वाले नक्सली समर्थक प्रभु साव को गिरफ्तार किया था. प्रभु साव ने पूछताछ के दौरान बताया था कि भाकपा माओवादी के सेंट्रल कमिटी के सदस्य सुधाकरण लातेहार जिला के गारू थाना क्षेत्र के रूप पंचायत के जंगल में 100 से अधिक नक्सलियों के साथ बड़ी घटना को अंजाम देने की योजना बना रहा है. प्रभु साव की निशानदेही पर रुद्रा गांव के जंगल में छापेमारी कर एसएलआर के साथ 13 राउंड गोली और नक्सली साहित्य बरामद किया गया था.

रांचीः एनआईए ने भाकपा माओवादी संगठन और उसके टॉप कमांडरों के खिलाफ एक और प्राथमिकी दर्ज की है. इस केस में फरवरी 2019 में तेलंगाना पुलिस के समक्ष सरेंडर कर चुके भाकपा माओवादी सेंट्रल कमिटी सदस्य सुधाकरण और उसकी पत्नी नीलिमा को भी आरोपी बनाया है. झारखंड पुलिस ने सरेंडर के पहले सुधाकरण पर एक करोड़ और नीलिमा पर 25 लाख का इनाम रखा था.

यह भी पढ़ेंःसुधाकरण के सरेंडर से नक्सलियों में 'खलबली', बड़े नेता धीरे-धीरे कर रहे सरेंडर

एनआईए ने लातेहार के गारू थाना में दर्ज केस संख्या 32/2017 और एनआईए केस संख्या आरसी 14/2017 के अनुसंधान के दौरान मिले तथ्यों के आधार पर एनआईए रांची ब्रांच में केस संख्या आरसी 03/2021 दर्ज कर मामले की जांच शुरु कर दी है. एनआईए ने तेलंगाना में जाकर सरेंडर करने वाले एक करोड़ इनामी सुधाकरण और उसकी पत्नी नीलिमा समेत 11 नामजद और 110 अज्ञात माओवादियों को आरोपी बनाया है.

एनआईए ने आईपीसी की धारा 120-B, आर्म्स एक्ट 25(1-A), 26(2), 35, सीएलए की धारा 17 और यूएपीए की धारा 16, 20, 23 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है. मामले की जांच की जिम्मेदारी एनआईए के डीएसपी रैंक के अधिकारी अमरनाथ अग्रे को दी गई है.

कौन-कौन हैं आरोपी
एनआईए ने इस मामले में सुधाकरण और उसकी पत्नी नीलिमा के साथ-साथ प्रभु साव, बलराम उरांव, छोटू खेरवार, प्रदीप चेरो, नीरज जी, रवींद्र गंझू, मृत्युंजय जी, विश्राम उरांव और मनोज सिंह को नामजद आरोपी बनाया है. इसके अलावा एनआईए ने 110 अज्ञात नक्सलियों को भी शामिल किया है.

क्या है पूरा मामला
वर्ष 2017 में भाकपा माओवादी के सेंट्रल कमिटी के सदस्य सुधाकरण के भाई बी. नारायण रेड्डी और दोस्त सत्यनारायण रेड्डी को रांची पुलिस ने 30 अगस्त 2017 को 25 लाख रुपया नकद और आधा किलोग्राम सोना के साथ पटेल चौक से गिरफ्तार किया था. इस मामले में रांची के चुटिया थाना में केस संख्या 180/2017 दर्ज की गई थी. इस केस को एनआईए ने 31 अक्टूबर 2017 को टेकओवर करते हुए केस संख्या आरसी 14/2017 दर्ज की थी.

मामले की जांच के दौरान एनआईए ने गुमला जिला के बिशनपुर के रहने वाले नक्सली समर्थक प्रभु साव को गिरफ्तार किया था. प्रभु साव ने पूछताछ के दौरान बताया था कि भाकपा माओवादी के सेंट्रल कमिटी के सदस्य सुधाकरण लातेहार जिला के गारू थाना क्षेत्र के रूप पंचायत के जंगल में 100 से अधिक नक्सलियों के साथ बड़ी घटना को अंजाम देने की योजना बना रहा है. प्रभु साव की निशानदेही पर रुद्रा गांव के जंगल में छापेमारी कर एसएलआर के साथ 13 राउंड गोली और नक्सली साहित्य बरामद किया गया था.

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