नई दिल्लीः आदिवासी छात्र-छात्राओं को अब डिजिटल माध्यम से पढ़ाया जाएगा. इसको लेकर केंद्रीय आदिवासी कल्याण मंत्रालय (MoTA ) और माइक्रोसॉफ्ट के बीच करार किया गया है. इस पर केन्द्रीय आदिवासी कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि इसके माध्यम से हमारे छात्र-छात्राओं को डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा. जनजातीय छात्र-छात्राओं को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार होने की जरूरत है. उस दिशा में यह मददगार साबित होगा. इससे आदिवासी समाज के छात्र-छात्राओं को सशक्त बनाने में मदद मिलेगी.
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माइक्रोसॉफ्ट एआई पाठ्यक्रम तैयार करने में करेगी मदद
बता दें कोरोना काल और लॉकडाउन में जनजातीय समाज के छात्र-छात्राओं की शिक्षा में निरंतरता बनाए रखने के मकसद से आदिवासी विद्यार्थियों को डिजिटल माध्यम से पढ़ाने की तैयारी की गई है. इसको लेकर केंद्रीय आदिवासी कल्याण मंत्रालय (MoTA) ने माइक्रोसॉफ्ट के साथ करार किया है. इस कदम से डिजिटल इंडिया के विजन को भी बढ़ावा मिलेगा. इस करार के तहत माइक्रोसॉफ्ट आदिवासी स्कूलों का डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन करने में मदद करेगी. इन स्कूलों में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों और कुछ जिलों के सरकारी स्कूलों को भी शामिल किया जाएगा. माइक्रोसॉफ्ट स्कूलों के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का पाठ्यक्रम तैयार करने में मदद करेगी. कोडिंग और डाटा साइंस भी पढ़ाई जाएगी.
22 राज्यों के 2.5 लाख आदिवासी छात्रों को मिलेगा लाभ
MoTA और माइक्रोसॉफ्ट में हुए करार के तहत करीब 2.50 लाख आदिवासी छात्रों को डिजिटल माध्यम से पढ़ाया जाएगा. इससे आठवीं से 12वीं कक्षा तक के छात्र -छात्राओं को फायदा मिलने की उम्मीद है. यह काम 250 स्कूलों के जरिये किया जाएगा, जो 22 राज्यों के 50 जिलों में चल रहे हैं. इसमें एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूल और NGO द्वारा चलाए जा रहे 12 स्कूल शामिल हैं. इसमें केंद्रीय आदिवासी कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला सरकारी स्कूल भी शामिल रहेंगे.
5000 शिक्षकों की होगी नियुक्ति
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि इसके लिए 5000 शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी. विद्यार्थियों के साथ-साथ शिक्षकों को भी ट्रेनिंग दी जाएगी. माइक्रोसॉफ्ट छात्रों के साथ सास शिक्षकों को भी तकनीक में शिक्षित करेगा. गौर करने वाली बात है कि 500 मास्टर ट्रेनर कम्यूनिटी लर्निंग का माहौल तैयार करने के लिए एक लाख शिक्षकों को ट्रेनिंग देंगे.