रांची: भाकपा माओवादियों से जुड़े टेरर फंडिंग केस में एनआईए ने 25 लाख के ईनामी झारखंड-बिहार स्पेशल एरिया कमेटी के सदस्य सुनील मांझी उर्फ सुनील सोरेन को गिरफ्तार किया है. गिरिडीह के मुधबन के लहरबेड़ा निवासी सुनील मांझी के खिलाफ झारखंड व बिहार में कई नक्सली वारदातों को अंजाम देने का आरोप है. गिरफ्तारी के बाद सुनील मांझी को रांची में एनआईए की विशेष अदालत में पेश किया गया. एनआईए ने सैक सदस्य सुनील को चार दिनों के रिमांड पर लिया है. सेक्टर दो स्थित कैंप ऑफिस मे सुनील से पूछताछ की जाएगी.
विकास योजनाओं की करोड़ों की वसूली
एनआईए ने अपनी जांच में पाया है कि सुनील मांझी गिरिडीह के पारसनाथ एरिया में सक्रिय रहा था. उस इलाके में होने वाली विकास योजनाओं से जरिए सुनील ने करोड़ों की वसूली की, जिसका इस्तेमाल नक्सल संगठन से जुड़ी गतिविधियों में किया गया.
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कैसे खुला था मामला
गिरिडीह पुलिस ने 22 जनवरी 2018 को अकबकीटांड से मनोज कुमार को गिरफ्तार किया था. माओवादी समर्थक मनोज के पास से पुलिस ने छह लाख रुपये बरामद किए थे. जांच में यह बात सामने आई थी कि आरके कंस्ट्रक्शन के लिए काम करने वाला मनोज दूसरे कंस्ट्रक्शन कंपनियों से भी पैसे वसूली कर माओवादी संगठन तक पहुंचाता था. तब इस मामले में डुमरी थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी. बाद में 22 जुलाई 2018 को इस केस को एनआईए ने टेकओवर किया था. बीते माह एनआईए ने इस मामले में रांची स्थित आरके कंस्ट्रक्शन कंपनी के ठिकानें पर छापेमारी की थी.