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कृषि कानून के विरोध के नाम पर कांग्रेस कर रही राजनीति, किसानों के हित में है कानून: संजय सेठ

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Published : Dec 7, 2020, 9:11 PM IST

कृषि कानून के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है. 8 दिसंबर को किसानों के भारत बंद का समर्थन झारखंड सरकार ने भी किया है. इसे लेकर बीजेपी सांसद संजय सेठ ने हेमंत सरकार पर निशाना साधा.

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कांग्रेस कर रही राजनीति

रांची: बीजेपी सांसद संजय सेठ ने कहा है कि कृषि कानून के विरोध के नाम पर कांग्रेस देश को अराजकता की ओर धकेलने का काम कर रही है, देश को अशांत करने की गहरी साजिश हो रही है और पूरा विपक्ष इस मामले में भ्रम फैला रहा है. उन्होंने कहा कि कृषि कानून पूरी तरह से किसानों के हित में है, यह बात देशभर के किसानों को पता है, किसानों की चिंता स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं.

संजय सेठ ने कहा कि किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें स्वावलंबी बनाने के लिए सरकार 6000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दे रही है, इसके अलावा कई योजनाएं केंद्र सरकार ने किसानों के हित में लाई है, बावजूद इसके कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल बार-बार किसानों को जमीन छिन जाने का भय दिखा रहे है, जबकि सच्चाई यह है कि किसान अब अपनी उपज के मालिक स्वयं हैं, उन्हें किसी दलाल या आढ़तियों के भरोसे नहीं रहना होगा. अपनी उपज को वह अपने मन मुताबिक दाम पर बेचने के लिए स्वतंत्र हैं, जिस एग्रीमेंट खेती को लेकर किसानों को डराया जा रहा है, वह एग्रीमेंट खेती पूरी तरह से किसानों के हित में है, किसान अपने मन मुताबिक अपना सब कुछ तय कर सकते हैं.

किसानों को उकसा रहे मुख्यमंत्रीः बीजेपी सांसद
बीजेपी सांसद ने कहा कि खरीदारों के पक्ष में इस कानून में कोई प्रावधान है ही नहीं, तो फिर आखिर यह कानून कैसे किसानों के विरोध में हो सकता है, देशभर के किसान इस बात को बखूबी समझ रहे हैं, किसान देश का अन्नदाता है, उसे देश की चिंता है, वह अन्न को भी समझता है और देश के मन को भी समझता है. इसलिए कांग्रेस उन्हें उकसाने का काम कर रही है, ताकि देश में अराजक की स्थिति उत्पन्न हो. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियां जो विभिन्न राज्यों में शासन कर रहीं हैं, उन्हें बताना चाहिए कि किसानों के हित में उन्होंने क्या-क्या कदम उठाए, राजनीति सिर्फ विरोध के लिए नहीं हो, राजनीति सकारात्मक होनी चाहिए. झारखंड के संदर्भ में उन्होंने कहा कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस बंद का समर्थन कर रहे हैं, कृषि कानून का विरोध कर रहे हैं, एक संवैधानिक पद पर बैठे हुए व्यक्ति का ऐसा करना निश्चित रूप से जनता को उकसाने के जैसा है, राज्य के मुख्यमंत्री को राज्य हित की बात करनी चाहिए.

इसे भी पढे़ं: झारखंड में दिखेगा भारत बंद का असर, कांग्रेस ने किसान आंदोलन का किया समर्थन


संजय सेठ ने कहा कि हेमंत सोरेन की सरकार बने 1 साल हो गए, उन्हें बताना चाहिए कि किसानों के लिए उन्होंने क्या-क्या कदम उठाए, पूर्व की रघुवर दास सरकार ने किसानों के लिए मुख्यमंत्री आशीर्वाद योजना शुरू की, जिसके तहत किसानों को प्रति एकड़ 5000 रुपये की राशि दी जाती थी. किसानों को अन्य कई तरह की सुविधाएं दी गईं, वर्तमान की हेमंत सरकार ने उन योजनाओं को बंद कर दिया, लेकिन नया कुछ नहीं किया. विरोध करने की बजाय इन सब को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए, उन्होंने राज्य की जनता के लिए क्या किया, राज्य के किसानों के लिए क्या किया, आज राज्य और देश का हर किसान इन झूठी राजनीति करने वालों से यह सवाल पूछता है और इसका जवाब उन्हें देना ही होगा.

रांची: बीजेपी सांसद संजय सेठ ने कहा है कि कृषि कानून के विरोध के नाम पर कांग्रेस देश को अराजकता की ओर धकेलने का काम कर रही है, देश को अशांत करने की गहरी साजिश हो रही है और पूरा विपक्ष इस मामले में भ्रम फैला रहा है. उन्होंने कहा कि कृषि कानून पूरी तरह से किसानों के हित में है, यह बात देशभर के किसानों को पता है, किसानों की चिंता स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं.

संजय सेठ ने कहा कि किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें स्वावलंबी बनाने के लिए सरकार 6000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दे रही है, इसके अलावा कई योजनाएं केंद्र सरकार ने किसानों के हित में लाई है, बावजूद इसके कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल बार-बार किसानों को जमीन छिन जाने का भय दिखा रहे है, जबकि सच्चाई यह है कि किसान अब अपनी उपज के मालिक स्वयं हैं, उन्हें किसी दलाल या आढ़तियों के भरोसे नहीं रहना होगा. अपनी उपज को वह अपने मन मुताबिक दाम पर बेचने के लिए स्वतंत्र हैं, जिस एग्रीमेंट खेती को लेकर किसानों को डराया जा रहा है, वह एग्रीमेंट खेती पूरी तरह से किसानों के हित में है, किसान अपने मन मुताबिक अपना सब कुछ तय कर सकते हैं.

किसानों को उकसा रहे मुख्यमंत्रीः बीजेपी सांसद
बीजेपी सांसद ने कहा कि खरीदारों के पक्ष में इस कानून में कोई प्रावधान है ही नहीं, तो फिर आखिर यह कानून कैसे किसानों के विरोध में हो सकता है, देशभर के किसान इस बात को बखूबी समझ रहे हैं, किसान देश का अन्नदाता है, उसे देश की चिंता है, वह अन्न को भी समझता है और देश के मन को भी समझता है. इसलिए कांग्रेस उन्हें उकसाने का काम कर रही है, ताकि देश में अराजक की स्थिति उत्पन्न हो. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियां जो विभिन्न राज्यों में शासन कर रहीं हैं, उन्हें बताना चाहिए कि किसानों के हित में उन्होंने क्या-क्या कदम उठाए, राजनीति सिर्फ विरोध के लिए नहीं हो, राजनीति सकारात्मक होनी चाहिए. झारखंड के संदर्भ में उन्होंने कहा कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस बंद का समर्थन कर रहे हैं, कृषि कानून का विरोध कर रहे हैं, एक संवैधानिक पद पर बैठे हुए व्यक्ति का ऐसा करना निश्चित रूप से जनता को उकसाने के जैसा है, राज्य के मुख्यमंत्री को राज्य हित की बात करनी चाहिए.

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संजय सेठ ने कहा कि हेमंत सोरेन की सरकार बने 1 साल हो गए, उन्हें बताना चाहिए कि किसानों के लिए उन्होंने क्या-क्या कदम उठाए, पूर्व की रघुवर दास सरकार ने किसानों के लिए मुख्यमंत्री आशीर्वाद योजना शुरू की, जिसके तहत किसानों को प्रति एकड़ 5000 रुपये की राशि दी जाती थी. किसानों को अन्य कई तरह की सुविधाएं दी गईं, वर्तमान की हेमंत सरकार ने उन योजनाओं को बंद कर दिया, लेकिन नया कुछ नहीं किया. विरोध करने की बजाय इन सब को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए, उन्होंने राज्य की जनता के लिए क्या किया, राज्य के किसानों के लिए क्या किया, आज राज्य और देश का हर किसान इन झूठी राजनीति करने वालों से यह सवाल पूछता है और इसका जवाब उन्हें देना ही होगा.

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