रांची: मुख्यमंत्री के निर्देश पर शिक्षा विभाग और झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) ने दसवीं और बारहवीं कक्षा के परीक्षार्थियों को प्रोन्नत करने का निर्णय ले लिया है. दोनों परीक्षाएं रद्द करते हुए आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर परीक्षाफल प्रकाशित करने की तैयारी है. इस संबंध में शिक्षाविदों ने भी शिक्षा विभाग और जैक को सुझाव दिया है.
क्या कहते हैं शिक्षाविद
शिक्षाविदों का कहना है कि शिक्षा विभाग और झारखंड एकेडमिक काउंसिल (Jharkhand Academic Council) की ओर से एक बेहतर मापदंड तैयार कर रिजल्ट का प्रकाशन होना चाहिए, जिससे विद्यार्थियों को कोई परेशानी ना हो. उच्च शिक्षा के लिए विद्यार्थी विभिन्न विश्वविद्यालयों के साथ-साथ राज्य और देश के बाहर भी जाना चाहते हैं. जब वो किसी विश्वविद्यालय में नामांकन लेंगे तब उनका प्रमाण पत्र पूरी तरह से वैलिड हो. इस दिशा में विशेष तौर पर विचार की जरूरत है.
इस आधार पर आएगा परिणाम
शिक्षा विभाग की ओर से 10वीं का रिजल्ट 9वीं के अंक और मूल्यांकन के आधार पर तैयार होगा. वहीं 12वीं का रिजल्ट 11वीं के अंक और आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर जारी किए जाने को लेकर लगातार विचार-विमर्श किया जा रहा है. विभागीय स्तर पर अन्य राज्य बोर्ड की ओर से तैयार किए जा रहे रिजल्ट का भी आकलन किया जा रहा है, जिससे जल्द ही परिणाम सामने आएंगे.
सात लाख से अधिक परीक्षार्थी परिणाम के इंतजार में
मैट्रिक और इंटरमीडिएट को मिलाकर प्रदेश के लगभग 7 लाख परीक्षार्थी परिणाम के इंतजार में हैं. इन परीक्षार्थियों को इस बात की भी चिंता सता रही है कि उनका परिणाम कैसे आएगा और किस आधार पर मार्किंग देकर उन्हें पास किया जाएगा. हालांकि शिक्षाविदों की ओर से दिए गए सुझाव के आधार पर अगर रिजल्ट तैयार होता है तो कहीं ना कहीं विद्यार्थियों को फायदा ही मिलेगा.