रांची: देशभर में कोरोना तेजी से अपना पांव पसार रहा है. ऐसे में किसी भी आपात स्थिति ने निपटने के लिए झारखंड कितना तैयार है इसे परखने के लिए सोमवार को फिर एक बार झारखंड के सभी सरकारी अस्पतालों में मॉकड्रिल की गई. रांची के सदर अस्पताल में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अरुण कुमार सिंह की उपस्थिति में मॉकड्रिल की गई. अस्पताल प्रबंधन को कोरोना मरीज की तबीयत बिगड़ने की जानकारी मिलते ही क्विक रिस्पॉन्स टीम एक्टिव हो गई और कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए एंबुलेंस से कोरोना मरीज को सदर अस्पताल लाया गया. वहीं रांची के सदर अस्पताल के अलावा राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में भी कोरोना मॉकड्रिल आयोजित की गई. रांची के सदर अस्पताल के साथ रिम्स में भी मॉकड्रिल की गई.
अरगोड़ा इलाके से एक कॉल आने पर एक्टिव हुई क्विक रिस्पॉन्स टीम: सदर अस्पताल में सोमवार को जो मॉकड्रिल की गई उसमें यह दिखाया गया कि कैसे अरगोड़ा इलाके के इस परम नाम के एक युवक को कोरोना जैसे लक्षण और सांस फूलने की जानकारी सदर अस्पताल को मिलती है और उसके बाद क्विक रिस्पॉन्स टीम एक्टिव होती है. मरीज को सदर अस्पताल में लाया जाता है और तत्काल उसका इलाज शुरू कर दिया जाता है.
झारखंड में सबसे अधिक कोरोना संक्रमित रांची मेंः बताते चलें कि झारखंड में सबसे अधिक रांची में कोरोना संक्रमित 21 मरीज हैं. जबकि राज्य में कोरोना के एक्टिव केस 63 हैं. ऐसे में किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए झारखंड अपने स्वास्थ्य संसाधनों का आकलन मॉकड्रिल के माध्यम से कर रहा है.
केंद्र से 50 हजार वैक्सीन की मांग: कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन एक कवच का काम करता है, लेकिन झारखंड में अभी वैक्सीन उपलब्ध नहीं है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने मॉकड्रिल के बाद कहा कि हम कोरोना के संभावित खतरे से लड़ने की अपनी तैयारियों की जांच कर रहे हैं. अभी राज्य में घबराने वाली स्थिति नहीं है, लेकिन सभी को सावधान जरूर रहना है. उन्होंने कहा कि राज्य में अभी वैक्सीन उपलब्ध नहीं है, लेकिन उम्मीद है कि केंद्र की सरकार जल्द ही राज्य को 50 हजार वैक्सीन उपलब्ध कराएगी.
साहिबगंज में भी कोरोना से निपटने की तैयारी का किया गया आकलनः साहिबगंज के सदर अस्पताल के अलावा जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और सीएचसी में सोमवार को कोरोना से निपटने की तैयारियों को परखने के लिए मॉकड्रिल की गई. सदर अस्पताल के कार्यक्रम में डीसी रामनिवास यादव और सिविल सर्जन रामदेव पासवान सहित अन्य डाक्टर शामिल हुए. इस दौरान सदर अस्पताल में जो मॉकड्रिल की गई उसमें यह दिखाया गया कि कैसे सदर प्रखंड निवासी विष्णु कुमार साह कोविड पॉजिटिव निकला और सूचना मिलते ही कैसे उसे अस्पताल लाकर सफलता पूर्वक इलाज किया गया.
हजारीबाग के शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में परखी गई तैयारीः हजारीबाग के शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोरोना के संभावित खतरे से निपटने के लिए मॉकड्रिल का आयोजन किया गया. इस दौरान स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी ने अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड, ऑक्सीजन बेड, आईसीयू बेड, वेंटिलेटर युक्त बेड का निरक्षण किया. साथ ही एम्बुलेंस से कोरोना पॉजिटिव मरीज को आईसूयी बेड तक पहुंचाने की पूरी प्रक्रिया का अभ्यास पीपीई किट पहन कर स्वास्थ्य कर्मियों ने किया.वहीं सदर अस्पताल में भी मॉकड्रिल का आयोजन किया गया.
गिरीडीह के बेंगाबाद सीएचसी में स्वास्थ्य कर्मियों ने किया अभ्यासः बेंगाबाद सामुदायिक अस्पताल में सोमवार को अचानक दिन में सायरन बजाते हुए एंबुलेंस पहुंची. जहां पहले से पीपीई किट पहने तैयार स्वास्थ्य कर्मी एंबुलेंस की ओर दौड़ पड़े और एंबुलेंस से एक मरीज को उतार कर अस्पताल के अंदर ले गए. इस दौरान थोड़ी देर के लिए अस्पताल में अफरातफरी मच गई. लोग हैरान व परेशान हो गए कि ये क्या हो रहा है. जब लोगों को मॉकड्रिल के बारे में पता चला तब जाकर लोगों ने राहत की सांस ली.
बोकारो के सदर अस्पताल और चास सीएचसी में भी हुई मॉकड्रिलः कोविड 19 के संभावित खतरे को लेकर अपनी तैयारियों का आकलने करने के लिए सोमवार को बोकारो के सदर अस्पताल और चास सीएचसी में मॉकड्रिल की गई. सदर अस्पताल में मॉकड्रिल का आयोजन डीडीसी कीर्ति श्रीजी और एसडीओ सह नोडल पदाधिकारी दिलीप प्रताप सिंह शेखावत की देखरेख में हुआ. मॉकड्रिल के तहत सदर अस्पताल परिसर में एंबुलेंस पहुंचते ही पीपीई किट पहने हुए स्वास्थ्य कर्मियों ने मरीज को स्ट्रेचर पर सुलाकर अस्पताल के अंदर लेकर गए. अस्पताल के भीतर दाखिल होने से पहले मरीज का ब्लड प्रेशर अल्सर की जांच हुई. मौके पर मौजूद चिकित्सक पर दवाई लिखी और इसके बाद भी आईसीयू यूनिट ले गए और उसका उपचार किया.