रांची: जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने रांची सिविल कोर्ट में लंबित मामलों को न्यूनतम स्तर पर लाने के लिए बड़ा लक्ष्य तय किया है. 5 साल में सुलहनिये प्रकृति के करीब 32 हजार मामलों का लोक अदालत लगाकर निपटारा किया जाएगा.
लोक अदालत में छोटे-मोटे अपराध, जमीन विवाद, पारिवारिक विवाद और चेक बाउंस से जुड़े मामलों का निपटारा करेगा. इस प्रकार के कई मामले वर्षों से अदालत में लंबित पड़े हुए हैं. अदालत में फाइलों का अंबार लगा रहता है. आकड़ों पर गौर करें तो फिलहाल सिविल कोर्ट में 47 हजार मामले लंबित हैं, जिसमें सर्वाधिक मामले सुलहनिये प्रकृति के हैं, जबकि 10 हजार मामले गंभीर अपराध, हत्या, अपहरण, दुष्कर्म आदि से जुड़े हुए हैं. हर महीने 2500 नए मामले अदालत में रजिस्टर होते हैं.
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डालसा के इस प्रयोग से छोटे-मोटे मामले में वर्षों से अदालत में चक्कर काट रहे वादियों को लाभ मिलेगा. लोक अदालत में 1 दिन में ही मामले निपट जाएगा और केस खत्म हो जाएगा, जिससे अदालत का बोझ भी कम होगा. इससे वादी को पुलिस और अधिवक्ताओं के चक्कर भी कम काटने पड़ेंगे और आर्थिक दोहन भी कम होगा.
अदालत में लंबित मामलों को तत्काल आपसी सहमति से सुलझाया जाएगा. 8 फरवरी को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है. मामलों के निपटारे के लिए कुल 38 बेंच का गठन किया गया है.