ETV Bharat / state

रांची में 8 फरवरी को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन, 38 बेंच का किया गया गठन - रांची सिविल कोर्ट में लंबित मामलों का होगा निपटारा

रांची में सिविल कोर्ट में लंबित मामलों का अब जल्द ही निपटारा होना शुरु हो जाएगा. 5 सालों से लंबित छोटो मोटे मामलों को रफा दफा करने के लिए 8 फरवरी से लोक अदालत लगायी जाएगी. जिसमें जमीन विवाद, पारिवारिक विवाद और चेक बाउंस के अलावा भी कुछ मामलों पर सुनवाई की जाएगी.

National public court to be imposed on 8 February in ranchi
रांची में लगाया जाएगा राष्ट्रीय लोक अदालत
author img

By

Published : Feb 6, 2020, 1:48 PM IST

रांची: जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने रांची सिविल कोर्ट में लंबित मामलों को न्यूनतम स्तर पर लाने के लिए बड़ा लक्ष्य तय किया है. 5 साल में सुलहनिये प्रकृति के करीब 32 हजार मामलों का लोक अदालत लगाकर निपटारा किया जाएगा.

देखें पूरी खबर

लोक अदालत में छोटे-मोटे अपराध, जमीन विवाद, पारिवारिक विवाद और चेक बाउंस से जुड़े मामलों का निपटारा करेगा. इस प्रकार के कई मामले वर्षों से अदालत में लंबित पड़े हुए हैं. अदालत में फाइलों का अंबार लगा रहता है. आकड़ों पर गौर करें तो फिलहाल सिविल कोर्ट में 47 हजार मामले लंबित हैं, जिसमें सर्वाधिक मामले सुलहनिये प्रकृति के हैं, जबकि 10 हजार मामले गंभीर अपराध, हत्या, अपहरण, दुष्कर्म आदि से जुड़े हुए हैं. हर महीने 2500 नए मामले अदालत में रजिस्टर होते हैं.

इसे भी पढे़ं:- जल्द सुलझेगी अंकुश शर्मा हत्याकांड की गुत्थी, CCTV फुटेज के आधार पर आरोपियों के करीब पहुंची पुलिस

डालसा के इस प्रयोग से छोटे-मोटे मामले में वर्षों से अदालत में चक्कर काट रहे वादियों को लाभ मिलेगा. लोक अदालत में 1 दिन में ही मामले निपट जाएगा और केस खत्म हो जाएगा, जिससे अदालत का बोझ भी कम होगा. इससे वादी को पुलिस और अधिवक्ताओं के चक्कर भी कम काटने पड़ेंगे और आर्थिक दोहन भी कम होगा.

अदालत में लंबित मामलों को तत्काल आपसी सहमति से सुलझाया जाएगा. 8 फरवरी को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है. मामलों के निपटारे के लिए कुल 38 बेंच का गठन किया गया है.

रांची: जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने रांची सिविल कोर्ट में लंबित मामलों को न्यूनतम स्तर पर लाने के लिए बड़ा लक्ष्य तय किया है. 5 साल में सुलहनिये प्रकृति के करीब 32 हजार मामलों का लोक अदालत लगाकर निपटारा किया जाएगा.

देखें पूरी खबर

लोक अदालत में छोटे-मोटे अपराध, जमीन विवाद, पारिवारिक विवाद और चेक बाउंस से जुड़े मामलों का निपटारा करेगा. इस प्रकार के कई मामले वर्षों से अदालत में लंबित पड़े हुए हैं. अदालत में फाइलों का अंबार लगा रहता है. आकड़ों पर गौर करें तो फिलहाल सिविल कोर्ट में 47 हजार मामले लंबित हैं, जिसमें सर्वाधिक मामले सुलहनिये प्रकृति के हैं, जबकि 10 हजार मामले गंभीर अपराध, हत्या, अपहरण, दुष्कर्म आदि से जुड़े हुए हैं. हर महीने 2500 नए मामले अदालत में रजिस्टर होते हैं.

इसे भी पढे़ं:- जल्द सुलझेगी अंकुश शर्मा हत्याकांड की गुत्थी, CCTV फुटेज के आधार पर आरोपियों के करीब पहुंची पुलिस

डालसा के इस प्रयोग से छोटे-मोटे मामले में वर्षों से अदालत में चक्कर काट रहे वादियों को लाभ मिलेगा. लोक अदालत में 1 दिन में ही मामले निपट जाएगा और केस खत्म हो जाएगा, जिससे अदालत का बोझ भी कम होगा. इससे वादी को पुलिस और अधिवक्ताओं के चक्कर भी कम काटने पड़ेंगे और आर्थिक दोहन भी कम होगा.

अदालत में लंबित मामलों को तत्काल आपसी सहमति से सुलझाया जाएगा. 8 फरवरी को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है. मामलों के निपटारे के लिए कुल 38 बेंच का गठन किया गया है.

Intro:डालसा के द्वारा 8 फरवरी को किया जा रहा है राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन,38 बेंच का किया गया है गठन

रांची
बाइट-- अभिषेक कुमार डालसा सचिव

जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने रांची सिविल कोर्ट में लंबित मामलों को न्यूनतम स्तर पर लाने के लिए बड़ा लक्ष्य तय किया है 5 साल में सुलहानिये प्राकृतिक के करीब 32000 मामलों को लोक अदालत लगाकर निपटारा किया जाएगा छोटे-मोटे अपराध जमीन विवाद ,पारिवारिक विवाद , विभाग व चेक बाउंस से जुड़े हुए हैं इस प्रकार के मामले वर्षों से अदालत में लंबित पड़े हुए हैं अदालत में फाइलों का अंबार लगा रहता है आकड़ो पर गौर करें तो फिलहाल सिविल कोर्ट में 47000 मामले लंबित है इससे सर्वाधिक मामले सुलहानीये प्रकृति के हैं जबकि 10000 मामले गंभीर अपराध हत्या अपहरण दुष्कर्म आदि से जुड़े हुए हैं प्रति माह 2500 नए मामले अदालत में रजिस्टर होते हैं।

डालसा के इस प्रयोग से छोटे-मोटे मामले में वर्षों से अदालत में चक्कर काट रहे वादियों को लाभ मिलेगा लोक अदालत में 1 दिन में ही मामले निपट जाएंगे केस समाप्त हो जाएगा अदालत का बोझ भी कम होगा जिसका सर ने केस की सुनवाई पर पड़ेगा फैसला तेजी से आएगी पुलिस और अधिवक्ताओं के चक्कर में इस रहे वादी बड़े मामलों को तो छोड़ दे पुलिस और वकील की कार्यशैली के कारण छोटे-मोटे मामले भी वर्ष तक खींचते चले जाते हैं वादी का आर्थिक दोहन होता है





Body:अदालत में लंबित मामलों का प्रतिदिन बढ़ रहे छोटे-मोटे मामले जिससे तत्काल आपसी सहमति से सुलझाया जा सकता है वह भी वर्षों से अदालत में लंबित वादी भी परेशान और अदालत भी परेशान लोक अदालत से वादी और अदालत दोनों को राहत मिलेगा इसी उद्देश्य से 8 फरवरी को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है मामलों के निस्तारण के लिए कुल 38 बेंच का गठन किया गया है


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.