रांची: उग्रवादी संगठन पीएलएफआई के सुप्रीमो दिनेश गोप को एनआईए के द्वारा गिरफ्तार करने के बाद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच रांची ले आया गया है. रांची एयरपोर्ट पर दिनेश गोप के पहुंचने से पहले ही पूरे एयरपोर्ट को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था.
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एनआईए के अनुसार दिल्ली से हुई गिरफ्तारी: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अनुसार दिनेश गोप की दिल्ली से गिरफ्तारी हुई है. गिरफ्तारी के बाद रविवार को झारखंड के प्रतिबंधित नक्सली संगठन पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआई) के फरार सुप्रीमो दिनेश गोप को रांची लाया गया है. रांची में एनआईए के साथ-साथ झारखंड एटीएस और रांची पुलिस की टीम उससे पूछताछ कर रही है.
इससे पहले एनआईए ने एक प्रेस रिलीज जारी कर दिनेश गोप की गिरफ्तारी के संबंध में मीडिया को जानकारी दी है. एनआईए के अनुसार, दिनेश गोप के खिलाफ झारखंड, बिहार और ओडिशा राज्यों में 102 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें से अधिकांश मामले हत्या, अपहरण, धमकी, जबरन वसूली और पीएलएफआई के लिए धन जुटाने से संबंधित हैं. एनआईए ने भी दिनेश गोप के सिर पर पांच लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया था, जबकि झारखंड सरकार ने 25 लाख की घोषणा थी, दिनेश गोप करीब दो दशक से फरार चल रहा था.
3 फरवरी 2022 को हुए मुठभेड़ के बाद छोड़ दिया था झारखंड: 3 फरवरी 2022 को झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के गुदरी में दिनेश के नेतृत्व वाले पीएलएफआई दस्ते और सुरक्षाकर्मियों के बीच मुठभेड़ हुई थी. मुठभेड़ में कई राउंड फायरिंग हुई, इस मुठभेड़ में दिनेश गोप बुरी तरह से फंस गया था, लेकिन जंगल और पहाड़ का फायदा उठा वह भागने में सफल हो गया, तब से वह फरार चल रहा था.
आतंक का दूसरा नाम था दिनेश गोप: दिनेश गोप झारखंड के खूंटी, रांची, सिमडेगा, गुमला, चाईबासा, लोहरदगा जैसे जिलों के लिए आतंक का दूसरा नाम था. उसने अपने दहशत और डर के दम पर अकूत संपत्ति बनाई थी. उसकी दो पत्नी है और दोनों ही फिलहाल जेल में बंद हैं. उसके आतंक को देखते हुए उस पर झारखंड पुलिस ने 25 लाख का इनाम घोषित किया था.