रांची: झारखंड के विभिन्न आदिवासी संगठनों के प्रतिनिधि 13 मार्च को आदिवासी मीणा महासंघ के तत्वाधान में 'राष्ट्रीय आदिवासी सम्मेलन' का जयपुर में आयोजन करेंगे. सम्मलेन में झारखंड के कई प्रतिनिधिमंडल के सदस्य भी शामिल होंगे. उसके बाद दिल्ली में 16 मार्च को महाराष्ट्र जनरल ऑफ इंडिया, केंद्र के गृह मंत्री और विभिन्न पार्टी के अध्यक्षों को मांग सौंपेंगे.
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राष्ट्रीय आदिवासी धर्म समन्वय समिति, अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद, मांझी माझी महाल, आदिवासी जन परिषद, आदिवासी सरना महासभा, आदिवासी लोहरा समाज के प्रतिनिधिमंडल पूर्व मंत्री देव कुमार धान, पूर्व मंत्री गीता श्री उरांव, आदिवासी जन परिषद अध्यक्ष प्रेम शाही मुंडा, अभय भूट कुंवर, रामचंद्र मुर्मू, डॉ बिरसा उरांव, नारायण उरांव, आज राजधानी एक्सप्रेस से दिल्ली से होते हुए जयपुर रवाना हो गए हैं.
आदिवासी धर्म कोड की मांग होगी तेज
पूर्व मंत्री गीता श्री उरांव, पूर्व मंत्री देव कुमार धान और प्रेम शाही मुंडा ने संयुक्त रूप से कहा की देश के 15 करोड़ आदिवासियों का अभी तक आदिवासी धर्म कोड जनगणना प्रपत्र में उल्लेख नहीं किया गया, पूरे देश में आदिवासी समाज के लोग विभिन्न प्रदेशों में धरना प्रदर्शन सेमिनार सम्मेलन कर रहे हैं. इसके बावजूद भी सरकार का इस विषय पर संज्ञान नहीं लेना दुर्भाग्यपूर्ण है. पूरे भारतवर्ष में आदिवासी धर्म कोड की मांग और तेज की जाएगी.