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लोगों तक नहीं पहुंच रही मुख्यमंत्री श्रमिक योजना की जानकारी, कैसे दूर होगी मजदूरों की समस्या

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Published : Aug 18, 2020, 5:56 PM IST

Updated : Aug 18, 2020, 7:53 PM IST

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने महत्वकांक्षी श्रमिक योजना की शुरुआत की है. इसके तहत शहरी क्षेत्र के मजदूरों को 100 दिनों तक रोजगार की गारंटी दी जाएगी. अगर किसी कारण से मजदूरों को रोजगार नहीं मिलता है, तो इसके बदले उन्हें बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा, लेकिन जागरुकता की कमी के कारण इस योजना की जानकारी लोगों तक नहीं पा रही है.

लोगों तक नहीं पहुंच रही मुख्यमंत्री श्रमिक योजना की जानकारी
mukhyamantri Shramik Yojana not seen on ground level in Ranchi

रांची: कोरोना महामारी ने गरीब तबके और मजदूर वर्ग को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है. मजदूरों की परेशानी को देखते हुए राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने महत्वकांक्षी श्रमिक योजना की शुरुआत की है. इसके तहत शहरी क्षेत्र के मजदूरों को 100 दिनों तक रोजगार की गारंटी दी जाएगी. अगर किसी कारण मजदूरों को रोजगार नहीं मिलता है, तो इसके बदले उन्हें बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा.

देखें पूरी खबर

योजना की ग्राउंड रिपोर्ट

मुख्यमंत्री की महत्वकांक्षी श्रमिक योजना की जानकारी लोगों तक कितना हद तक पहुंचा है, इसकी जानकारी जब ईटीवी भारत की टीम ने मजदूरों से ली, तो पता चला कि कई अभी ज्यादातर मजदूरों को इस योजना के बारे में मालूम भी नहीं है. बता दें कि राजधानी के मोरहाबादी मैदान के पास रोजाना सैकड़ों मजदूर काम की तलाश में खड़े होते हैं. कई मजदूरों को रोजगार मिलता है तो कई मजदूरों को बिना काम के ही घर जाना पड़ता है. राज्य सरकार ने तो श्रमिकों को लाभ पहुंचाने और रोजगार देने के लिए महत्वकांक्षी श्रमिक योजना की शुरुआत कर दी, लेकिन इसकी जानकारी सही से लोगों को नहीं मिल पा रहा है. मजदूरों ने बताया कि इस बारे में उन्हें अभी कुछ पता नहीं है.

ये भी पढ़ें-कृषि मंत्री बादल पत्रलेख का बयान, कहा- झारखंड में श्वेत क्रांति लाने के लिए हैं संकल्पित

मुख्यमंत्री श्रमिक योजना की शुरुआत

हेमंत सोरेन सरकार की ओर से इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए क्रिटीकल फंड की व्यवस्था की गई है. जॉब कार्ड के लिए 18 साल से अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति पोर्टल http://msy.jharkhand.gov.in/ पर लॉगिन करके आवेदन कर सकता है. इसके बाद खुद प्रज्ञा केंद्र, निकाय कार्यालय के एनयूएलएम कोषांग, सामुदायिक संसाधन सेवक या सेविका से जॉब कार्ड ले सकते हैं. संबंधित वार्ड के कैंप कार्यालय पर भी जॉब कार्ड के लिए आवेदन दिया जा सकता है. राज्य सरकार ने मजदूरों को लाभ पहुंचाने के लिए महत्वकांक्षी मुख्यमंत्री श्रमिक योजना की शुरुआत तो कर दी, लेकिन सही से इस बारे में लोगों को जानकारी नही मिल पा रही है.

क्या है महत्वाकांक्षी श्रमिक योजना

झारखंड सरकार की यह योजना अपने मूल उद्देश्य में भारत सरकार के मनरेगा कार्यक्रम से पूरी तरह विपरीत है. मनरेगा कार्यक्रम में मुख्य रूप से अकुशल श्रम करने के इच्छुक ग्रामीण वयस्कों को लक्षित किया गया है, वहीं इस योजना में राज्य के शहरी श्रमिकों को लक्षित किया गया है. मनरेगा की तरह इस योजना में भी बेरोजगारी भत्ते का प्रावधान किया गया है. इस कार्य के लिये शहरी स्थानीय निकायों को अलग से फंड प्रदान किया जाएगा. कार्य पूरा होने के सात दिनों के भीतर राशि श्रमिकों के बैंक खाते में जमा कर दी जाएगी. किसी भी स्थिति में कार्य पूरा होने के बाद 15 दिनों के भीतर मजदूरी का भुगतान करना अनिवार्य होगा.

रांची: कोरोना महामारी ने गरीब तबके और मजदूर वर्ग को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है. मजदूरों की परेशानी को देखते हुए राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने महत्वकांक्षी श्रमिक योजना की शुरुआत की है. इसके तहत शहरी क्षेत्र के मजदूरों को 100 दिनों तक रोजगार की गारंटी दी जाएगी. अगर किसी कारण मजदूरों को रोजगार नहीं मिलता है, तो इसके बदले उन्हें बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा.

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योजना की ग्राउंड रिपोर्ट

मुख्यमंत्री की महत्वकांक्षी श्रमिक योजना की जानकारी लोगों तक कितना हद तक पहुंचा है, इसकी जानकारी जब ईटीवी भारत की टीम ने मजदूरों से ली, तो पता चला कि कई अभी ज्यादातर मजदूरों को इस योजना के बारे में मालूम भी नहीं है. बता दें कि राजधानी के मोरहाबादी मैदान के पास रोजाना सैकड़ों मजदूर काम की तलाश में खड़े होते हैं. कई मजदूरों को रोजगार मिलता है तो कई मजदूरों को बिना काम के ही घर जाना पड़ता है. राज्य सरकार ने तो श्रमिकों को लाभ पहुंचाने और रोजगार देने के लिए महत्वकांक्षी श्रमिक योजना की शुरुआत कर दी, लेकिन इसकी जानकारी सही से लोगों को नहीं मिल पा रहा है. मजदूरों ने बताया कि इस बारे में उन्हें अभी कुछ पता नहीं है.

ये भी पढ़ें-कृषि मंत्री बादल पत्रलेख का बयान, कहा- झारखंड में श्वेत क्रांति लाने के लिए हैं संकल्पित

मुख्यमंत्री श्रमिक योजना की शुरुआत

हेमंत सोरेन सरकार की ओर से इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए क्रिटीकल फंड की व्यवस्था की गई है. जॉब कार्ड के लिए 18 साल से अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति पोर्टल http://msy.jharkhand.gov.in/ पर लॉगिन करके आवेदन कर सकता है. इसके बाद खुद प्रज्ञा केंद्र, निकाय कार्यालय के एनयूएलएम कोषांग, सामुदायिक संसाधन सेवक या सेविका से जॉब कार्ड ले सकते हैं. संबंधित वार्ड के कैंप कार्यालय पर भी जॉब कार्ड के लिए आवेदन दिया जा सकता है. राज्य सरकार ने मजदूरों को लाभ पहुंचाने के लिए महत्वकांक्षी मुख्यमंत्री श्रमिक योजना की शुरुआत तो कर दी, लेकिन सही से इस बारे में लोगों को जानकारी नही मिल पा रही है.

क्या है महत्वाकांक्षी श्रमिक योजना

झारखंड सरकार की यह योजना अपने मूल उद्देश्य में भारत सरकार के मनरेगा कार्यक्रम से पूरी तरह विपरीत है. मनरेगा कार्यक्रम में मुख्य रूप से अकुशल श्रम करने के इच्छुक ग्रामीण वयस्कों को लक्षित किया गया है, वहीं इस योजना में राज्य के शहरी श्रमिकों को लक्षित किया गया है. मनरेगा की तरह इस योजना में भी बेरोजगारी भत्ते का प्रावधान किया गया है. इस कार्य के लिये शहरी स्थानीय निकायों को अलग से फंड प्रदान किया जाएगा. कार्य पूरा होने के सात दिनों के भीतर राशि श्रमिकों के बैंक खाते में जमा कर दी जाएगी. किसी भी स्थिति में कार्य पूरा होने के बाद 15 दिनों के भीतर मजदूरी का भुगतान करना अनिवार्य होगा.

Last Updated : Aug 18, 2020, 7:53 PM IST
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