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सरयू राय का सीएम हेमंत के नाम खुला पत्र, कहा- घोटालों पर कार्रवाई का आश्वासन अब तक है अधूरा - विधायक की सीएम को चिट्ठी

भाजपा से अलग होकर तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास को उनके ही गढ़ में मात देकर झारखंड की राजनीति में अलग पहचान लेकर उभरे सरयू राय ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नाम खुला पत्र लिखकर उन्हें घोटालों के बाबत अधूरा पड़े आश्वासन की याद दिलाई है.

Chief Minister Hemant Soren
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Published : Jan 11, 2022, 10:56 PM IST

रांची: निर्दलीय विधायक सरयू राय ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है. उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि राज्य स्थापना दिवस समारोह-2016 के अवसर पर टॉफी-टी-शर्ट की खरीद और सुनिधि चौहान का कार्यक्रम आयोजित करने में तत्कालीन मुख्यमंत्री (रघुवर दास) सचिवालय की संलिप्तता के कारण लाखों रूपये के सरकारी धन का वारा-न्यारा होने के ठोस प्रमाण उपलब्ध कराया था.

इस बारे में विधानसभा पटल पर आपने एसीबी जांच कराने का आश्वासन भी दिया. इसी मामले में झारखंड हाईकोर्ट में दायर एक मुकदमा में सरकार के अधिवक्ता सुनवाई कर रही खंडपीठ को बार बार आश्वस्त कर रहे हैं कि सरकार इस मामले में कार्रवाई करने जा रही है. लेकिन न तो विधानसभा में दिया गया आपका आश्वासन अबतक पूरा हुआ और न ही हाईकोर्ट में कही गई बातों पर सरकार में अमल हुआ.

ये भी पढ़ें- सरयू राय की जीवनी द पीपुल्स लीडर सुर्खियों में, जानिए क्या है इस किताब में खास

निर्दलीय विधायक सरयू राय ने लिखा है कि आपके नेतृत्व में झारखंड सरकार बने दो वर्ष हो गये: इस इस दौरान मैंने भ्रष्टाचार के कई गंभीर मुद्दों से आपको अवगत कराया. मेनहर्ट घोटाला यानी रांची शहर के सिवरेज-ड्रेनेज योजना में हुए भ्रष्टाचार की जांच करने का आदेश आपने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) को दिया. कंबल घोटाला की जांच का आदेश हुआ. मोमेंटम झारखंड के नाम पर हुए सरकारी धन की लूट की जांच कराने की बात आगे बढ़ी. झारनेट 2.0 योजना की बदहाली में पूर्ववर्ती सरकार के मुख्यमंत्री की भ्रष्ट भूमिका के प्रमाण सामने लाया. कौशल विकास एवं नियोजन के फर्जीवाड़ा का भी मैंने पर्दाफाश किया.

मेनहर्ट घोटाला की जांच एसीबी से कराने का आपका आदेश एक साल पहले हुआ. लेकिन यह आदेश एफआईआर कर जांच करने का नहीं हुआ बल्कि प्रारम्भिक जांच करने का हुआ. सरयू राय ने मुख्यमंत्री को बताया है कि जांच पदाधिकारियों के समूह ने इसकी गहन जांच कर कई माह पूर्व जांच प्रतिवेदन सौंप दिया है. जांच में मुख्य अभियुक्त और अन्य दोषी चिन्हित हो गये हैं. दोषियों को उनका पक्ष रखने का मौक़ा भी दे दिया गया है. लेकिन एफआईआर दर्ज कर उनके विरूद्ध दंडात्मक कार्रवाई करने का मामला सरकारी संचिका में धूल फांक रहा है.

सरयू राय ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पूछा है कि पता नहीं क्यों सरकार इस मामले में ढुलमुल रवैया अपना रही है. सरकार की सुस्ती के कारण गंभीर अपराध करने वालों का मनोबल बढ़ा है. इसी तरह टॉफी-टी-शर्ट-सुनिधि चौहान वाले मामले में हुए फर्जीवाड़ा एवं सरकारी धन की लूट का भी पुख्ता प्रमाण मैंने आपकी सरकार को और विधान सभा को दे दिया है. मुकदमा दायर कर दोषियों पर सीधी कार्रवाई करने के लिये पर्याप्त साक्ष्य होने के बावजूद दोषियों पर आखिर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है ?

सरयू राय ने मुख्यमंत्री से भ्रष्टाचार के इन ज्वलंत मामलों पर अविलंब कार्रवाई करने का अनुरोध किया है. उन्होंने अपने पत्र में यह भी लिखा है कि ऐसी नौबत न आये कि जो कार्रवाई सरकार को करनी चाहिये उसके लिये हमें न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिये मजबूर होना पड़े.

रांची: निर्दलीय विधायक सरयू राय ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है. उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि राज्य स्थापना दिवस समारोह-2016 के अवसर पर टॉफी-टी-शर्ट की खरीद और सुनिधि चौहान का कार्यक्रम आयोजित करने में तत्कालीन मुख्यमंत्री (रघुवर दास) सचिवालय की संलिप्तता के कारण लाखों रूपये के सरकारी धन का वारा-न्यारा होने के ठोस प्रमाण उपलब्ध कराया था.

इस बारे में विधानसभा पटल पर आपने एसीबी जांच कराने का आश्वासन भी दिया. इसी मामले में झारखंड हाईकोर्ट में दायर एक मुकदमा में सरकार के अधिवक्ता सुनवाई कर रही खंडपीठ को बार बार आश्वस्त कर रहे हैं कि सरकार इस मामले में कार्रवाई करने जा रही है. लेकिन न तो विधानसभा में दिया गया आपका आश्वासन अबतक पूरा हुआ और न ही हाईकोर्ट में कही गई बातों पर सरकार में अमल हुआ.

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निर्दलीय विधायक सरयू राय ने लिखा है कि आपके नेतृत्व में झारखंड सरकार बने दो वर्ष हो गये: इस इस दौरान मैंने भ्रष्टाचार के कई गंभीर मुद्दों से आपको अवगत कराया. मेनहर्ट घोटाला यानी रांची शहर के सिवरेज-ड्रेनेज योजना में हुए भ्रष्टाचार की जांच करने का आदेश आपने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) को दिया. कंबल घोटाला की जांच का आदेश हुआ. मोमेंटम झारखंड के नाम पर हुए सरकारी धन की लूट की जांच कराने की बात आगे बढ़ी. झारनेट 2.0 योजना की बदहाली में पूर्ववर्ती सरकार के मुख्यमंत्री की भ्रष्ट भूमिका के प्रमाण सामने लाया. कौशल विकास एवं नियोजन के फर्जीवाड़ा का भी मैंने पर्दाफाश किया.

मेनहर्ट घोटाला की जांच एसीबी से कराने का आपका आदेश एक साल पहले हुआ. लेकिन यह आदेश एफआईआर कर जांच करने का नहीं हुआ बल्कि प्रारम्भिक जांच करने का हुआ. सरयू राय ने मुख्यमंत्री को बताया है कि जांच पदाधिकारियों के समूह ने इसकी गहन जांच कर कई माह पूर्व जांच प्रतिवेदन सौंप दिया है. जांच में मुख्य अभियुक्त और अन्य दोषी चिन्हित हो गये हैं. दोषियों को उनका पक्ष रखने का मौक़ा भी दे दिया गया है. लेकिन एफआईआर दर्ज कर उनके विरूद्ध दंडात्मक कार्रवाई करने का मामला सरकारी संचिका में धूल फांक रहा है.

सरयू राय ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पूछा है कि पता नहीं क्यों सरकार इस मामले में ढुलमुल रवैया अपना रही है. सरकार की सुस्ती के कारण गंभीर अपराध करने वालों का मनोबल बढ़ा है. इसी तरह टॉफी-टी-शर्ट-सुनिधि चौहान वाले मामले में हुए फर्जीवाड़ा एवं सरकारी धन की लूट का भी पुख्ता प्रमाण मैंने आपकी सरकार को और विधान सभा को दे दिया है. मुकदमा दायर कर दोषियों पर सीधी कार्रवाई करने के लिये पर्याप्त साक्ष्य होने के बावजूद दोषियों पर आखिर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है ?

सरयू राय ने मुख्यमंत्री से भ्रष्टाचार के इन ज्वलंत मामलों पर अविलंब कार्रवाई करने का अनुरोध किया है. उन्होंने अपने पत्र में यह भी लिखा है कि ऐसी नौबत न आये कि जो कार्रवाई सरकार को करनी चाहिये उसके लिये हमें न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिये मजबूर होना पड़े.

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