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झारखंड में 65% महिलाएं एनीमिया से ग्रसित, ग्रामीण भागों में स्थिति अत्यंत दयनीय - झारखंड में एनीमिया के चौकाने वाले आंकड़े

झारखंड में एनीमिया का प्रकोप बदस्तूर जारी है. दूसरे राज्यों के मुकाबले यहां हालात अत्यंत खराब हैं. जानकारी के मुताबिक राज्य की करीब 65% महिलाएं एनीमिया से ग्रसित हैं. हालांकि स्वास्थ्य विभाग समय-समय पर इस संबंध में जागरुकता अभियान चलाता रहता है.

एनीमिया
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Published : Feb 15, 2021, 7:10 PM IST

Updated : Feb 15, 2021, 10:55 PM IST

रांचीः झारखंड के लिए एनीमिया एक अभिशाप की तरह बनता जा रहा है. राज्य में लगभग 50% से ज्यादा महिलाएं एनीमिया से ग्रसित हैं. एनीमिया खास करके महिलाओं के लिए विशेष परेशानी का कारण है अगर पूरे देश की बात करें तो देश के कई राज्यों की महिलाएं एनीमिया से ग्रसित हैं, लेकिन झारखंड में स्थिति सबसे बुरी है.

देखें स्पेशल खबर.

यह भी पढ़ेंः कोविड-19 टीकाकरण में सरायकेला जिला अव्वल, प्रभारी जिला उपायुक्त ने पदाधिकारियों को दी बधाई

जानकारी के अनुसार पूरे राज्य में लगभग 65% महिलाएं एनीमिया से ग्रसित हैं. एनीमिया को लेकर राजधानी की प्रसिद्ध महिला चिकित्सक शब्दिका लाल बताती हैं कि एनीमिया एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर में खून की कमी हो जाती है और इसका मुख्य कारण खानपान है क्योंकि खानपान में आयरन की कमी के वजह से शरीर में उचित मात्रा में खून नहीं बन पाता जिस वजह से महिलाएं एनीमिया से ग्रसित हो जाती हैं.

झारखंड की परिदृश्य में देखें तो झारखंड और इसके आसपास के क्षेत्रों में लोग क्रीमी युक्त बीमारियों से ग्रसित होते हैं जिस वजह से से भी ज्यादा महिलाएं एनीमिया से ग्रसित होती हैं.

झारखंड में ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं खाने के पदार्थों में आयरन युक्त भोजन नहीं ले पाती साथ ही साथ महामारी के समय उनके शरीर से अत्यधिक रक्त का बहाव हो जाता है जिस वजह से ज्यादातर महिलाएं एनीमिया से ग्रसित होती हैं. डॉक्टर शब्दिका लाल बताती है कि अगर शुरुआत के समय से ही लड़कियों को आयरन की दवा दी जाए तो एनीमिया पर हद तक काबू पाया जा सकता है.

यह भी पढ़ेंः पलामूः ट्रैफिकिंग की आरोपी महिला की जेल रवानगी, JSLPS की है सदस्य

राज्य सरकार की तरफ से भी एनीमिया युक्त महिलाओं को दवा मुहैया कराने के लिए कई अभियान चलाए जाते हैं. समय-समय पर जिलास्तर पर सहिया सम्मेलन व किशोरी मंडल एनीमिया मुक्तिकरण कार्यशाला का आयोजन किया जाता है, जिसमें राज्य की सहिया बहनों को महिलाओं को घर-घर जाकर आयरन की दवा लेने के लिए जागरूक किया जाता है.

एनीमिया के मुख्य कारण

  • महामारी में अत्यधिक रक्त बहना
  • आयरन युक्त पौष्टिक आहार न लेना
  • पेट में कृमि होना
  • मलेरिया में हीमोग्लोबिन कम हो जाना
  • टीवी फाइलेरिया के मरीज होने के कारण भी एनीमिया हो सकता है.

लक्षण व हानि

  • थकावट आना
  • किसी काम में मन नहीं लगना
  • शरीर में आलस्य आना
  • गर्ववती होने के बाद होने वाली समस्या
  • हृदयगति रुकना

राज्य के विभिन्न जिले की महिलाएं एनीमिया से ग्रसित हैं जिसमें कोल्हान क्षेत्र एवं संथाल परगना के कई जिले शामिल हैं. एनीमिया उन्मूलन को लेकर राजधानी के सिविल सर्जन डॉ विजय बिहारी प्रसाद बताते हैं कि राजधानी रांची में एनीमिया को लेकर लगातार कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं महिलाओं को आयरन फोलिक एसिड की गोली भी दी जा रही है साथ ही साथ उन्हें एनीमिया से बचने की जानकारी देकर जागरूक भी किया जा रहा है.

एनीमिया के कारण होने वाले मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए डॉक्टरों और स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों को जागरूक किया जा रहा है ताकि राज्य की महिलाओं को एनीमिया से मुक्ति दिलाकर एक स्वस्थ राज्य का निर्माण किया जा सके.

रांचीः झारखंड के लिए एनीमिया एक अभिशाप की तरह बनता जा रहा है. राज्य में लगभग 50% से ज्यादा महिलाएं एनीमिया से ग्रसित हैं. एनीमिया खास करके महिलाओं के लिए विशेष परेशानी का कारण है अगर पूरे देश की बात करें तो देश के कई राज्यों की महिलाएं एनीमिया से ग्रसित हैं, लेकिन झारखंड में स्थिति सबसे बुरी है.

देखें स्पेशल खबर.

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जानकारी के अनुसार पूरे राज्य में लगभग 65% महिलाएं एनीमिया से ग्रसित हैं. एनीमिया को लेकर राजधानी की प्रसिद्ध महिला चिकित्सक शब्दिका लाल बताती हैं कि एनीमिया एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर में खून की कमी हो जाती है और इसका मुख्य कारण खानपान है क्योंकि खानपान में आयरन की कमी के वजह से शरीर में उचित मात्रा में खून नहीं बन पाता जिस वजह से महिलाएं एनीमिया से ग्रसित हो जाती हैं.

झारखंड की परिदृश्य में देखें तो झारखंड और इसके आसपास के क्षेत्रों में लोग क्रीमी युक्त बीमारियों से ग्रसित होते हैं जिस वजह से से भी ज्यादा महिलाएं एनीमिया से ग्रसित होती हैं.

झारखंड में ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं खाने के पदार्थों में आयरन युक्त भोजन नहीं ले पाती साथ ही साथ महामारी के समय उनके शरीर से अत्यधिक रक्त का बहाव हो जाता है जिस वजह से ज्यादातर महिलाएं एनीमिया से ग्रसित होती हैं. डॉक्टर शब्दिका लाल बताती है कि अगर शुरुआत के समय से ही लड़कियों को आयरन की दवा दी जाए तो एनीमिया पर हद तक काबू पाया जा सकता है.

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राज्य सरकार की तरफ से भी एनीमिया युक्त महिलाओं को दवा मुहैया कराने के लिए कई अभियान चलाए जाते हैं. समय-समय पर जिलास्तर पर सहिया सम्मेलन व किशोरी मंडल एनीमिया मुक्तिकरण कार्यशाला का आयोजन किया जाता है, जिसमें राज्य की सहिया बहनों को महिलाओं को घर-घर जाकर आयरन की दवा लेने के लिए जागरूक किया जाता है.

एनीमिया के मुख्य कारण

  • महामारी में अत्यधिक रक्त बहना
  • आयरन युक्त पौष्टिक आहार न लेना
  • पेट में कृमि होना
  • मलेरिया में हीमोग्लोबिन कम हो जाना
  • टीवी फाइलेरिया के मरीज होने के कारण भी एनीमिया हो सकता है.

लक्षण व हानि

  • थकावट आना
  • किसी काम में मन नहीं लगना
  • शरीर में आलस्य आना
  • गर्ववती होने के बाद होने वाली समस्या
  • हृदयगति रुकना

राज्य के विभिन्न जिले की महिलाएं एनीमिया से ग्रसित हैं जिसमें कोल्हान क्षेत्र एवं संथाल परगना के कई जिले शामिल हैं. एनीमिया उन्मूलन को लेकर राजधानी के सिविल सर्जन डॉ विजय बिहारी प्रसाद बताते हैं कि राजधानी रांची में एनीमिया को लेकर लगातार कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं महिलाओं को आयरन फोलिक एसिड की गोली भी दी जा रही है साथ ही साथ उन्हें एनीमिया से बचने की जानकारी देकर जागरूक भी किया जा रहा है.

एनीमिया के कारण होने वाले मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए डॉक्टरों और स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों को जागरूक किया जा रहा है ताकि राज्य की महिलाओं को एनीमिया से मुक्ति दिलाकर एक स्वस्थ राज्य का निर्माण किया जा सके.

Last Updated : Feb 15, 2021, 10:55 PM IST
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