रांची: हर पुलिसवाले का सपना होता है की वह जिस पद पर बहाल हुआ उससे ऊपर के पद पर पहुंच कर सेवानिवृत हो लेकिन झारखंड पुलिस में प्रमोशन के इंतजार में शामिल अफसर भी अब रिटायर हो रहे हैं. झारखंड पुलिस में 36 इंस्पेक्टर प्रमोशन पाकर डीएसपी बनने वाले थे लेकिन इनमें से लगभग आधा दर्जन से अधिक डीएसपी बनने से पहले ही रिटायर हो गए.
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प्रोन्नति पर रोक का आदेश
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पिछले साल दिसंबर महीने में अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति के प्रोन्नति के मामले से संबंधित विधानसभा की विशेष समिति की बैठक में इसकी समीक्षा के बाद सरकारी सेवाओं और पदों में प्रोन्नति पर रोक लगाने का आदेश दिया था.
मामले में एक जांच कमेटी बनाकर जांच रिपोर्ट विधानसभा में पेश करने का आदेश दिया गया था. लंबे समय से लगे रोक के कारण झारखंड पुलिस के डीएसपी रैंक में प्रमोशन के योग्य पाए गए 36 अधिकारियों में आधा दर्जन से अधिक मई महीने तक रिटायर हो चुके हैं. वहीं जून में भी दो- तीन अधिकारियों का रिटायरमेंट होना है.
सरकार के फैसले से पुलिस एसोसिएशन नाराज
झारखंड पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेंद्र सिंह के मुताबिक 36 डीएसपी के प्रोन्नति वाले पदों के लिए इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारियों की फिट लिस्ट तैयार हुई थी लेकिन ससमय प्रोन्नति नहीं मिलने के कारण आधा दर्जन अधिकारी रिटायर हो गए जबकि अगर सरकार की तरफ से कोई फैसला समय पर नहीं आता है तो आगे भी कई अधिकारी सेवानिवृत हो जाएंगे. पुलिस एसोसिएशन के अनुसार सरकार की इस लापरवाही भरी नीति की वजह से पुलिसकर्मियों में खासा आक्रोश है.
एसोसिएशन की मांग जल्द सरकार ले निर्णय
झारखंड पुलिस एसोसिएशन के महामंत्री अक्षय राम के अनुसार जिस समय सरकार ने प्रोन्नति पर रोक लगाने का आदेश पिछले साल ही दिया था. इस मामले में जांच रिपोर्ट भी बनकर तैयार है. ऐसे में अब सरकार को चाहिए कि प्रोन्नति पर लगे रोक को वापस लिया जाय, ताकि रिटायरमेंट से पहले पुलिसकर्मियों को प्रमोशन मिल सके.
निराश हैं पुलिस अधिकारी
सरकार की नीति के चलते डीएसपी स्तर के अधिकारियों को सीनियर डीएसपी, एएसपी या एसपी रैंक में प्रोन्नति नहीं मिल पा रही है जबकि प्रोन्नति से भरे जाने वाले आईपीएस अधिकारियों के भी राज्य में 22 पद खाली हैं. झारखंड पुलिस एसोसिएशन पूरे मामले को लेकर लगातार आवाज उठा रहा है. देखना है कि सरकार इस पर कब अमल करती है.