रांचीः झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी महासंघ (Jharkhand State MNREGA Employees Federation) ने हेमंत सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए फिर से आंदोलन करने की तैयारी शुरू कर दी है. रविवार को झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष जॉन पीटर बागे की अध्यक्षता में ऑनलाइन बैठक की गई. जॉन पीटर बागे ने कहा कि हमें अपनी आवाज को और अधिक बुलंद करना होगा. उन्होंने राम चरित्र मानस का एक दोहा पढ़ते हुए कहा कि बिनय न मानत जलधि जड़ गए तीनि दिन बीति, बोले राम सकोप तब भय बिन होइ न प्रीति.
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संघ का कहना है कि कोरोना महामारी (Corona Pandemic) में कई कर्मियों की मौत हो गई हैं. इन मनरेगा कर्मियों के आश्रितों को 25 लाख मुआवजा देने और कोरोना ड्यूटी में लगाये गए कर्मियों को 50 लाख का जीवन बीमा कराने को लेकर विभागीय मंत्री, मुख्यमंत्री, विभागीय सचिव और मनरेगा आयुक्त को कई बार पत्र लिखा, लेकिन कोई संज्ञान नहीं लिया जा रहा है. अब सरकार के वादाखिलाफी के खिलाफ आंदोलन को तेज किया जाएगा.
आश्वासन मिलने के बाद भी पूरा नहीं किया
बागे ने कहा कि हड़ताल समाप्त हुए 9-10 महीने बीत जाने के बाद भी सरकार की ओर से मिला आश्वासन अब तक पूरा नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि राज्य में शोषण बढ़ गया है और कोने-कोने से आंदोलन की मांग की जा रही है, इसे अब अनदेखा करना आसान नहीं है. इसके साथ ही बैठक में संगठन पुनर्गठित करने को लेकर कार्य योजना तैयार किया गया है. इसके साथ ही प्रखंड और जिला स्तर का चुनाव समय पर कराने के लिए प्रमंडल स्तर पर डेलीगेट बनाया गया है.
संगठन को पुनर्गठित करने को लेकर बना शेड्यूल
- 21 से 30 जून 2021 तक सभी जिला के प्रत्येक प्रखंड में प्रखं कमिटी का पुनर्गठन किया जाएगा
- 1 जुलाई से 11 जुलाई 2021 तक प्रत्येक जिला में जिला कमिटी का पुनर्गठन किया जायेगा
- 25 जुलाई को प्रदेश कमिटी का पुनर्गठन और कमिटी का विस्तार के साथ-साथ आंदोलन की रुपरेखा तैयार की जाएगी