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सांसद दीपक प्रकाश ने झारखंड में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को लेकर राज्यसभा में उठाया सवाल - Jharkhand road plan

गुरुवार को राज्यसभा की कार्यवाही में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को लेकर चर्चा हुई. इस दौरान भाजपा सांसद दीपक प्रकाश ने झारखंड में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की स्थिति को लेकर राज्यसभा में सवाल उठाया. जिसको लेकर केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने सदन में जवाब दिया.

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सांसद दीपक प्रकाश
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Published : Mar 31, 2022, 10:19 PM IST

रांचीः झारखंड में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की वस्तुस्थिति पर राज्यसभा में चर्चा हुई है. सदन में भाजपा सांसद दीपक प्रकाश द्वारा उठाए गए सवाल पर केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने सदन को बताया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के चरण एक, दो और तीन के तहत कुल 7513 सडक निर्माण कि स्वीकृति दी गयी है, जिनमें 7216 सड़क ही निर्माण हो सका है. जिसके तहत 28180 किलोमीटर सडक का निर्माण कराया जाना है जबकि 26194 किलोमीटर सडक का निर्माण हुआ है. वहीं 505 पुल निर्माण किया जाना था जिसमें मात्र 439 पुल का निर्माण ही हो सका है.

इसे भी पढ़ें- झारखंड की भोगता जाति को मिला एसटी का दर्जा, राज्यसभा में संशोधन विधेयक पारित

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद दीपक प्रकाश ने राज्यसभा में सवाल उठाते हुए पूछा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के पहले, दूसरे और तीसरे चरण में झारखंड में स्वीकृत और निर्मित सड़कों की कुल लंबाई कितनी है और कितने प्रस्ताव लंबित है. इसके अलावा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत निर्मित सड़कों का उचित रखरखाव सुनिश्चित करने के लिए क्या-क्या उपाय किए गए हैं?


ये है वास्तविक स्थितिः राज्यसभा में उठे सवाल का उत्तर देते हुए ग्रामीण विकास राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने सदन को बताया कि झारखंड राज्य को पीएमजीएसवाई 1 और 2 के अंतर्गत सभी लक्ष्य स्वीकृत किया जा चुका है. पीएमजीएसवाई 1 और 2 को पूरा करने के लिए समय सीमा सितंबर-2022 है. उन्होंने कहा कि पीएमजीएसवाई 3 के अंतर्गत, झारखंड राज्य को 4125 किमी सड़क लंबाई आवंटित की गयी है, जिसमें से 979 किमी लबाई राज्य को स्वीकृत कर दी गयी है.

पीएमजीएसवाई-3 के अंतर्गत झारखंड राज्य का कोई प्रस्ताव मंत्रालय में इस समय स्वीकृति के लिए लंबित नहीं है. पीएमजीएसवाई 3 के तहत स्वीकृत कार्यों को पूरा करने के लिए समयसीमा मार्च-2025 है. उन्होंने कहा कि पीएमजीएसवाई दिशा निर्देशों के अनुसार इस कार्यक्रम के तहत निर्मित सड़कों का रखरखाव राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है और मानक बोली दस्तावेज के अनुसार सभी सड़क कार्यों का शुरुआती पंचवर्षीय रखरखाव भी उसी ठेकेदार के साथ की जाने वाली निर्माण की संविदा में शामिल होता है.

इसे भी पढ़ें- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में मानकों की अनदेखी, सालभर पहले बनी सड़क बारिश में बही

उन्होंने बताया कि इस अनुबंध को पूरा करने के लिए रखरखाव निधि का बजटीय प्रावधान राज्य सरकारों द्वारा किया जाना अपेक्षित होता है. एक अलग रखरखाव खाते में राज्य ग्रामीण सड़क विकास एजेंसियों पीएमजीएसवाई सड़कों को समय-समय पर रखरखाव चक्र के अनुसार नवीनीकरण सहित 5 साल के रखरखाव के क्षेत्रीय रखरखाव ठेकों के तहत रखा जाना होता है. जिसे राज्य सरकारों द्वारा भी वित्तपोषित किया जाता है. राज्य सरकारों से अपेक्षा की जाती है कि वो आवश्यक बजट प्रावधान करें और ऐसे क्षेत्रीय रखरखाव संविदाओं के लिए एसआरआरडीए में निधियां रखें.


राज्य सरकार सड़क निर्माण में फेल- दीपक प्रकाशः सांसद दीपक प्रकाश ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की धीमी रफ्तार पर निशाना साधते हुए कहा है कि हेमंत सरकार काम करना छोड़ दोषारोपण करने में ज्यादा आगे है. उन्होंने कहा कि इस सरकार में काम करने की क्षमता नहीं है, सरकार नेतृत्वविहीन है इससे प्रदेश का भला नहीं होना है. उन्होंने कहा कि मार्च समाप्त हो रहा है और महज 6 महीने में दो फेज का निर्माण कार्य पूरा करना है. लेकिन जो स्थिति है उससे लगता नहीं कि सरकार इसमें कामयाब होगी.

रांचीः झारखंड में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की वस्तुस्थिति पर राज्यसभा में चर्चा हुई है. सदन में भाजपा सांसद दीपक प्रकाश द्वारा उठाए गए सवाल पर केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने सदन को बताया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के चरण एक, दो और तीन के तहत कुल 7513 सडक निर्माण कि स्वीकृति दी गयी है, जिनमें 7216 सड़क ही निर्माण हो सका है. जिसके तहत 28180 किलोमीटर सडक का निर्माण कराया जाना है जबकि 26194 किलोमीटर सडक का निर्माण हुआ है. वहीं 505 पुल निर्माण किया जाना था जिसमें मात्र 439 पुल का निर्माण ही हो सका है.

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भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद दीपक प्रकाश ने राज्यसभा में सवाल उठाते हुए पूछा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के पहले, दूसरे और तीसरे चरण में झारखंड में स्वीकृत और निर्मित सड़कों की कुल लंबाई कितनी है और कितने प्रस्ताव लंबित है. इसके अलावा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत निर्मित सड़कों का उचित रखरखाव सुनिश्चित करने के लिए क्या-क्या उपाय किए गए हैं?


ये है वास्तविक स्थितिः राज्यसभा में उठे सवाल का उत्तर देते हुए ग्रामीण विकास राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने सदन को बताया कि झारखंड राज्य को पीएमजीएसवाई 1 और 2 के अंतर्गत सभी लक्ष्य स्वीकृत किया जा चुका है. पीएमजीएसवाई 1 और 2 को पूरा करने के लिए समय सीमा सितंबर-2022 है. उन्होंने कहा कि पीएमजीएसवाई 3 के अंतर्गत, झारखंड राज्य को 4125 किमी सड़क लंबाई आवंटित की गयी है, जिसमें से 979 किमी लबाई राज्य को स्वीकृत कर दी गयी है.

पीएमजीएसवाई-3 के अंतर्गत झारखंड राज्य का कोई प्रस्ताव मंत्रालय में इस समय स्वीकृति के लिए लंबित नहीं है. पीएमजीएसवाई 3 के तहत स्वीकृत कार्यों को पूरा करने के लिए समयसीमा मार्च-2025 है. उन्होंने कहा कि पीएमजीएसवाई दिशा निर्देशों के अनुसार इस कार्यक्रम के तहत निर्मित सड़कों का रखरखाव राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है और मानक बोली दस्तावेज के अनुसार सभी सड़क कार्यों का शुरुआती पंचवर्षीय रखरखाव भी उसी ठेकेदार के साथ की जाने वाली निर्माण की संविदा में शामिल होता है.

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उन्होंने बताया कि इस अनुबंध को पूरा करने के लिए रखरखाव निधि का बजटीय प्रावधान राज्य सरकारों द्वारा किया जाना अपेक्षित होता है. एक अलग रखरखाव खाते में राज्य ग्रामीण सड़क विकास एजेंसियों पीएमजीएसवाई सड़कों को समय-समय पर रखरखाव चक्र के अनुसार नवीनीकरण सहित 5 साल के रखरखाव के क्षेत्रीय रखरखाव ठेकों के तहत रखा जाना होता है. जिसे राज्य सरकारों द्वारा भी वित्तपोषित किया जाता है. राज्य सरकारों से अपेक्षा की जाती है कि वो आवश्यक बजट प्रावधान करें और ऐसे क्षेत्रीय रखरखाव संविदाओं के लिए एसआरआरडीए में निधियां रखें.


राज्य सरकार सड़क निर्माण में फेल- दीपक प्रकाशः सांसद दीपक प्रकाश ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की धीमी रफ्तार पर निशाना साधते हुए कहा है कि हेमंत सरकार काम करना छोड़ दोषारोपण करने में ज्यादा आगे है. उन्होंने कहा कि इस सरकार में काम करने की क्षमता नहीं है, सरकार नेतृत्वविहीन है इससे प्रदेश का भला नहीं होना है. उन्होंने कहा कि मार्च समाप्त हो रहा है और महज 6 महीने में दो फेज का निर्माण कार्य पूरा करना है. लेकिन जो स्थिति है उससे लगता नहीं कि सरकार इसमें कामयाब होगी.

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