रांची: हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति मामले में फंसा पेच सुलझने की बजाए उलझता जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति 2016 मामले में याचिका दाखिल करनेवाले अभ्यर्थियों की नियुक्ति की प्रक्रिया झारखंड कर्मचारी कर्मचारी चयन आयोग ने शुरू कर एक नये विवाद को जन्म दे (New Controversy In High School Teacher Appointment) दिया है.
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245 अभ्यर्थियों की सूची जारीः झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने ऐसे 245 अभ्यर्थियों की सूची जारी की है (Merit List Of All Candidates Not Released) जिन्होंने कोर्ट के समक्ष अपील की थी. इन अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों की जांच 14 और 15 दिसंबर को नामकुम स्थित आयोग कार्यालय में होगा. इसके अलावा आयोग ने 37 वैसे याचिकाकर्ता की सूची जारी की है जिनका रौल नंबर और आवेदित विषय उपलब्ध नहीं है. ऐसे अभ्यर्थियों को झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने झारखंड उच्च न्यायालय रांची में दायर IA की सत्यापित प्रति के साथ अपने प्रवेश पत्र की प्रति आयोग कार्यालय में 13 दिसंबर तक जमा करने को कहा है. जिससे इनके दावे का सत्यापन कर आगे की कार्रवाई हो सके, लेकिन सवाल यह है कि इसके अलावे जो अभ्यर्थी इस परीक्षा में शामिल हुए थे उनका क्या होगा. इस संबंध में न तो जेएसएससी ने कोई सूचना जारी की गई है और न ही शिक्षा विभाग का कोई गाइडलाइन आया है.
मेरिट लिस्ट की प्रतीक्षा में हजारों विद्यार्थी परेशानः ऐसे में मेरिट लिस्ट जारी होने की प्रतीक्षा कर रहे झारखंड के विभिन्न जिलों के हजारों विद्यार्थी (Merit List Of All Candidates Not Released) परेशान हैं. इस पर छात्र नेता एस अली ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा है कि इस संबंध में राज्य सरकार और जेएसएससी ने समुचित पक्ष नहीं रखा. इस कारण झारखंड के हजारों छात्रों का भविष्य बीच मंझधार में फंस गया है. उन्होंने कहा कि सरकार और जेएसएससी को हस्तक्षेप याचिका दाखिल कर न्यायालय से दिशा निर्देश लेना चाहिए. जिससे इस पर संशय दूर हो सके. इधर, छात्र नेता मनोज यादव ने भी सरकार से हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में शामिल विद्यार्थियों का मेरिट लिस्ट तैयार कर वेकैंसी के अनुसार नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि लगता है कि न्यायादेश की सही से व्याख्या नहीं होने की वजह से यह समस्या पैदा हुई है.
नौ दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में होनी है सुनवाईः इधर इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार नौ दिसंबर को सुनवाई होगी. संभावना यह है कि इस संबंध में न्यायालय की ओर से सरकार को कोई दिशा निर्देश दिया जायेगा. सोनी कुमारी के अधिवक्ता ललित कुमार के अनुसार राज्य सरकार और झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा सुप्रीम कोर्ट में अपील कर आगे का दिशा निर्देश सुनवाई के दौरान लिया जा सकता है.
सभी पेटिशनर की मेधा सूची तैयार करने का था आदेशः गौरतलब है कि दो दिसंबर को अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को अब तक नियुक्त हुए अभ्यर्थियों के अंतिम कट ऑफ को आधार मानकर इस केस के सभी पेटिशनर की मेधा सूची तैयार करने का आदेश दिया था. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह उपस्थित हुए थे.
सोनी कुमारी और अन्य ने दाखिल किया है अवमाननावादः कंटेम्प्ट केस के माध्यम से सोनी कुमारी ने कहा था कि इस वर्ष दो अगस्त को दिए गए सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर का झारखंड कर्मचारी चयन आयोग और राज्य सरकार द्वारा अवहेलना की जा रही है. जिसके खिलाफ प्रार्थी सोनी कुमारी ने झारखंड के मुख्य सचिव, शिक्षा सचिव, कार्मिक सचिव और जेएसएससी सचिव के खिलाफ अवमानना वाद दाखिल किया था.
मेरिट लिस्ट को लेकर विवाद गहरायाः प्रार्थी का मानना था कि जेएसएससी (Jharkhand Staff Selection Commission)ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार रिजल्ट प्रकाशित नहीं की है. सुप्रीम कोर्ट ने इस परीक्षा के लिए प्रकाशित अंतिम कट ऑफ को आधार मानते हुए स्टेट लेवल रिजल्ट प्रकाशित कर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया था, लेकिन जेएसएससी ने इसे नजरअंदाज कर मनमाने ढंग से रिजल्ट जारी करना शुरू किया है.सुप्रीम कोर्ट से फैसला आने के बाद जेएसएससी ने काउंसेलिंग के लिए लिस्ट जारी करना शुरू किया था. जिसके बाद मेरिट लिस्ट को लेकर विवाद गहराने लगा और एक फिर मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया.