रांचीः बोकारो से बीजेपी विधायक विरंची नारायण ने झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो से रांची के एसडीओ समेत भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का मामला चलाए जाने की मांग की है. बीजेपी विधायक ने इस बाबत अपना एक आवेदन स्पीकर को दिया है. उसमें उन्होंने साफ कहा है कि उन्हें लॉकडाउन की अवधि में अचानक अपना एफ-टाइप बंगला खाली करने का एक पत्र भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता द्वारा भेजा गया. उन्होंने कहा कि उन्हें आवंटित नए आवास में मरम्मत की जरूरत थी जिसकी सूचना भी उन्होंने विभाग को दी थी. हालांकि अभी तक उस पत्र का जवाब विभाग द्वारा उन्हें नहीं दिया गया.
बलपूर्वक आवास कराया जाएगा खाली
इतना ही नहीं इसके बाद उनके किसी भी पत्र का जवाब कार्यपालक अभियंता ने नहीं भेजा और अचानक 3 जुलाई को उन्हें रांची के एसडीओ का एक पत्र भेजा गया है, जिसमें उन्हें पूर्व विधायक कहकर संबोधित किया गया है. हैरत की बात यह है कि वह बोकारो से दूसरी बार विधायक बने हैं. उन्होंने कहा कि रांची एसडीओ के पत्र में लिखा है कि 72 घंटे के अंदर उन्हें अपना एफ-टाइप बंगला खाली करना होगा अन्यथा निर्धारित अवधि के बाद बलपूर्वक उस आवास को खाली कराया जाएगा.
एसडीओ रख रहे हैं गलत मंशा
बीजेपी विधायक ने कहा कि हैरत की बात यह है कि उन्हें बंगला खाली करने से पहले रांची एसडीओ ने वहां दो दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति करने संबंधी चिट्ठी भी निकाल दी. इतना ही नहीं रांची के सीनियर एसपी से इस हेतु सशस्त्र बल और लाठी बल की मांग भी रख दी. बीजेपी विधायक ने कहा कि इससे साफ होता है कि रांची एसडीओ उनके प्रति गलत मंशा रख रहे हैं और बिना प्रक्रिया का पालन करते हुए यह कदम उठा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिस तरह रांची के एसडीओ ने 3 जुलाई के भेजे गए पत्र में अनुचित शब्दों का प्रयोग किया है उससे वह काफी आहत हैं.
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चले विशेषाधिकार हनन का मामला
भारतीय प्रशासनिक सेवा जैसे सर्वश्रेष्ठ सेवा का अधिकारी इस प्रकार के शब्दों का प्रयोग कर बिना कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किए मान मर्दन करने का प्रयास करें यह शोभनीय नहीं है. उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि जानबूझकर एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि को अपमानित और जलील करने के उद्देश्य से यह काम किया गया है. इस बाबत उन्होंने स्पीकर महतो से उनका आवेदन विशेषाधिकार समिति में भेजने की मांग की है. साथ ही रांची के एसडीओ समेत भवन निर्माण विभाग, भवन प्रमंडल संख्या एक के कार्यपालक अभियंता के खिलाफ विशेषाधिकार हनन के मामला चलाए जाने की मांग की है.
दरअसल, राज्य सरकार ने विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के लगभग आधा दर्जन विधायकों को नए आवास में शिफ्ट करने का फरमान जारी किया है. इस पर बीजेपी विधायकों ने सवाल खड़े किए हैं.