रांचीः झारखंड का राजनीतिक पारा एक पखवाड़े से चढ़ा हुआ है. मुख्य विपक्षी दल भाजपा के नेता सीधे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर हमलावर हैं. वे एक के बाद एक आरोपों के तीर जेएमएम कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन पर छोड़ रहे हैं. भाजपा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का आरोप भी लगा रही है. भाजपा नेता सार्वजनिक मंचों से कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री ने पत्थर खनन पट्टा खुद ही ले लिया, जो ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के दायरे में आता है और उन्हें कुर्सी छोड़नी होगी. इधर निर्दलीय विधायक सरयू राय की ओर से जेएमएम कार्यकारी अध्यक्ष के बयानों से थोड़ी राहत मिली है. जेएमएम को निर्दलीय विधायक सरयू राय का साथ मिला है. उन्होंने आरोपों की जांच की मांग तो की है, लेकिन कहा कि ऐसा लगता है कि इसमें ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का मामला नहीं बनता.
हर पहलू की जांच होः विधायक सरयू राय ने सोमवार को कहा कि नियमों की परिधि में मुख्यमंत्री पर लग रहे आरोपों की जांच होनी चाहिए, अगर वे दोषी हों तो उन पर भी कार्रवाई की जानी चाहिए. विधायक सरयू राय ने कहा कि जहां तक कोड ऑफ कंडक्ट का सवाल है तो हर पहलू की जांच की जानी चाहिए. विधायक सरयू राय ने कहा कि अभी जो आरोप मुख्यमंत्री पर खनन पट्टा लेने का लग रहा है, उसमें उन्हें ऐसा नहीं लगता कि कोई बड़ा अपराध हुआ है.
सरयू राय बोले-दोनों दलों के नेता आरोप लगाते हैं पर कार्रवाई नहीं करातेः विधायक ने कहा कि भाजपा और झामुमो दोनों दलों के नेता एक-दूसरे पर गम्भीर आरोप तो लगाते हैं पर कार्रवाई नहीं करते. पूर्व मंत्री ने सवाल उठाया कि मेनहर्ट घोटाला, स्थापना दिवस पर टॉफी टीशर्ट घोटाला में जांच पूरी हो जाने के बावजूद वर्तमान सरकार कार्रवाई क्यों नहीं करती, FIR क्यों नहीं कराती. सरयू राय ने सवालिया लहजे में कहा कि यहां कार्रवाई सरकार की ओर से होनी चाहिए पर हर दिन एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप होते हैं बस कार्रवाई नहीं होती.