रांचीः अवैध शराब कारोबारियों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई लगातार जारी है, आईजी अभियान अमोल वी होमकर की अगुवाई में राज्य भर में शराब माफिया के खिलाफ जोरदार कारवाई जारी है. इसी क्रम में रांची से वांटेड शराब माफिया गणेश गोराई को धर दबोचा गया है(Most wanted liquor mafia Ganesh Gorai arrested ). गणेश की गिरफ्तारी को लेकर चार थानों की टीम कई महीनों से प्रयास कर रही थी.
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स्पेशल टीम ने किया गिरफ्तारः मिली जानकारी के अनुसार पश्चिम बंगाल के रहने वाले कुख्यात शराब माफिया पुरुलिया में रह कर ही अवैध शराब का कारोबार कर रहा था. झारखंड की राजधानी रांची सहित राज्य के कई दूसरे जिलों के थानों में भी गोराई के खिलाफ अवैध शराब तस्करी से जुड़े कई मामले दर्ज हैं. वह उत्पाद विभाग के वांटेड सूची में भी लगातार शामिल रहा है. पुलिस को चकमा देने में गणेश लगातार सफल हो रहा था, इसी बीच रांची के सीनियर एसपी को जानकारी मिली कि वह मुरी इलाके में आया हुआ है. सूचना मिलने पर एसएसपी की क्यूआर्टी, मुरी थाना, पुंदाग ओपी और नगड़ी पुलिस उसकी तलाश में जुट गई. पुलिस की घेराबंदी की सूचना पर गोराई पश्चिम बंगाल भरने की तैयारी कर रहा था, लेकिन उससे पहले ही स्पेशल टीम ने उसे धर दबोचा.
पूछताछ जारीः गणेश गोराई की गिरफ्तारी बुधवार तड़के तीन बजे की गई है. गिरफ्तारी के बाद पुलिस की टीम उससे लगातार पूछताछ कर रही है. उत्पाद विभाग की एक टीम भी गणेश से पूछताछ करने के लिए पहुंची है ताकि उसके दूसरे साथियों तक भी पहुंचा जा सके.
हर तरह की शराब का डी तैयार करता है गणेशः सिंघानिया ब्रदर्स के बाद गणेश दक्षिणी छोटानागपुर क्षेत्र का सबसे बड़ा अवैध शराब कारोबारी है. रांची के ग्रामीण इलाकों में दर्जनों लोग गणेश के लिए अवैध शराब का निर्माण का कार्य करते हैं. गणेश का प्रमुख काम सस्ते शराब खरीदकर उसे ब्रांडेड शराब की बोतल में भरकर झारखंड और बिहार में सप्लाई करना है. जानकारी के अनुसार झारखंड से लेकर पश्चिम बंगाल तक उसके एक दर्जन से ज्यादा बोटलिंग के अवैध प्लांट हैं.
एक सप्ताह में दो करोड़ से ज्यादा के शराब जब्तः पिछले एक सप्ताह में झारखंड पुलिस के द्वारा उत्पाद विभाग के सौजन्य से चलाए गए अभियान में दो करोड़ से ज्यादा के अवैध शराब जब्त किए गए हैं. वहीं 24 से ज्यादा तस्करों को सलाखों के पीछे पहुचा दिया गया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश के बाद पुलिस मुख्यालय ने आईजी अभियान अमोल वी होमकर को अवैध शराब के तस्करों के खिलाफ कार्रवाई के लिए नोडल अफसर बनाया है.
सभी जिलों में हो रही कार्रवाईः गौरतलब है कि बिहार में शराब बंदी के बाद से ही झारखंड से इसकी तस्करी बढ़ गई थी. शराब माफियाओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. तस्करी के लिए हर दिन दस नए तरीके का इस्तेमाल शराब माफिया कर रहे हैं, ताकि उत्पाद और पुलिस अफसरों के आंख में धूल झोंकी जा सके. तस्करी के मामलों में हो रही वृद्धि के बाद सरकार के स्तर से पुलिस मुख्यालय को टास्क दिया गया है कि वे उत्पाद विभाग के साथ मिलकर अवैध शराब के कारोबार पर नकेल कसे. आईजी के आदेश के बाद राजधानी के साथ-साथ सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक अवैध शराब के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं. रांची एसएसपी किशोर कौशल के अनुसार मुख्यालय के आदेश के बाद अवैध शराब के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है.