रांची: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने फर्जी तरीके से चलाए जा रहे मानवाधिकार संगठनों पर नकेल कसने के लिए झारखंड सरकार को पत्र भेजा है. आयोग के पत्र के बाद राज्य सरकार की गृह विभाग ने मानवाधिकार संगठनों के नाम पर चलने वाली फर्जी संस्थाओं और लोगों के इस्तेमाल पर रोक लगाने का आदेश सभी डीसी और एसपी को भेजा है.
कड़ाई के आदेश
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मानवाधिकार आयोग के नाम से मिलते-जुलते संस्थाओं और उनके द्वारा लोगों के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए बीते साल भी राज्य सरकार को पत्र भेजा था. लेकिन कार्रवाई नहीं होने पर आयोग ने इस संबंध में रिमाइंडर भेजा है.
क्या लिखा है आयोग ने
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने लिखा है कि आयोग का एक मात्र कार्यालय दिल्ली में है. देश में किसी भी स्थान पर आयोग का संलग्न कार्यालय नहीं है. पत्र में जिक्र है कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की ओर से जिला अध्यक्ष या समरूप पदों पर किसी व्यक्ति की नियुक्ति नहीं की जाती. आयोग के द्वारा किसी व्यक्ति, गैर सरकारी संगठन या सोसायटी का निबंधन, संबद्धीकरण या मान्यता भी राष्ट्रीय या राज्य मानवाधिकार आयोग की ओर से नहीं किया जाता. यानि मानवाधिकार के नाम पर चल रही कोई भी संस्था अगर यह कहे कि उसे मानवाधिकार अयोग से संबद्धता मिली हुई है तो वह संस्था फर्जी है.
रोकथाम के लिए करें केस
गृह विभाग ने आदेश जारी किया है कि यदि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, झारखंड राज्य मानवाधिकार आयोग रांची के नाम पर किसी संस्था या प्रतीक चिन्ह का इस्तेमाल हो तो इंब्लेम एंड नेम प्रिवेंशन ऑफ इंप्रॉपर यूज 1950 एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज करें, साथ ही एनएचआरसी और एसएचआरसी से मिलते जुलते नाम वाली संस्थाओं की सूचना भी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को दें.