रांचीः नाबार्ड के अध्यक्ष डॉ जीआर चिंताला ने गुरुवार को विधानसभा स्थित मुख्यमंत्री कक्ष में सीएम हेमंत सोरेन से मुलाकात की. इस दौरान राज्य के गरीबों, किसानों और जरूरतमंदों को प्राथमिकता के आधार पर आसानी से ऋण मुहैया कराने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने पर चर्चा हुई.
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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नाबार्ड के अध्यक्ष डॉ जीआर चिंताला से कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती और स्वरोजगार के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है. राज्य में कृषि की असीम संभावनाएं हैं. इसलिए राज्य में अधिक से अधिक किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की सुविधा उपलब्ध कराई जाए. इसपर नाबार्ड को पहल करने की आवश्यकता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के किसानों के पास आर्थिक बैकअप नहीं है. इससे किसान रोजगारपरक कार्य करने में असमर्थ हैं. उन्होंने कहा कि राज्य के विकास में नाबार्ड की भूमिका अहम है. नाबार्ड अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभाए तो राज्य सरकार की ओर से संचालित योजनाओं का लाभ लोगों को मिलने लगेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि नाबार्ड राज्य के किसानों को मार्केटिंग के क्षेत्र में प्रोत्साहित करें. मुख्यमंत्री ने RIDF, RIAS और NIDA के तहत मिश्रित वित्त के जरिए ग्रामीण क्षेत्र के बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ किया जाना चाहिए. नाबार्ड के अध्यक्ष डॉ. जीआर चिंताला ने सहकारी क्षेत्र के कायाकल्प करने को लेकर सुझाव दिया और सरकार से समर्थन की मांग की. अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री से कहा कि मल्टी सर्विस सेंटर (एमएससी) के रूप में एआईएफ और सस्ती पूंजी का लाभ उठाकर पैक्स के व्यवसाय को मजबूत किया जा सकता है. इस मौके पर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, कृषि सचिव अबू बकर सिद्दीकी सहित कई अधिकारी उपस्थित थे.