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झारखंड में नहीं थम रहे नक्सली के नाम पर रंगदारी के मामले, दर्जनों गिरफ्तार फिर भी राजधानी में एक्टिव है PLFI

राजधानी रांची और आसपास के इलाकों में नक्सलियों का आंतक बढ़ता ही जा रहा है. पुलिस कार्रवाई के बाद भी नक्सलियों में खौफ नहीं दिख रहा है. लगातार नक्सली संगठन पीएलएफआई की ओर से कारोबारियों को धमकी देकर लेवी की मांग की जा रही है. हालांकि, पुलिस ने पिछले एक महीने में कई नक्सलियों को हथियार सहित गिरफ्तार भी किया है.

शहर में नहीं थम रहे नक्सली के नाम पर रंगदारी
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Published : Dec 2, 2020, 3:21 PM IST

रांची: झारखंड की राजधानी रांची में दर्जनों गिरफ्तारियों के बावजूद उग्रवादी संगठन पीएलएफआई का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है. पीएलएफआई संगठन की ओर से रंगदारी मांगने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. वर्चुअल नंबर का प्रयोग कर लगातार यह संगठन शहर के कारोबारियों को धमका रहा है.

देखें पूरी खबर
एक महीने में कई नक्सली गिरफ्तार, लेकिन आतंक अब भी कायम
पिछले एक महीने के दौरान रांची पुलिस ने उग्रवादी संगठन पीएलएफआई के खिलाफ कार्रवाई करते हुए दर्जनभर उग्रवादियों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है. वहीं, कार्बाइन और 9 एमएम के पिस्टल सहित कई देसी कट्टे जैसे हथियार पुलिस ने जब्त भी किया है. इन सबके बावजूद शहर के कई कारोबारियों को वर्चुअल नंबर के जरिए लगातार धमकी भरे कॉल किये रहे हैं. रांची एसएसपी सुरेंद्र झा के अनुसार गिरफ्तारी के बावजूद संगठन में भय का माहौल पैदा ना हो उसी रणनीति के तहत उग्रवादी संगठन पीएलएफआई अपनी गतिविधियों को जारी रखे हुए हैं. वह अपने कैडरों को यह बताना चाहता है कि उनके 5-10 साथियों के गिरफ्तारी से कोई फर्क नहीं पड़ता है.
कांके के कारोबारी से मांगी गई है रंगदारी

रंगदारी के मामले में कई पीएलएफआई उग्रवादियों को गिरफ्तार होने के बावजूद एक बार फिर कांके के कारोबारी से रंगदारी मांगी गई. पुलिस ने कांके के जमीन कारोबारी अवधेश कुमार से 30 लाख रंगदारी के मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. वाट्सएप के जिस वर्चुअल नंबर से कॉल किया गया है, उस नंबर का पता लगाया जा रहा है. संबंधित नंबर से ट्रेस करने की कोशिश की जा रही है. हालांकि, रंगदारी मांगने वाले अबतक पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं. बता दें कि रांची पुलिस को चुनौती देकर पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप के नाम पर रंगदारी मांगी गई थी. रंगदारी मांगने के लिए वाट्सएप के वर्चुअल नंबर से वीडियो कॉल किया और एक ऑडियो व पर्चा भेजा है. ऑडियो में कहा है 'बात कर लीजिए अवधेश जी, मैं पीएलएफआई सेंट्रल कमेटी का सदस्य हूं. 30 लाख रुपये सहयोग राशि भेज दीजिए, अन्यथा फौजी कार्रवाई करूंगा.' ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने बताया कि तकनीकी सेल जांच में जुटी है. जल्द ही कॉल करने वाले तक पुलिस पहुंच जाएगी.

इसे भी पढ़ें- सुरक्षाबलों और पीएलएफआई नक्सलियों के बीच मुठभेड़, दो संदिग्ध गिरफ्तार

जान से मारने की दी गई धमकी

ऑडियो में कहा गया है कि 'सहयोग राशि नहीं देने पर जान-माल की हानी होगी. इसके आप खुद जिम्मेदार होंगे, बाकि आप खुद समझदार हैं. कांके ब्लॉक में आपका घर है, सभी का रेकी कर लिया गया है. गार्ड रखना है तो रख लिजिए. एसपी को बोल दीजिए पीएलएफआई से फोन आया था. सरदार कॉल कर रहा था, दाढ़ी वाला. देख लेते हैं कितना आपलोग को बचाता है. कह दीजिए दो-चार गार्ड दे दे. कितना गार्ड हैं रांची पुलिस के पास हम भी देखते हैं'. इस कॉल के आने के बाद हड़कंप मच गया है. मामले में जमीन कारोबारी ने कांके थाने में एफआइआर दर्ज कराई है. इसकी सूचना एसएसपी को भी दी गई है. इससे पहले भी पीएलएफआई की ओर से मांगी गई रंगदारी की घटनाओं में कॉल करने वाले को पुलिस पकड़ने में फेल रही है. रंगदारी मांगने के सिलसिले को पुलिस नहीं रोक पा रही है. हालांकि पीएलएफआई के खिलाफ रांची के सीनियर एसपी के नेतृत्व में कई बड़ी कार्रवाई की गई है, लेकिन यह संगठन पुलिस को लगातार परेशान कर रहा है. यही वजह है कि रांची के सीनियर एसपी कहते हैं कि सिमडेगा और खूंटी, रांची से ज्यादा दूर नहीं है. रांची पुलिस पीएलएफआई के गढ़ में घुस कर करवाई करेगी.

रांची: झारखंड की राजधानी रांची में दर्जनों गिरफ्तारियों के बावजूद उग्रवादी संगठन पीएलएफआई का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है. पीएलएफआई संगठन की ओर से रंगदारी मांगने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. वर्चुअल नंबर का प्रयोग कर लगातार यह संगठन शहर के कारोबारियों को धमका रहा है.

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एक महीने में कई नक्सली गिरफ्तार, लेकिन आतंक अब भी कायम
पिछले एक महीने के दौरान रांची पुलिस ने उग्रवादी संगठन पीएलएफआई के खिलाफ कार्रवाई करते हुए दर्जनभर उग्रवादियों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है. वहीं, कार्बाइन और 9 एमएम के पिस्टल सहित कई देसी कट्टे जैसे हथियार पुलिस ने जब्त भी किया है. इन सबके बावजूद शहर के कई कारोबारियों को वर्चुअल नंबर के जरिए लगातार धमकी भरे कॉल किये रहे हैं. रांची एसएसपी सुरेंद्र झा के अनुसार गिरफ्तारी के बावजूद संगठन में भय का माहौल पैदा ना हो उसी रणनीति के तहत उग्रवादी संगठन पीएलएफआई अपनी गतिविधियों को जारी रखे हुए हैं. वह अपने कैडरों को यह बताना चाहता है कि उनके 5-10 साथियों के गिरफ्तारी से कोई फर्क नहीं पड़ता है.
कांके के कारोबारी से मांगी गई है रंगदारी

रंगदारी के मामले में कई पीएलएफआई उग्रवादियों को गिरफ्तार होने के बावजूद एक बार फिर कांके के कारोबारी से रंगदारी मांगी गई. पुलिस ने कांके के जमीन कारोबारी अवधेश कुमार से 30 लाख रंगदारी के मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. वाट्सएप के जिस वर्चुअल नंबर से कॉल किया गया है, उस नंबर का पता लगाया जा रहा है. संबंधित नंबर से ट्रेस करने की कोशिश की जा रही है. हालांकि, रंगदारी मांगने वाले अबतक पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं. बता दें कि रांची पुलिस को चुनौती देकर पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप के नाम पर रंगदारी मांगी गई थी. रंगदारी मांगने के लिए वाट्सएप के वर्चुअल नंबर से वीडियो कॉल किया और एक ऑडियो व पर्चा भेजा है. ऑडियो में कहा है 'बात कर लीजिए अवधेश जी, मैं पीएलएफआई सेंट्रल कमेटी का सदस्य हूं. 30 लाख रुपये सहयोग राशि भेज दीजिए, अन्यथा फौजी कार्रवाई करूंगा.' ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने बताया कि तकनीकी सेल जांच में जुटी है. जल्द ही कॉल करने वाले तक पुलिस पहुंच जाएगी.

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जान से मारने की दी गई धमकी

ऑडियो में कहा गया है कि 'सहयोग राशि नहीं देने पर जान-माल की हानी होगी. इसके आप खुद जिम्मेदार होंगे, बाकि आप खुद समझदार हैं. कांके ब्लॉक में आपका घर है, सभी का रेकी कर लिया गया है. गार्ड रखना है तो रख लिजिए. एसपी को बोल दीजिए पीएलएफआई से फोन आया था. सरदार कॉल कर रहा था, दाढ़ी वाला. देख लेते हैं कितना आपलोग को बचाता है. कह दीजिए दो-चार गार्ड दे दे. कितना गार्ड हैं रांची पुलिस के पास हम भी देखते हैं'. इस कॉल के आने के बाद हड़कंप मच गया है. मामले में जमीन कारोबारी ने कांके थाने में एफआइआर दर्ज कराई है. इसकी सूचना एसएसपी को भी दी गई है. इससे पहले भी पीएलएफआई की ओर से मांगी गई रंगदारी की घटनाओं में कॉल करने वाले को पुलिस पकड़ने में फेल रही है. रंगदारी मांगने के सिलसिले को पुलिस नहीं रोक पा रही है. हालांकि पीएलएफआई के खिलाफ रांची के सीनियर एसपी के नेतृत्व में कई बड़ी कार्रवाई की गई है, लेकिन यह संगठन पुलिस को लगातार परेशान कर रहा है. यही वजह है कि रांची के सीनियर एसपी कहते हैं कि सिमडेगा और खूंटी, रांची से ज्यादा दूर नहीं है. रांची पुलिस पीएलएफआई के गढ़ में घुस कर करवाई करेगी.

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